चम्बल में जलस्तर उतार पर, ऊटंगन में लगातार बढ़ोत्तरी, कई गाँव जलमग्न

पिनाहट/आगरा। राजस्थान,मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश में लगातार हुई झमाझम बारिश के चलते नदियों पर बंने बांधों से पानी छोड़ने की वजह से चंबल और ऊटंगन नदियों का जल स्तर बढ़ गया है। हालाँकि राहत की बात यह कि खतरे के निशान से दो मीटर नीचे बह रही चम्बल का पानी एक मीटर उतर गया है, वहीं ऊटंगन नदी का जल स्तर अभी भी लगातार बढ़ रहा है। जिसके चलते नजदीक के खेतों में पानी भर गया है।

Sep 14, 2024 - 15:28
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चम्बल में जलस्तर उतार पर, ऊटंगन में लगातार बढ़ोत्तरी, कई गाँव जलमग्न
उटंगन नदी का पानी बढ़ने से खेतों की दुर्दशा हो गई है तो वहीं चंबल का पानी उतार पर है।
चम्बल में जलस्तर उतार पर, ऊटंगन में लगातार बढ़ोत्तरी, कई गाँव जलमग्न

राजस्थान के कोटा बैराज से चंबल नदी में 3 लाख क्यूसेक पानी छोड़ गया था। इधर सहायक नदियां काली, सिंध और पार्वती नदियों के पानी की आवक चंबल नदी में बनने से चंबल का जलस्तर तेजी के साथ बढ़ गया था। जलस्तर पिनाहट घाट पर बढ़कर शुक्रवार देर शाम तक 126 मीटर तक पहुंच गया था। चेतावनी स्तर 128 मीटर से महज 2 मीटर नीचे चंबल पहुंच गई। जिसे लेकर चंबल नदी किनारे बसे गांवों के लोगों को सतर्क रहने की प्रशासन द्वारा चेतावनी जारी की गई थी। कछार के खेतों में पानी पहुंचने से किसानो की चिंता बढ़ गई। बाह क्षेत्र के गांव रानीपुर, भटपुरा,गोहरा,गुढ़ा गांव के मार्गों पर पानी भर जाने के कारण संपर्क टूट गया। पानी बढ़ने को लेकर ग्रामीणों की धड़कनें बढ़ गई थी। ट्रैक्टरों से सामान लादकर कर लोग ऊंचे स्थानों पर पशुओं को लेकर पहुंचे गए। शुक्रवार की रात को धीरे-धीरे चंबल नदी थमने लगी और शांत हो गई। शनिवार सुबह नदी का एक मीटर जलस्तर घट गया। धीरे-धीरे जलस्तर अब घटने लगा है।

उटंगन में उफान, तीन दर्जन गांवों के मार्गों पर भरा पानी 

राजस्थान के करौली क्षेत्र स्थित आंगई बांध में बरसात के पानी की आवक होने के चलते बांध के 16 गेट खोलकर उटंगन नदी में 1 लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया है, जिससे 30 वर्षों बाद पार्वती-उटंगन नदी में उफान आ गया है।  नदी का  जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। नदी के पार जाने वाले रास्ते पूरी तरह से डूब गए हैं। तीन दर्जन से अधिक गांव में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। गांव के मार्गों पर पानी भर जाने के कारण लोग घरों में कैद हैं। खाने पीने के सामान की समस्या उत्पन्न हो गई है।नदी के कछार के हजारों बीघा किसानों की फसल पूरी तरह से डूब गई है। जिसके चलते अन्नदाता के सामने संकट खड़ा हो गया है। उटंगन का पानी टोड़ा, सेहा,गुरावली, बसई गुर्जर, सेरब आदि गांव में पहुंचने से समस्या उत्पन्न हो गई है।वहीं नदी के बढ़ते जलस्तर को लेकर जिला प्रशासन अलर्ट है। पुलिस प्रशासन द्वारा गांव-गांव पहुंचकर ग्रामीणों को नदी किनारे नहीं जाने की चेतावनी जारी की गई है। निचले इलाके के गांव के लोगों को घरेलू सामान, पशुओं सहित सुरक्षित स्थानों पर पहुंचने की अपील की गई है। प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी लगातार क्षेत्र की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। ग्रामीणों द्वारा फसलों में हुए नुकसान के लिए मुआवजा की गुहार लगाई जा रही है।

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