आगरा कॊलेज प्रिंसिपल ऒफिस में वह हुआ जो नहीं होना चाहिए था
आगरा। आगरा कॊलेज में शिक्षकों के बीच अप्रिय घटनाक्रम हुआ है। गणित विभाग के शिक्षक डॊ. सुनील यादव ने कॊलेज के ही फाइन आर्ट विभाग की प्रो. मीना कुमारी और उनके पति इतिहास विभाग के शिक्षक डॊ. महावीर सिंह को गंदी गालियां ही नहीं दीं अपितु जातिसूचक शब्दों के साथ अपमानित किया। यह सब कुछ प्रिंसिपल ऒफिस में प्राचार्य डॊ. आरके श्रीवास्तव की मौजूदगी में हुआ। शिक्षक दंपति ने इस मामले की शिकायत प्रिंसिपल से भी की है।
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-गणित विभाग के शिक्षक डॊ. सुनील यादव पर दलित शिक्षक दंपति ने लगाया गालीगलौज का आरोप
-जातिसूचक शब्दों का भी इस्तेमाल किया, शिक्षक दंपति ने की है डॊ. सुनील की प्राचार्य से शिकायत
डॊ. महावीर सिंह द्वारा घटनाक्रम के बारे में कॊलेज प्राचार्य से की गई शिकायत के अनुसार, प्रो. मीना कुमारी भी कॊलेज की ही शिक्षक हैं। ठीक है, डॉ. सुनील यादव सर राजनीतिक रूप से ताकतवर हैं। आपके (प्रिंसिपल) विभाग के ही हैं। साथ ही ताकतवर हैं। आर्थिक और राजनीतिक रूप से साधन-संपन्न होना अच्छी बात है, लेकिन मैं और मेरी पत्नी प्रोफेसर मीना कुमारी अति दलित अनुसूचित जाति की हैं।
शिक्षक महावीर सिंह ने अपनी शिकायत में आगे कहा है कि प्रोफेसर मीना कुमारी किसी समस्या को लेकर आपसे (प्रिंसिपल) बात कर रही थीं। तभी डॉ. सुनील यादव अपशब्दों का प्रयोग करते हुए चुनौती देने लगे कि मीना सुन, सेवानिवृत्ति आसानी से नहीं होने दूंगा। जब मैंने हस्तक्षेप किया तो कहने लगे, ....अपनी जाति की औकात में रह। ....गाल में चांटा मारूंगा। उसके बाद आनंद पांडेय उठकर खड़े होकर बोलने लगे, कोई बात नहीं है भाई साहब। सुनील यादव बड़े भाई हैं।
प्रिंसिपल से की गई शिकायत में कहा गया है, बड़े भाई (डॊ. सुनील यादव) हैं, सम्मानित हैं, लेकिन जाति भावना को लेकर तू-तड़ाक बोलते हुए थप्पड मारने की बात कहने का किसी को अधिकार नहीं है। मुझे आत्मिक पीड़ा। डॊ. महावीर सिंह ने अपनी शिकायत में यह भी कहा है कि डॉ. सुनील यादव कभी कोई क्लास नहीं लेते। यह कालेज में छात्र/छात्राओं से भी पूछा जा सकता है। यह एक प्राचार्य एवं प्रशासनिक व्यवस्था का प्रश्न है, लेकिन मेरे और मेरी पत्नी पर जाति विशेष के आधार पर व्यंग्य और टीका टिप्पणी करने का किसी को विशेषाधिकार नहीं है।
प्रिंसिपल ने माना, हॊट टॊक हुई
इस बारे में पूछे जाने पर कॊलेज प्रिंसिपल डॊ. आरके श्रीवास्तव ने स्वीकार किया कि उनके दफ्तर में शिक्षकों के बीच हॊट-टॊक का घटनाक्रम हुआ था। डॊ. श्रीवास्तव ने कहा कि मैं तो पहले यही समझता रहा कि कॊलेज के शिक्षक हैं और आपस में बात कर रहे हैं, लेकिन बातों ही बातों में मामला हॊट टॊक तक पहुंच गया। प्रिंसिपल ने स्वीकार किया कि उन्हें शिकायत मिली है।
डॊ. सुनील बोले- विवाद जैसी कोई बात नहीं हुई
आगरा कॊलेज गणित विभाग के डॊ. सुनील यादव ने खुद के ऊपर लगे आरोपों पर कहा कि चार लोग बैठते हैं तो बातें तो होती ही हैं। तेज आवाज में बातें जरूर हुई थीं, लेकिन विवाद जैसी कोई बात नहीं हुई।