यूपी में मदरसों की बढ़ रहीं मुश्कलें, शिक्षा के नियमों में सख्ती संभव

लखनऊ। यूपी में मदरसों पर सरकार की कड़ी नजर है। सरकार ने शिक्षा के नियमों में सख्ती कर दी है। धार्मिक शिक्षा देने वाले संस्थानों को एक सिलेबस के दायरे में लाया जा रहा है। इसका फैसला सरकार ने कर लिया है। मदरसों में पढ़ने वाले छात्रों के साथ ही पढ़ाने वाले मौलवियों पर भी नजर रखी जा रही है। सरकार ने यह भी साफ कर दिया है कि यूपी के सभी मदरसों को मदरसा शिक्षा बोर्ड की अनुमति जरूरी है। जिन मदरसों ने सरकार से मान्यता नहीं ली है, उन पर कार्रवाई हो सकती है। ऐसे में मदरसा संचालक अब अलग रास्ता अख्तियार करने को बाध्य हैं। यूपी के 513 मदरसों ने मान्यता को सरेंडर करने का फैसला किया है।

Sep 11, 2024 - 12:04
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यूपी में मदरसों की बढ़ रहीं मुश्कलें, शिक्षा के नियमों में सख्ती संभव

 

 

513 मदरसों की ओर से बोर्ड को पत्र भेजकर मान्यता सरेंडर करने के लिए अनुरोध किया गया है। यूपी मदरसा बोर्ड की ओर से भी जारी बयान इसकी तस्दीक करते हैं। बोर्ड की बैठक में निर्णय लिया गया कि इस प्रस्ताव को बैठक में अनुमोदित करके आगे की कार्यवाही के लिए परिषद के रजिस्ट्रार को अधिकृत कर दिया गया है। परिषद के सदस्य कमर अली बताते हैं कि प्रदेश के 513 मदरसों ने परिषद से खुद को मिली मान्यता सरेंडर करने की अर्जी दी थी, जिस पर आज हुई बैठक में फैसला लिया गया। इस संबंध में बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. इफ्तिखार अहमद जावेद का कहना है कि 513 मदरसों ने खुद मान्यता सरेंडर करने का पत्र लिखा है।

 

बोर्ड अध्यक्ष का कहना है कि दूसरे बोर्डों से मान्यता लेकर मदरसे को स्कूल के रूप में खोलना चाहते हैं। अध्यक्ष ने माना है कि अभी लोगों को मदरसा चलाने में दुश्वारियां भी आ रही हैं। उन्होंने कहा कि मदरसों में परीक्षा की तैयारी चल रही थी और उस समय सरकार ने जांच शुरू करा दी। परीक्षा तैयारियों में इससे बाधा उत्पन्न हुई। इन्हीं वजहों ने मान्यता सरेंडर को संस्थानों को प्रेरित किया है।

 

यूपी में मदरसा संस्थानों की रिन्युअल की प्रक्रिया काफी जटिल हो गई है। अब मदरसा के छात्र और शिक्षकों की पूरी जानकारी के साथ रिन्युअल का आवेदन करना होता है। इसमें संस्थान के पास छात्रों के आधार पर कमरों की संख्या और इंफ्रास्ट्रक्चर की भी जानकारी देनी होती है। पहले मदरसों की मान्यता के रिन्युअल के लिए आवेदन जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी के यहां आवेदन करना होता था। वहीं से मदरसों की मान्यता और रिन्युअल की प्रक्रिया को पूरा करा दिया जाता था। अब यह अधिकार मदरसा शिक्षा परिषद के रजिस्ट्रार को दे दिया गया है। रजिस्ट्रार के स्तर पर जांच कराने के बाद ही मान्यता मिलती है। इसके लिए जिलों से लखनऊ आना-जाना कठिन हो गया है।

 

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