तिरुपति के लड्डू विवाद पर वाईएसआर कांग्रेस हाईकोर्ट पहुंची
अमरावती। तिरुपति मंदिर के लड्डू प्रसादम की पवित्रता और शुद्धता को लेकर विवाद बढ़ता जा रहा है। आंध्र प्रदेश की तेलुगु देशम पार्टी ने दो दिन के अंदर दो दावे किए। नायडू सरकार ने नया आरोप लगाते हुए कहा कि प्रसाद में जानवरों की चर्बी वाला घी और फिश ऑयल मिलाया गया था।
तेदेपा ने ये आरोप एक लैब रिपोर्ट के हवाले से लगाए। उधर, वाईएसआर कांग्रेस ने इस विवाद पर हाईकोर्ट का रुख किया। पार्टी ने हाईकोर्ट से नायडू के आरोपों की जांच के लिए एक कमेटी बनाने की मांग की। कोर्ट 25 सितंबर को सुनवाई करेगा।
इससे पहले 18 सितंबर को आंध्र प्रदेश के सीएम चंद्रबाबू नायडू ने कहा था कि पिछले पांच साल में जगन मोहन सरकार और वाईएसआरसीपी के नेताओं ने तिरुमाला की पवित्रता को धूमिल किया। उधर, मंदिर प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। तिरुपति मंदिर के तीन सौ साल पुराने किचन में रोजाना 3.50 लाख लड्डू बनते हैं। तिरुमाला ट्रस्ट हर साल प्रसादम से सालाना 500 करोड़ रुपए कमाता है।
तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम ने घी की गुणवत्ता की निगरानी के लिए चार सदस्यीय विशेष समिति बना दी है। लैब रिपोर्ट 17 जुलाई को मिली थी। तभी से ही यह रिपोर्ट पब्लिक डोमेन में है, लेकिन इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। रिपोर्ट में ना तो जारी करने वाली संस्था का नाम लिखा है और ना ही किस जगह के सैंपल की जांच की गई है, उसका जिक्र है।
टीडीपी के प्रवक्ता अनम वेंकट रमना रेड्डी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में लैब रिपोर्ट सार्वजनिक की। उन्होंने बताया कि गुजरात स्थित लाइवस्टॉक लैबोरेटरी नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड, काफ लिमिटेड (सेंटर फॉर एनालिसिस एंड लर्निंग इन लाइवस्टॉक एंड फूड) को नौ जुलाई, 2024 को सैंपल भेजा गया था।
आंध्र के मुख्यमंत्री और तेदेपा सुप्रीमो एन चंद्रबाबू नायडू बोले प्रसाद में चर्बी मिलाई जा रही थी। नायडू ने कहा कि जिस कंपनी से घी लिया जा रहा था, उससे करार खत्म कर ब्लैक लिस्ट कर रहे हैं। मामले की जांच विजिलेंस को सौंप दी गई है। एक साल पहले ही कंपनी को सप्लाई का टेंडर मिला था।
तरुमला तिरुपति देवस्थानम के पूर्व प्रधान चेयरमैन और वाईएसआर पार्टी सांसद वाईवी सुब्बा रेड्डी ने कहा, 'तिरुपति लड्डू की पवित्रता पर सीएम नायडू का बयान बहुत ही अपमानजनक है। इससे दुनिया भर के हिंदुओं की भावनाएं आघात हुई हैं।सुब्बा रेड्डी ने कहा कि टीटीडी ने 2019 से 2024 तक नैवेद्यम और प्रसादम तैयार करने में उच्चतम मानकों को बनाए रखा और 2019 से पहले की तुलना में गुणवत्ता में भी सुधार किया।
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