तनाव मुक्त करने वाली है आयकर की विवाद से विश्वास स्कीम
आगरा। नेशनल चैंबर भवन में उद्यमियों और व्यापारियों से परिचर्चा के दौरान प्रधान आयकर आयुक्त ने सभी से अपील की कि वे सरकार द्वारा शुरू की गई विवाद से विश्वास योजना का लाभ उठाकर अपने लंबित मुकदमों का निस्तारण कराएं। परिचर्चा में बताया गया कि बिना विलम्ब शुल्क के 31 दिसंबर तक या उससे पहले आवेदन किए जा सकते हैं। 31 दिसंबर के 10 प्रतिशत विलम्ब शुल्क देना होगा।
- नेशनल चैंबर भवन में परिचर्चा, बिना विलम्ब शुल्क के 31 दिसंबर तक या उससे पहले करें आवेदन, 31 दिसंबर के बाद लगेगा 10 प्रतिशत विलम्ब शुल्क
नेशनल चैम्बर के अध्यक्ष अतुल गुप्ता ने परिचर्चा की शुरुआत करते हुए बताया कि न्यायालयों में लंबित मुकदमों के निपटारे हेतु इस योजना को लाने के लिए चैम्बर द्वारा ही पहल की गयी थी। यह चैम्बर की बड़ी उपलब्धि है कि सरकार द्वारा विवाद से विश्वास योजना पूरे देश में लागू की गई है। इससे करदाता और विभागीय अधिकारियों का महत्वपूर्ण समय बचेगा। साथ ही करदाता लंबित वादों का निपटान होने से मानसिक तनाव से मुक्त हो सकेंगे।
वरिष्ठ आयकर अधिवक्ता एवं चैम्बर के पूर्व अध्यक्ष अनिल वर्मा ने विवाद से विश्वास योजना के उद्देश्य, आवेदन करने की प्रक्रिया, कौन से विवादित मामले इस योजना में निपटाये जा सकते हैं आदि पर विस्तार से प्रकाश डाला। आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन सीए दीपेन्द्र मोहन ने योजना के तकनीकी प्रावधानों और कई एफएक्यू की जानकारी प्रदान की।
परिचर्चा में मौजूद प्रधान आयकर आयुक्त एस. नय्यर अली नज्मी ने कहा कि चैम्बर की पहल अच्छी योजना सरकार ने दी है। आगरा से इस योजना का अधिक से अधिक लाभ लें। 22 जुलाई तक के जो विवाद लंबित हैं और योजना के तहत निपटाये जा सकते हैं, वे 31 दिसम्बर या उससे पहले बिना शुल्क के आवेदन कर सकते हैं, जिससे कि सरकार को अधिक से अधिक राजस्व प्राप्त हो और करदाता भी तनाव मुक्त रह सके। उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत जिन लंबित वादों का निपटारा होगा, उन्हें पुनः नहीं खोला जाएगा। प्रपत्र शीघ्र ईमेल से भी भेजे जायेंगे।
प्रश्नोत्तरी के दौरान व्यापारियों द्वारा उठाई गई जिज्ञासाओं का अधिकारियों द्वारा उचित तरीके से समाधान किया गया। ट्रांसपोर्ट चैम्बर वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष वीरेंद्र गुप्ता ने मांग की कि छापे के दौरान करदाता के साथ दहशत का माहौल न बनाया जाए। प्रधान आयकर आयुक्त महोदय ने इस पर सकारात्मक रुख प्रकट किया।
चैंबर के उपाध्यक्ष अम्बा प्रसाद गर्ग ने योजना के तहत जमा की जाने वाली राशि की व्यवस्था की परेशानी बताई और कहा कि सरकार को इस योजना के तहत जमा की जाने वाली राशि उपलब्ध कराने की भी कोई योजना बनानी चाहिए। सीए प्रार्थना जालान एवं अधिवक्ता राज किशोर खंडेलवाल द्वारा भी योजना के तहत कई कठिनाइयां व सुझाव प्रेषित किये गये।
आयकर विभाग की ओर से परिचर्चा में प्रधान आयकर आयुक्त एस नय्यर अली नज्मी के अलावा संयुक्त आयुक्त शैलेंद्र श्रीवास्तव, संयुक्त आयुक्त हर्ष सिद्धार्थ गौतम, उपायुक्त एसएस लौहान, आईटीओ तरुण सैनी एवं राजेश सिंह ने भी शिरकत की।
कार्यक्रम में चैंबर के पूर्व अध्यक्ष केके पालीवाल, सीताराम अग्रवाल, श्रीकिशन गोयल, योगेश जिन्दल, संजय गोयल, अनिल अग्रवाल, श्याम मोहन गुप्ता, विजय कुमार गुप्ता, सुनील गर्ग, आशीष गर्ग, शैलेश अग्रवाल, अतुल कुमार गर्ग, अनुज जैन, ललित कुमार गोला, उत्कर्श बंसल, अनूप गुप्ता, सीए रोहित सिंघल, सीए एसके वायपेयी, अंशुल कौशल, अपूर्व मित्तल, अमित झा, मुकेश अग्रवाल, मयंक अग्रवाल, सतीष कुमार, संजय अरोड़ा, अनुज अग्रवाल, देवेन्द्र गोयल, जय किषन गुप्ता, शिव कुमार जैन, राजू अग्रवाल, अभिषेक अग्रवाल, आशुतोश अग्रवाल आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का संचालन आयकर प्रकोष्ठ के चेयरमैन दीपेंद्र मोहन और धन्यवाद ज्ञापन कोषाध्यक्ष नितेष अग्रवाल ने दिया।
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