यूपीकॊन-36: प्रसव के दौरान रक्तस्त्राव में अब गर्भाशय निकालने की जरूरत नहीं

आगरा। एसएन मेडिकल कॉलेज के स्त्री व प्रसूति रोग विभाग व एओजीएस द्वारा आयोजित 36वें यूपीकॉन 2025 में शुक्रवार को आयोजित वर्कशॉप में विशेषज्ञों ने डॊक्टरों को प्रजनन, बांझपन, कॉस्मेटिक एंड स्थेटिक गाइनी, अट्रासाउंड, पीपीएच, क्रिटिकल केयर का प्रशिक्षण दिया।

Mar 21, 2025 - 18:35
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यूपीकॊन-36: प्रसव के दौरान रक्तस्त्राव में अब गर्भाशय निकालने की जरूरत नहीं
होटल डबल ट्री बॊय हिल्टन में आयोजित यूपीकॊन-36 के अंतर्गत शुक्रवार को आयोजित वर्कशॊप के उद्घाटन सत्र की कुछ तस्वीरें। अहमदाबाद के डॊ. महेश गुप्ता।

यूपीकॊन-36 के वर्कशॊप में अहमदाबाद के डॊ. महेश गुप्ता ने डॊक्टरों को दिया अपनी comoc-mg तकनीक का प्रशिक्षण

-कल गर्भधारण से लेकर प्रसव तक की समस्याओं व इलाज पर होगा मंथन, 280 शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे 

र्कशॊप में अहमदाबाद के डॊ. महेश गुप्ता ने भारत सरकार से पेटेंट अपनी तकनीक comoc-mg का प्रशिक्षण दिया। डॊ. गुप्ता ने बताया कि प्रसव के दौरान अधिक रक्तस्त्राव (पीपीएच) होने से एक लाख में 90 महिलाओं का मौत हो जाती है। अक्सर ऐसे मामलों में प्रसूता की जान बचाने के लिए गर्भाशय निकालना पड़ता है, लेकिन अब ऐसी कई नई तकनीकें (बच्चेदानी में टांके लगाना, बैलून) मौजूद हैं, जिससे गर्भाशय को बचाया जा सकता है। 

डॉ. महेश गुप्ता ने अपनी comoc-mg तकनीक पर व्याख्यान देते हुए बताया कि तकनीक से गर्भाशय निकाले बिना शत प्रतिशत महिला की जान को बचाया जा सकता है। इसके लिए वे देश-विदेश में डॉक्टरों को प्रशिक्षण देने का काम भी कर रहे हैं।  

डॉ. महेश गुप्ता ने बताया कि प्रसव के दौरान महिलाओं की मृत्यु दर सबसे अधिक आसाम (एक लाख पर 130) व सबसे कम केरल (एक लाख पर 30) में है। उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान, मध्य प्रदेश में भी यह आंकड़ा एक लाख पर 110 के करीब है। प्रसव के दौरान अधिक रक्तस्त्राव की कोई विशेष वजह तो नहीं होती परन्तु बच्चे का वजन साढ़े तीन किलो से अधिक होना, महिला का हाई बीपी होना, एनीमिक होना, इनफेक्शन जैसे कारण समस्या को बढ़ा देते हैं।

डॊ. महेश गुप्ता एसएन मेडिकल कॉलेज के स्त्री व प्रसूति रोग विभाग व एओजीएस द्वारा होटल डबल ट्री बाई हिल्टन में आयोजित 36वें यूपीकॉन 2025 के अंतर्गत आयोजित वर्कशॉप में बोल रहे थे। 

वर्कशॊप के उद्घाटन सत्र में अतिथियों का स्वागत आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ. सरोज सिंह व सचिव डॉ. रिचा सिंह ने दुपट्टा पहनाकर किया। पद्मश्री डॉ. उषा शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर वर्कशॉप का शुभारम्भ किया। मंच पर डॉ. नरेन्द्र मल्होत्रा, डॉ. जयदीप मल्होत्रा, डॉ. शीला माने, डॉ. शशिलता काबरा, डॉ. सोमिया मलिक, डॉ. स्मिता मनचंदा, डॉ. कुलदीप सिंह, डॉ. सीके गर्ग, डॉ. नवनीत मगन, डॉ. मोइद, डॉ. नीरज जादव, डॉ. बी कल्पना मुख्य रूप से मौजूद थे। 

वर्कशॉप में विशेषज्ञों ने डमी पर प्रजनन, बांझपन, कॉस्मेटिक एंड स्थेटिक गाइनी, अल्ट्रासाउंड, पीपीएच, क्रिटिकल केयर जैसे विषयों का अभ्यास कराया। रवि वुमैन हॉस्पीटल में एंडोस्कोपी वर्कशॉप का आयोजन किया गया। वर्कशॉप में आयोजन समिति की डॉ. शिखा सिंह डॉ. निधि गुप्ता, डॉ. आरती मनोज, डॉ. सीमा सिंह, डॉ. अनुपम गुप्ता, डॉ. सुषमा गुप्ता, डॉ. पूनम यादव, डॉ. निहारिका मल्होत्रा डॉ. रत्ना शर्मा, डॉ. हेमा सडाना, डॉ. मनीषा गुप्ता, डॉ. नीलम रावत, डॉ. मोहिता पैंगोरिया, डॉ. मीनल जैन, डॉ. उर्वशी, डॉ. अनु पाठक, डॉ. अभिलाषा यादव, डॉ. आकांक्षा गुप्ता, डॉ. रत्ना शर्मा, डॉ. सविता त्यागी, डॉ. कीर्ति दुबे, भारती माहेश्वरी आदि उपस्थित थीं।  

 डॉ. सुनीता तेंदुलवाडकर करेंगी कार्यशाला का शुभारम्भ

आगरा। कार्यशाला का उद्घाटन 22 मार्च को सुबह 11.30 बजे मुख्य अतिथि डॉ. सुनीता तेंदुलवाडकर व विशिष्ट अतिथि एसएन मेडिकल कालेज के प्राचार्य डॉ. प्रशान्त गुप्ता करेंगे। इसमें उप्र के विभिन्न शहरों के अलावा दिल्ली, रोहतक, फरीदाबाद, जयपुर, मुम्बई, अहमदाबाद, नागपुर, चैन्नई, मनीपाल बैंगलुरु, भोपाल, इंदौर, शिमला, भुवनेश्वर से प्रख्यात विशेषज्ञों द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे।