वक्फ बिलः टाइम कम है, जल्दी से भेजो जेपीसी को सुझाव, मुस्लिमों की तेजी देख संघ भी कूदा
आगरा। केंद्र सरकार द्वारा संसद में पेश किए गए नये वक्फ बोर्ड बिल का मामला संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष विचाराधीन है। प्रायः हर रोज समिति की बैठकें चल रही हैं। इस बीच समिति द्वारा बिल के बारे में जनता से सुझाव मांगे जाने के बाद देश भर में मुस्लिम समुदाय की ओर से समिति के समक्ष अधिकाधिक सुझाव भेजने का अभियान छेड़ दिया गया है। इसके लिए जहां मस्जिदों से अनाउंसमेंट हो रहे हैं, वहीं क्यूआर कोड बनाकर भी मुस्लिम बस्तियों, मस्जिदों की दीवारों पर चिपकाए जा रहे हैं। मुस्लिम संगठनों के अलावा मौलाना व अन्य मुस्लिम नेता भी इस अभियान में कूद पड़े हैं।
इसकी प्रतिक्रिया हिंदू पक्ष में भी हुई है। इस ओर ध्यान जाने के बाद आरएसएस भी अलर्ट हो गया है। आरएसएस अपने सभी संगठनों के जरिए संयुक्त संसदीय समिति के पास वक्फ बोर्ड को लेकर सुझाव भिजवा रहा है। दोनों ओर के इस अभियान का असर आगरा में भी दिख रहा है।
आगरा के मंटोला क्षेत्र में संसदीय समिति के समक्ष सुझाव भेजने के लिए लोगों को जागरूक करने का अभियान तेजी से चल रहा है। बताया गया है कि इसके लिए लाउडस्पीकर से भी अनाउंसमेंट किया गया। इलाके में पोस्टर-बैनर भी लगाए गए हैं। शहर की अन्य मुस्लिम बस्तियों में भी व्यापक स्तर पर अभियान चलाया जा रहा है। कोशिश है कि संसदीय समिति के समक्ष आगरा से बड़ी संख्या में लोगों के सुझाव पहुंचें।
जो लोग कम पढ़े लिखे हैं, उन्हें एक प्रारूप भेजकर कहा जा रहा है कि इस पर अपना नाम लिखकर जेपीसी को मेल पर भेज दें। मुस्लिम पर्सनल ला बोर्ड, जमीयत उलेमा ए हिंद, आल इंडिया मोमिन कान्फ्रेंस समेत दर्जनों मुस्लिम संगठनों की ओर से भी आगरा में लोगों को संदेश भेजे जा रहे हैं कि अधिकाधिक लोगों से वक्फ बिल के विरोध में सुझाव भिजवाएं। लखनऊ समेत यूपी के तमाम शहरों में मस्जिदों से तकरीरों में भी वक्फ बिल का विरोध करने की अपील की जा रही है।
उधर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके सभी संगठन भी वक्फ बिल को लेकर नागरिकों के बीच जागरूकता पैदा करने के अभियान में जुट गए हैं। संघ की शाखाओं में आने वाले स्वयंसेवकों को बताया जा रहा है कि जेपीसी को सुझाव भेजने के लिए क्या प्रक्रिया अपनाई जानी है। स्वयंसेवकों से कहा जा रहा है कि वे अपने परिचितों के पास जाएं और अधिकाधिक लोगों से उनके सुझाव संयुक्त संसदीय समिति के समक्ष भिजवाएं।
इस समिति के समक्ष 13 सितंबर तक सुझाव भेजे जाने हैं, इसलिए संघ इस बात पर भी जोर दे रहा है कि जल्दी से जल्दी सुझाव भिजवाएं। जाहिर है कि दोनों पक्षों की इस कवायद के पीछे यही रणनीति है कि मुस्लिम केंद्र सरकार के नये वक्फ बिल को पास न होने दें और हिंदू पक्ष की कोशिश है कि वक्फ के नाम पर किसी भी संपत्ति को वक्फ की संपत्ति घोषित करने पर रोक लगे। जिस संयुक्त संसदीय समिति में इस बिल पर चर्चा हो रही है, वहां भी सांसद इसी आधार पर बंटे दिखाई दे रहे हैं।
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