टीटीजेड के उद्योगों को मिला यूपी सरकार का साथ, भविष्य अब 27 जनवरी को तय होगा
आगरा। आगरा समेत टीटीजेड के पांच जिलों में उद्योगों के विस्तार पर सुप्रीम कोर्ट द्वारा लगाई गई रोक के मामले में अब अगली सुनवाई 27 जनवरी को होगी। बीते कल इस मामले में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई तो हुई, लेकिन यूपी सरकार की ओर से शपथ पत्र प्रस्तुत न हो पाने और नीरी द्वारा रिपोर्ट के लिए और समय मांग लिए जाने पर सुप्रीम कोर्ट की दो सदस्यीय बेंच ने अगली सुनवाई के लिए डेट तय कर दी।
-राकेश गर्ग के पत्र के बाद सीएम योगी का दखल, सॊलिसीटर जनरल तुषार मेहता करेंगे पैरवी
-कल की सुनवाई में बेंच ने कहा- हमें उद्योगों के विस्तार पर नहीं, प्रदूषण पर आपत्ति है
- नीरी ने अपनी रिपोर्ट और यूपी सरकार ने एफिडेविट के लिए कुछ समय मांगा था कोर्ट से
सुप्रीम कोर्ट में बीते कल की सुनवाई के बाद एक बात तो साफ हो गई है कि ताज ट्रिपेजियम जोन के पांच जिलों (आगरा, मथुरा, हाथरस, एटा और फिरोजाबाद) के औद्योगिक विकास में किसी प्रकार की बाधा न आने देने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने भी कमर कस ली है। उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम के चेयरमैन राकेश गर्ग ने इस बारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को एक पत्र लिखकर मदद मांगी थी। गर्ग ने मामले की पैरवी सॊलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कराने की मांग की थी। गर्ग के इस पत्र के बाद सीएम योगी ने इस मामले में रुचि ली। बीते कल की सुनवाई के दौरान यूपी सरकार की ओर से सॊलिसीटर जनरल तुषार मेहता भी कोर्ट में पहुंचे।
यह मामला नेशनल चैंबर आफ इंडस्ट्रीज एण्ड कॊमर्स की गैस सेल के तत्कालीन चेयरमैन रहे अरुण गुप्ता की याचिका से जुड़ा हुआ है, जिसमें सुप्रीम कोर्ट ने टीटीजेड क्षेत्र में सभी उद्योगों के विस्तार पर अस्थायी रूप से रोक लगाई हुई है। इसी मामले की कल सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस जॊर्ज मसीह की बेंच के समक्ष सुनवाई हुई थी।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा नीरी से टीटीजेड के बारे में ताजा रिपोर्ट मांगी गई थी। नीरी की ओर से कल सुप्रीम कोर्ट से कुछ और समय मांगा गया। इधर यूपी सरकार की ओर से सोलिसीटर जनरल तुषार मेहता और यूपी के एडिशनल एडवोकेट जनरल एश्वर्या भाटी सुप्रीम कोर्ट में पेश हुए। यूपी सरकार की ओर से भी शपथ पत्र के लिए कुछ समय मांगा गया। इस पर बेंच ने आगामी तारीख आगामी 27 जनवरी नियत कर दी।
कल की सुनवाई के दौरान यूपी के एडिशनल एडवोकेट जनरल एश्वर्या भाटी की ओर से कोर्ट से अनुरोध किया गया कि टीटीजेड में उद्योगों के विस्तार पर लगी रोक हटाई जाए, क्योंकि वहां कोई ऐसा उद्योग नहीं लगा है जिससे प्रदूषण फैल रहा हो। याचिकाकर्ता अरुण गुप्ता की अधिवक्ता ने इसका यह कहते हुए विरोध किया कि आगरा के उद्योगों में तीन गुना अधिक गैस खर्च की गई है।
मामले की सुनवाई कर रहे जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस जॊर्ज मसीह की टिप्पणी टीटीजेड के उद्यमियों के लिए राहत देने वाली थी। बेंच ने कहा कि हमें उद्योगों के विस्तार पर कोई आपत्ति नहीं। हमारी आपत्ति तो प्रदूषण को लेकर है।
बता दें कि 1996 में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही टीटीजेड के कोयले से चलने वाले सारे उद्योग बंद कर दिए गए थे। सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ही अब इन उद्योगों को गैस से संचालित किया जा रहा है।
कल की सुनवाई के दौरान उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम के चेयरमैन राकेश गर्ग और टीटीजेड मॊनीटरिंग कमेटी के सदस्य रहे यूसी गर्ग भी मौजूद थे। सुनवाई के बाद कोर्ट से बाहर निकले राकेश गर्ग ने एक फोटो पोस्ट कर लिखा- जीतने तक संघर्ष जारी रहेगा। 1996 में उद्योगों को बचाने के लिए संघर्ष करने वाले पूर्व विधायक केशो मेहरा भी टीटीजेड के औद्योगिक विकास को बाधित किए जाने के प्रयासों से आहत हैं। श्री मेहरा भी ताजा मामले की तह तक पहुंचने में जुटे हुए हैं।
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