नाम बदलने के लिए फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल, नगर निगम के कर्मचारियों पर मुकदमा

आगरा। ताजनगरी में एक सनसनीखेज मामला सामने आया है। नगर निगम के कर्मचारियों पर कूटरचित दस्तावेजों का इस्तेमाल कर नाम बदलने का आरोप लगाया गया है। यह मुकदमा मिनी मनचन्दा नामक महिला और नगर निगम के जन्म-मृत्यु विभाग के कुछ कर्मचारियों के खिलाफ दर्ज किया गया है।

Oct 16, 2024 - 23:17
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नाम बदलने के लिए फर्जी दस्तावेज का इस्तेमाल, नगर निगम के कर्मचारियों पर मुकदमा

शिकायतकर्ता मापीत सिंह पानीवास ने आरोप लगाया है कि उनकी पत्नी मिनी मनचन्दा ने नगर निगम के कर्मचारियों की मिलीभगत से उनके बेटे प्रभजीत सिंह धालीवाल का नाम कूटरचित दस्तावेजों के जरिए बदलकर 'सहज सिंह' करवा दिया। यह सब उनके बीच चल रहे बच्चे की कस्टडी से जुड़े मुकदमे के दौरान किया गया।

मापीत सिंह के मुताबिक, उनके बेटे का जन्म प्रमाण पत्र 12 मार्च 2022 को जारी किया गया था, जिसमें उनके बेटे का नाम प्रभजीत सिंह था। 2022 में उनके और उनकी पत्नी के बीच विवाद के कारण उनकी पत्नी अपने मायके चली गई और वहां से कस्टडी केस भी फाइल कर दिया। इसी बीच, मिनी मनचन्दा ने नगर निगम के जन्म-मृत्यु विभाग में फर्जी दस्तावेज जमा कराकर बच्चे का नाम बदलवा दिया।

 मापीत सिंह का कहना है कि मिनी मनचन्दा ने ओजस अस्पताल, आगरा के लेटरहेड का इस्तेमाल कर डॉक्टर सोनल गुप्ता के फर्जी हस्ताक्षर से दस्तावेज तैयार करवाए। जब जांच की गई तो डॉक्टर सोनल गुप्ता ने स्पष्ट किया कि उन्होंने कोई भी ऐसा दस्तावेज जारी नहीं किया था।

 इस मामले की शिकायत 20 मई 2024 को हरीपर्वत थाने में की थी, लेकिन आरोप है कि अब तक पुलिस ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की है। इसके बाद उन्होंने न्यायालय में प्रार्थनापत्र प्रस्तुत किया और आरोपियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की। कोर्ट के आदेश पर अब केस दर्ज हुआ है।

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