संभल के मुद्दे पर हंगामे की भेंट चढ़ी विधानसभा की कार्यवाही
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानमंडल का शीतकालीन सत्र आज से शुरू हुआ। विधानसभा में जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, समाजवादी पार्टी सहित विपक्ष के सदस्यों ने संभल हिंसा को लेकर चर्चा की मांग शुरू कर दी। विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने साफ किया कि नियम 311 के तहत ये विषय नहीं लिया जा सकता। उन्होंने इस दौरान नेता विपक्ष माता प्रसाद पांडेय से कहा कि वह बताएं किस नियम के तहत इस विषय पर चर्चा हो। लेकिन विपक्ष की तरफ से कोई नियम नहीं बताया जा सका। इस दौरान प्रमुख रूप से सपा के सदस्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए वेल में आ गए। इससे पहले सपा के विधायकों ने विधानमंडल के बाहर भी इस मांग को लेकर धरना दिया था।
विपक्षी सदस्यों की नारेबाजी के बीच सतीश महाना लगातार प्रश्नकाल की याद दिलाते रहे। उन्होंने एक के बाद एक आज प्रश्नकाल के लिए आए सभी 20 विधायकों के सवालों को पूछने का आग्रह किया। लेकिन विपक्ष के हंगामे के बीच सदस्यों ने प्रश्न पूछने से मना कर दिया। सतीश महाना ने कहा कि इसका मतलब ये मान लिया जाए कि सभी जिन सदस्यों ने प्रश्न पूछे थे वो जवाब से संतुष्ट हैं।
इनमें समरपाल सिंह डॉ रागिनी सोनकर, सचिन यादव, स्वामी ओमवेश (चांदपुर), डॉ राकेश कुमार वर्मा मोहम्मद फहीम और अराधना मिश्रा मोना जैसे विधायकों के सवाल थे, जो हंगामे की भेंट चढ़ गए।
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