कल की बाजार बंदी बता गई कि दीवाली तो 31 अक्टूबर को ही मनी
आगरा। महानगर में दीपावली भले दो दिन मनी, लेकिन दोनों दिन के माहौल को देखकर एक बात पूरी तरह साफ हो गई कि अधिसंख्य लोगों ने 31 अक्टूबर को ही यह त्यौहार मना लिया। एक नवंबर को शहर के बाजारों में लगभग 80 प्रतिशत दुकानें बंद रहीं, जो इस बात का प्रमाण था कि दीवाली तो 31 अक्टूबर को ही मना ली गई थी।
आगरा में दीपावली के बाद अगले दो दिन यानि गोवर्धन पूजा और भाई दूज के दिन बाजार बंद रहते हैं। भाई दूज के दिन जरूर मिठाई आदि की दुकानें खुलती हैं, लेकिन गोवर्धन पूजा के दिन तो शहर के बाजारों में सन्नाटा सा छा जाता था। कुछ वर्षों पहले तक तो इस दिन सब्जियां तक नहीं मिलती थीं। अन्नकूट के लिए लोग एक दिन पहले ही सब्जियां खरीद लिया करते थे।
विद्वानों ने दो दिन की अमावस्या के कारण एक नवंबर को दिवाली मनाने की बात कही थी, लेकिन आगरा में दीपोत्सव का जो उत्साह 31 अक्टूबर को था, वैसा एक नवंबर को नहीं दिखा।
हालांकि बहुत से परिवारों में एक नवंबर को भी यह त्यौहार मनाया गया। ऐसे लोगों ने दिन के समय पूजन आदि किया। शाम होते ही आतिशबाजी का धूमधड़ाका भी हुआ। एक नवंबर को शहर के सभी प्रमुख बाजारों के व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद थे। हां चौराहों पर फूल और लक्ष्मी गणेश की मूर्ति बेचने वाले जरूर नजर आए, क्योंकि उन्हें दो दिन की दिवाली के चक्कर में दूसरे दिन भी बिक्री की उम्मीद थी।
शहर की विभिन्न सोसाइटीज में भी दीवाली पर कार्यक्रम हुए। विभव ग्रांड हाइट्स ताजनगरी फेस दो में सभी परिवार वालों ने बिल्डिंग को दुल्हन की तरह सजाया। पूजा अर्चना कर सभी निवासियों ने मिल-जुल कर एक दूसरे को दीपावाली की बधाई दी। इस मौके पर आतिशबाजी भी की गई। जरूरतमंद लोगों में मिष्ठान वितरण कर लक्ष्मी मैया से सभी की कुशलता की कामना की गई। कार्यक्रम में सनी खन्ना, प्रमोद खंडेलवाल, मिलन मक्कर, गौरव अग्रवाल, अंजू सेठी, कुलदीप अरोड़ा, शालू मित्तल, वर्षा सेंगर, त्रिलोचन सिंह, बॉबी सलूजा आदि मौजूद रहे।
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