बेसहारा बच्चों का पालनहार बनी योगी सरकार, दिव्यांग बच्चों की पहचान का अभियान
लखनऊ। योगी सरकार द्वारा शुरू की गई स्पॉन्सरशिप योजना वंचित, बेसहारा और दिव्यांग बच्चों के कल्याण में मील का पत्थर साबित हो रही है। महिला एवं बाल विकास विभाग एक अभियान के तहत दिसंबर तक दिव्यांग बच्चों की पहचान कर योजना की पात्रता पूरी करने वाले बच्चों की आर्थिक सहायता करेगी।
स्पॉन्सरशिप योजना के अंतर्गत प्रति बच्चा मासिक 4,000 रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। वित्त वर्ष 2024-25 में 20 हजार बच्चों की सहायता का लक्ष्य रखा गया है।
यह योजना केंद्र सरकार की मिशन वात्सल्य पहल का हिस्सा है और इसका उद्देश्य ऐसे बच्चों को सहायता प्रदान करना है जो कठिन परिस्थितियों में अपने विस्तारित परिवारों के साथ रह रहे हैं।
योगी सरकार ने वित्तीय वर्ष 2024-25 में स्पॉन्सरशिप योजना के तहत 11,860 बच्चों को 1,423.20 लाख रुपये की सहायता राशि वितरित की है। इसके माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि कठिन परिस्थितियों में जी रहे किसी भी बच्चे को सहायता से वंचित न रहना पड़े।
दिव्यांग बच्चों की पहचान कर रही है सरकार
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रदेश में भर में एक विशेष अभियान के तहत दिव्यांग बच्चों की पहचान की जा रही है। दिसंबर महीने तक चलने वाले इस अभियान के तहत जनपद स्तर पर योजनबद्ध तरीके से दिव्यांग बच्चों को चिन्हित कर सरकार की विभिन्न योजनाओं का लाभ दिया जाएगा। इन बच्चों में से जो बच्चे स्पॉन्सरशिप योजना की पात्रता पूर्ण कर रहे हैं उन्हें तत्काल समयबद्ध तरीके से योजना में शामिल किया जाएगा।
पात्रता के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में अभिभावकों की वार्षिक आय सीमा 72,000 रुपये और शहरी क्षेत्रों में 96,000 रुपये तय की गई है। ऐसे मामलों में जहां दोनों अभिभावकों या कानूनी संरक्षकों का निधन हो चुका है, आय सीमा की बाध्यता समाप्त कर दी गई है।
इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए अभिभावकों को आवश्यक दस्तावेज जैसे आधार कार्ड, आय प्रमाण पत्र, उम्र प्रमाण पत्र, अभिभावकों के निधन का प्रमाण पत्र, और बच्चे का शैक्षणिक संस्थान में पंजीकरण प्रमाण, जिला बाल संरक्षण इकाई या जिला प्रोबेशन अधिकारी के कार्यालय में जमा करना होगा।
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