बरेली के दो गांवों में जंगली सियार हुए खूंखार, 21 लोगों को काटा
बरेली जिले में आंवला क्षेत्र के दो गांवों में जंगली सियार खूंखार हो गए हैं। वे गांवों में घुसकर सोते लोगों पर हमला कर रहे हैं। लोग बता रहे हैं कि एक पागल कुत्ते द्वारा काटे जाने पर एक भैंस की मौत हो गई थी। मृत भैंस का मांस खाकर इन सियारों में कुत्ते की खतरनाक रैबीज पनप गई है, इसीलिए वे पागल कुत्ते की तरह ही लोगों को काट रहे हैं।
- आरके सिंह-
बरेली। बहराइच समेत कुछ अन्य जिलों में अभी भेड़ियों के आतंक से मुक्ति भी नहीं मिली थी कि बरेली जिले के दो गांवों में सियारों द्वारा दो गांवों में महिलाओं और बच्चों समेत 21 लोगों पर हमला किए जाने की खबर सामने आई है। प्रभावित गांव आंवला थाना क्षेत्र के हैं।
गर्मी के कारण इन दिनों अधिकांश लोग घर के बाहर सोते हैं। रात के समय ही सियारों ने लोगों पर हमला किया। इसमें रमपुरा के दस और समीपवर्ती गांव देवकोला में 11 लोगों को सियारों ने हमला कर घायल कर दिया।
गांव देवकोला के प्रधान रामबहादुर व रमपुरा के प्रधान जानकी प्रसाद फौजी ने बताया कि रात में करीब तीन बजे के आसपास सियारों ने घर के बाहर सो रहे लोगों पर हमला किया। शोर मचने पर एकत्रित हुए ग्रामीणों ने सियारों को वहां से दौड़ाया। रमपुरा के यशपाल, मेवाराम, प्रतिपाल, कृष्णपाल, चमेली व तीन वर्षीय प्रभात, छह वर्षीय निधि , पांच वर्षीय आयुष व चार वर्षीय आदित्य सहित नौ घायलों को सीएचसी आंवला पर व देवकोला के त्रिमल, खेमकरन, सत्यपाल, भगवानदास, राजेंद्र, शिवदेवी, श्यामवीर, कौशल्या, आशाराम, मोरपाल, व कांति सहित 11 घायलों को पीएचसी रामनगर पर टीके लगाए गए।
ग्रामीणों ने बताया कि एक भैंस को बौराए हुए कुत्ते ने काट लिया था, जिससे उसकी मृत्यु हो गई। मृत भैंस को सड़क किनारे खुले गड्ढे में डाल दिया गया था। बताते हैं कि सियारों ने मृत भैंस का मांस खा लिया। माना जा रहा है कि पागल कुत्ते के रैबीज भैंस के मांस के जरिए सियारों में भी आ गई है। इसी पागलपन में सियार भी पागल कुत्ते की तरह सोते हुए लोगों पर हमला कर रह उन्हें काट रहे हैं। सियारों ने गांवों में भैंसों व बकरियों पर भी हमला किया। सीएचसी अधीक्षक डा. सुनील कुमार ने बताया कि अस्पताल में टीके उपलब्ध हैं। वन विभाग को भी सूचित किया गया है।
बरेली की डीएफओ दीक्षा भंडारी ने बताया कि पूरे जिले में भेड़ियों की दस्तक की कोई सूचना तो नहीं है, लेकिन जंगल और गन्ने के खेतों में सियार अवश्य विचरण कर रहे हैं। इस समय उनका प्रजनन काल चल रहा है। इस दरम्यान सियारों को छेड़ने पर वे खूंखार हो जाते हैं। शायद यही वजह हो सकती है उनके द्वारा लोगों को काटने की। वैसे उन्होंने आंवला क्षेत्र के रेंजर और स्टाफ को निर्देश दिए हैं कि वह ग्रामीणों को सियारों से बचाव के प्रति एलर्ट करें। यह भी बताएं कि क्षेत्र में भेड़िया सक्रिय नहीं है, भयभीत न हों।
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