आगरा के इस मामले ने अधिकारियों और नेताओं की नींद क्यों उड़ा रखी है?

आगरा। सेवानिवृत्त आईएएस मोहन्दर सिंह और राकेश बहादुर की काली कमाई बड़े बिल्डरों के यहां खपने के इनपुट मिलने के बाद आयकर विभाग की नज़र अधिकारियों और नेताओं पर टेढ़ी हो गई है। आयकर विभाग के नये फरमान से आगरा में तैनात रह चुके अधिकारियों और कुछ नेताओं में खलबली मच गई है। नींद उड़ चुकी है। 

Nov 12, 2024 - 17:19
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आगरा के इस मामले ने अधिकारियों और नेताओं की नींद क्यों उड़ा रखी है?

आयकर विभाग ने जनवरी 2008 से नवंबर 2024 तक यानि 16 वर्ष के बीच ख़ुद या कंपनी के नाम से 1000 वर्ग मीटर से अधिक जमीन ख़रीदने वालों की सूची ज़िला प्रशासन और विकास प्राधिकरण से मांगी है। आयकर विभाग इस जानकारी को लेकर इतना गंभीर है कि जानकारी उपलब्ध न कराने वालों पर जुर्माने तक की चेतावनी जारी कर दी है। 

आयकर विभाग की नजर बेनामी संपत्तियों पर है। काला धन जुटाने वाले अक्सर संपत्तियों में निवेश अपने नजदीकी रिश्तेदार अथवा किसी अन्य भरोसेमंद के नाम पर करते हैं। ऐसी संपत्तियां ही बेनामी की श्रेणी में आती हैं। 

आयकर विभाग बेनामी संपत्तियों के मामलों में तह तक जाने की तैयारी में है। जिन लोगों ने अपने रिश्तेदारों अथवा नौकरों के नाम से जमीन खरीद रखी है, उन मामलों में रिश्तेदारों और नौकरों से भी पूछा जाएगा कि उनके पास जमीन खरीदने का पैसा कहां से आया। 

आयकर विभाग के इस नये फरमान ने नेताओं, अधिकारियों, बिल्डरों,  उद्यमियों की नींद उड़ा दी है। आगरा में तैनाती के दौरान कई अधिकारियों ने तमाम बेनामी सम्पतियां ख़रीदी हुई हैं। पूर्व में हुई जांच में इसके खुलासे भी हो चुके हैं। 

यमुना एक्सप्रेस वे और लखनऊ एक्सप्रेस वे के निर्माण के दौरान आगरा में तैनात रहे कई बड़े अधिकारियों ने अपनी काली कमाई को जमीनों की खरीद-फ़रोख़्त में निवेश कर रखा है। पूर्व में आगरा में तहसीलदार व एसडीएम पद पर तैनात रहे एक अधिकारी की यमुना एक्सप्रेस वे और इनर रिंग रोड के किनारे बेशक़ीमती ज़मीन होने के साक्ष्य मिल चुके हैं। 

आगरा में तैनात रहे एक डीएम के बारे में भी चर्चा रही कि उन्होंने ख़ुद और अपने परिजनों के नाम से फतेहाबाद में लखनऊ एक्सप्रेस वे के पास ज़मीन ख़रीदी है। 

आयकर विभाग अगर ये जानकारी जुटाने में सफल रहा तो बड़े-बड़े चेहरों से नकाब उतरना तय है। समय-समय पर सत्ता पक्ष से जुड़े नेताओं की खासी बेनामी संपत्तियां हैं। चूंकि आयकर विभाग ने आगरा की बेनामी संपत्तियों का भी ब्यौरा मांगा है, इसलिए यहां के लोगों की नींद उड़ना स्वाभाविक है।  

आयकर विभाग जिन पिछले 16 वर्ष की बेनामी संपत्तियों की सूची मांग रहा है, उस कार्यकाल में बसपा, सपा और भाजपा तीनों ही दल सत्ता में रहे हैं। वर्तमान में भी बीजेपी सत्तारूढ़ है। आयकर के कदम से अधिकारियों और नेताओं में बेचैनी बढ़ गई है। 

अब देखना यह है कि आयकर विभाग इन लोगों की गर्दन दबोच पाता है या ये फिर बचकर निकल जाएंगे। 

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SP_Singh AURGURU Editor