हरियाणा में राम विलास बागी हुए तो मुकदमे का आदेश हो गया
हरियाणा में भाजपा ने इस बार अपने दिग्गज नेता राम विलास शर्मा का टिकट काट दिया है। इसके बाद शर्मा ने निर्दलीय पर्चा दाखिल किया तो राज्य के मुख्य सचिव के स्तर से एक मामले में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी हो गया। यह घटनाक्रम राज्य में चर्चा का विषय बन गया है।
चंडीगढ़। समूचे हरियाणा के भाजपाई परिवार में आजकल एक नाम बहुत चर्चा में है। यह नाम है पार्टी के दिग्गज नेता रामविलास शर्मा का, जिनका न केवल पार्टी ने टिकट काट दिया है अपितु उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश भी जारी हो गया है। यह घटनाक्रम तब हुआ जब टिकट कटने के बाद राम विलास शर्मा ने बागी तेवर दिखाए और महेंद्रगढ़ जिले की अपनी परम्परागत सीट से निर्दलीय नामांकन दाखिल कर दिया। इसके बाद ही मुख्य सचिव के स्तर से उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश जारी हो गए।
हरियाणा भाजपा के अंदर रामविलास शर्मा का नाम उसी तरह से लिया जाता है जैसे कि यूपी में कल्याण सिंह और कलराज मिश्र का। राज्य के सबसे वरिष्ठ भाजपा नेताओं में से एक हैं राम विलास शर्मा। भाजपा जब-जब राज्य की सत्ता में किसी भी गठबंधन के साथ आई, उस दौरान भाजपा की ओर से रामविलास शर्मा ही राज्य सरकार में मंत्री रहे। वे जनसंघ के समय से पार्टी का झंडा उठाते आ रहे हैं। कई बार मंत्री रहने के साथ ही वे बीस साल तक पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे।
रामविलास शर्मा लगातार चुनाव लड़ते चले आ रहे थे, लेकिन पिछला विधानसभा चुनाव वे हार गए थे। उनकी आयु भी लगभग 70 वर्ष से ऊपर हो चुकी है। इसी वजह से इस बार चर्चाएं थी कि पार्टी उन्हें चुनाव लड़ाएगी या नहीं। भाजपा की ओर से रामविलास शर्मा की सीट पर अभी तक प्रत्याशी घोषित नहीं किया गया था, लेकिन कल भाजपा ने रामविलास शर्मा की सीट से उनकी जगह किसी दूसरे प्रत्याशी को मैदान में उतार दिया है। इसके तत्काल बाद राम विलास ने निर्दलीय पर्चा दाखिल कर दिया।
चंद घंटों के भीतर समूचे हरियाणा में यह खबर फैल गई कि सालों पुराने एक मामले में रामविलास शर्मा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश मुख्य सचिव ने जारी कर दिए हैं। भाजपा के अंतःपुर में इस खबर से सभी हैरान रह गए । दरअसल हरियाणा में मुख्यमंत्री कार्यालय ने सीएम विंडो नाम से ऑनलाइन शिकायतें देने का एक प्रावधान कर रखा है। इसी पोर्टल पर किसी ने रामविलास शर्मा के बारे में किसी ने शिकायत की और इसी को आधार बनाकर उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश जारी हो गया।
जिन रामविलास शर्मा ने अपना पूरा जीवन पार्टी में खपा दिया, उनके खिलाफ अपनी ही सरकार में मुकदमा का आदेश जारी होना भाजपाइयों के गले नहीं उतर रहा। यह भी माना जा रहा है कि शर्मा के निर्दलीय पर्चा भरने के कारण पार्टी ने दबाव की रणनीति के तहत यह कदम उठाया है।
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