चंबल को बचाने के लिए 1796 किलोमीटर चल चुके, किया जनजागरण
पिनाहट। नदियों को बचाने और संरक्षित करने के लिए निकाली जा रही जन जागरण यात्रा के तहत चंबल नदी को बचाने के लिए ठाकुर रॉबिन परिहार और स्वामी तेजोमयनंद महाराज, रामधीरज सिंह द्वारा 63 दिन पूर्व शुरू की गई पंचनदा पैदल यात्रा करीब 1796 किलोमीटर की दूरी मंगलवार तक तय कर चुकी है।
-इटावा से शुरू हुई यात्रा चंबल के उदगम स्थल तक गई, वापसी में पंचनदा पर होगा समापन
नदियों और चंबल बचाने की मुहिम लगभग 7 दिसंबर को 70 दिन बाद चंबल यमुना, क्वारी समेत पांच नदियों के संगम पंचनदा पर समाप्त होगी। मंगलवार को धौलपुर होते हुए राजाखेड़ा पर यात्रा का पड़ाव हुआ। राजाखेड़ा से चंबल बचाओ यात्रा पिनाहट के भदरौली के लिए चली। देवगढ़ गांव पहुंचने पर पैदल जनजागरण यात्रा के 63 वें दिन ग्रामीणों द्वारा जोशीला स्वागत किया गया।
फूलमाला, साफा पहनाकर स्वागत सम्मान कर यात्रियों को जलपान कराया गया। इस दौरान रॉबिन परिहार ने बताया कि नदियां हमारी जीवन रेखा हैं और इन्हें बचाना हमारा कर्तव्य। वह नदियों को बचाने के लिए मुहिम चला रहे हैं। बीते 2 अक्टूबर को चंबल यमुना संगम इटावा से उन्होंने जन जागरण यात्रा शुरू की थी और चंबल के उद्गम स्थल जानापाव महू जिला इंदौर से होते हुए पुन: उनकी यात्रा आगामी 7 दिसंबर को पंचनदा संगम पर भरेश्वर मंदिर भरेह जिला इटावा पर पूर्ण होकर समाप्त होगी।
वे नदियों और चंबल को बचाने के लिए यात्रा कर रहे हैं और गांव-गांव लोगों को जागरूक कर रहे हैं। इस दौरान देवगढ़ गांव पहुचने पर शम्भू सिंह परिहार ,लाल सिंह परिहार, विवेक परिहार, कुलदीप तोमर, कृष्णा तोमर ,विवेक तोमर ,शैतान सिंह, रामजी लाल आदि ग्रामीण मौजूद रहे।
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