सांसद राज कुमार चाहर को इतना गुस्सा क्यों आया और किस पर आया?
आगरा। महानगर भारतीय जनता पार्टी की कोर कमेटी की विगत दिवस हुई बैठक में खुद को न बुलाए जाने पर फतेहपुरसीकरी के सांसद राज कुमार चाहर संगठन के एक पदाधिकारी पर बुरी तरह बिफर पड़े। यह बैठक नगर निगम में नामित होने वाले दस पार्षदों के नाम तय करने के लिए बुलाई गई थी। बैठक के दौरान भी खूब वाद-विवाद हुआ।
-महानगर भाजपा की कोर कमेटी की बैठक की सूचना नहीं दी गई, पूछा तो मना कर दिया गया
-बैठक के बाद महानगर के पदाधिकारी को सबके सामने लिया आड़े हाथ, पर्यवेक्षक भी थे मौजूद
आगरा ग्रामीण के छह वार्ड हैं नगर निगम में
आगरा नगर निगम के छह वार्ड फतेहपुरसीकरी संसदीय सीट के अंतर्गत आने वाले आगरा ग्रामीण विधान सभा क्षेत्र में आते हैं। इस लिहाज से सांसद राज कुमार चाहर भी महानगर की कोर कमेटी की बैठक में भाग लेने का अधिकार रखते थे। आगरा ग्रामीण की विधायक और कैबिनेट मंत्री बेबीरानी मौर्य भी इसी आधार पर कोर कमेटी की सदस्य होती हैं।
फोन पर पूछा तो मना कर दिया गया
महानगर की कोर कमेटी की जब बैठक चल रही थी, उसी दौरान सांसद राज कुमार चाहर ने महानगर भाजपा के एक पदाधिकरी से पूछा कि क्या उन्हें भी महानगर की बैठक में भाग लेना है। इस पर उन्हें मना कर दिया गया। इसके बाद सांसद चाहर बैठक में तो नहीं आए, लेकिन मीटिंग खत्म होने के बाद वे इस पदाधिकारी पर बुरी तरह बिफर पड़े। सांसद चाहर का कहना था कि जब उनके संसदीय क्षेत्र के छह वार्ड नगर निगम में आते हैं तो वे भी महानगर की कोर कमेटी के सदस्य होते हैं। उन्हें इस बैठक के बारे में पहले तो सूचना नहीं दी गई और जब उन्होंने स्वयं पूछा तो भी मना कर दिया गया।
निकाय चुनाव में भी नहीं पूछा था
सांसद राज कुमार चाहर यहीं नहीं रुके। उन्होंने निकाय चुनाव के दौरान प्रत्याशियों के चयन संबंधी बैठकों में भी उन्हें न बुलाए जाने पर अपना गुस्सा निकाला। पदाधिकारी को आड़े हाथ लेते हुए कहा कि मेरे क्षेत्र के छह वार्डों के प्रत्याशियों के नाम तय करते समय भी मुझसे नहीं पूछा गया। सांसद का कहना था कि संगठन को मजाक बनाकर रख दिया गया है और मनमाने तरीके से चलाया जा रहा है।
सांसद के गुस्से से सभी सन्नाटे में
सांसद चाहर इतने गुस्से में थे कि आसपास खड़े लोग भी सन्नाटे में आ गए। प्रदेश भाजपा की ओर से पर्यवेक्षक के रूप में भेजे गए राज्यमंत्री सोमेंद्र तोमर ने सांसद चाहर को शांत करते हुए यह बात मानी कि उन्हें कोर कमेटी की बैठक में बुलाया जाना चाहिए था। महानगर भाजपा के पदाधिकारी पर तो जवाब ही नहीं बन रहा था।