डीएम को क्यों कहना पड़ा कि फैक्ट्री पर ताला डलवा दूंगा, बुलाने पर भी नहीं आए थे छह फैक्ट्री मालिक
आगरा। श्रमिकों की समस्याओं के मुद्दे पर जिलाधिकारी ने छह फैक्ट्री मालिकों को बुलाया, लेकिन एक भी नहीं पहुंचा। एक फैक्ट्री मालिक ने अपनी मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट के साथ अपने एक कर्मचारी को भेजा। यह देख जिलाधिकारी की तैयारियां चढ़ गईं। फैक्ट्री मालिक के कर्मचारी को बैठक से बाहर निकाल दिया।
- धनतेरस पर आठ घंटे खाली कनस्तर पीटने वाले 250 श्रमिकों के मुद्दे पर बुलाई थी बैठक
जिलाधिकारी का मूड इतना उखड़ गया कि उन्होंने फैक्ट्री मालिक के कर्मचारी से यहां तक कह दिया कि फैक्ट्री में ताला डलवा दूंगा। बीमारी के नाम पर मीटिंग में नहीं आ रहे। दिल्ली जाकर टेस्ट कराने के लिए पैसे हैं लेकिन मजदूरों के बकाया का भुगतान करने के लिए नहीं। डीएम ने इसके साथ ही मातहतों को निर्देशित किया कि दो चार दिन में फिर से बैठक बुलाइए, देखते हैं कैसे श्रमिकों को उनका हक नहीं देते।
जिलाधिकारी के निर्देश पर यह बैठक विगत पांच नवंबर को डीएम ऑफिस में बुलाई गई थी। बता दें कि ये वही मामला है जिसमें दीपोत्सव के अंतर्गत धनतेरस के दिन छह फैक्ट्रियों के ढाई सौ श्रमिकों ने कलेक्ट्रेट में डीएम ऑफिस के सामने लगातार आठ घंटे तक खाली कनस्तर बजाए थे। इन श्रमिकों ने डीएम से सवाल पूछा था कि धनतेरस को जब सारा शहर बाजारों में खरीदारी कर रहा है, तब वे अपने बच्चों की भूख मिटाने के लिए खाली कनस्तर पीटने को क्यों मजबूर हैं?
उस दिन एडीएम सिटी, सिटी मजिस्ट्रेट और एसीएम ने श्रमिकों को बहुत समझाया, लेकिन वह जिलाधिकारी से मुलाकात की मांग पर अड़े रहे थे। श्रमिक नेता चौधरी दिलीप सिंह के नेतृत्व में सुबह से शुरू हुआ यह धरना प्रदर्शन रात 9:00 बजे तब खत्म हुआ था जब जिलाधिकारी ने नूनिहाई स्थित जगदीश मेटल वर्क्स पर रात में ही ताला डलवा दिया था। साथ ही श्रम विभाग से बैनारा बेयरिंग पिस्टन के लिए रिकवरी सर्टिफिकेट जारी कर कर उसी रात तहसीलदार को उसकी तामील करा दी थी।
उस दिन जिलाधिकारी ने इन श्रमिकों से एक हफ्ते की मोहलत मांगी थी और कहा था कि दीपावली के बाद सभी संबंधित विभागों के अधिकारियों की बैठक बुलाकर उनकी समस्याओं का निराकरण करेंगे।
इसी क्रम में जिला अपर जिलाधिकारी नगर की ओर से संबंधित छह फैक्ट्रियों के मालिकों के अलावा श्रम विभाग, ईएसआई, प्रोविडेंट फंड समेत अन्य विभागों के अधिकारियों की संयुक्त बैठक बुलाई थी। श्रमिकों को भी इस बैठक में आमंत्रित किया गया था। श्रमिक नेता चौधरी दिलीप सिंह ने बताया कि श्रम ईएसआई के अधिकारी बैठक में पहुंचे लेकिन भविष्य निधि विभाग का कोई अधिकारी नहीं आया। श्रमिक पक्ष से भी सभी प्रतिनिधि बैठक में पहुंच गए थे, लेकिन फैक्ट्री मालिकों की तरफ से कोई भी बैठक में उपस्थित नहीं हुआ।
दिलीप सिंह के अनुसार बैनारा बेयरिंग एंड पिस्टन की ओर से एक कर्मचारी अपने मालिक की मेडिकल टेस्ट रिपोर्ट लेकर बैठक में पहुंचा और बताया कि उनके मालिक का स्वास्थ्य ठीक नहीं है। यह सुनकर जिलाधिकारी उखड़ गए और उन्होंने कहा कि यह मजदूरों के बकाए का भुगतान न करने बहानेबाजी है। जब अपने मेडिकल टेस्ट दिल्ली में जाकर करा सकते हैं तो मजदूरों के बकाया का भुगतान क्यों नहीं कर सकते।
जिलाधिकारी इतने गुस्से में थे कि उन्होंने कर्मचारी से यहां तक कह दिया कि कह देना मालिक से, भुगतान कर दें नहीं तो फैक्ट्री में ताला डलवा दूंगा। इसके साथ ही वे मीटिंग से उठ गए और उन्होंने अधिकारियों से कहा कि जल्द ही फिर से बैठक बुलाकर सभी मालिकों का भी बैठक में आना सुनिश्चित करें।
ये फैक्ट्री स्वामी बुलाए गए थे बैठक में
श्रमिकों से संबंधित मामलों के लिए जिलाधिकारी के आदेश पर एडीएम सिटी द्वारा बुलाई गई बैठक में बैनारा बेयरिंग्स और पिस्टन लिमिटेड के निदेशक पन्नालाल जैन, बैनारा बियरिंग एवं पिस्टन लिमिटेड द्वितीय यूनिट के मालिक, विनय आयरन फाउंड्री अरतौनी, मैसर्स बैनारा ऑटोज प्राइवेट लिमिटेड अरतौनी के राजेश बैनारा, मैसर्स बैनारा आटोमोटिव प्राइवेट लिमिटेड साइट सी सिकंदरा और मैसर्स जगदीश मेटल वर्क्स इंडस्ट्रियल एरिया न्यूनिहाई के मलिक शामिल हैं। इन सभी फैक्ट्री द्वारा अपने वर्कर्स के देयों का भुगतान नहीं किया जा रहा है।
जगदीश मेटल वर्क्स पर अभी भी ताला
बता दें कि जगदीश मेटल वर्क्स पर जिलाधिकारी ने धनतेरस की रात को ही ताला डलवा दिया था जो अभी तक लगा हुआ है। पांच नवंबर की बैठक में जिला अधिकारी ने श्रम विभाग को निर्देश दिए कि जब तक इस फैक्ट्री के मालिक कर्मचारियों के देयों का भुगतान नहीं कर देते, फैक्ट्री का ताला ना खोला जाए।
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