अवैध कमाई और नकल को बढ़ावा देना चाहता है विवि- औटा
ओएमआर आधारित परीक्षा को लेकर शिक्षक संगठन और विवि में ठन गई है। विवि इसे सत्र नियमन के लिए जरूरी मानता है जबकि शिक्षक संगठन का कहना है इससे अवैध कमाई और नकल को बढ़ावा मिलेगा , साथ ही शिक्षा की गुणवत्ता प्रभावित होगी
आगरा।विश्वविद्यालय द्वारा ओएमआर शीट पर परीक्षा कराने के निर्णय पर औटा ने आंदोलन करने की ठानी है।
19 सितंबर को औटा के पदाधिकारी कुलपति सचिवालय के सामने धरना देकर अपना विरोध प्रदर्शन करेंगे।
वहीं विवि का कहना है कि लिखित परीक्षा कराने से विवि का सत्र लेट हो जाएगा। विवि सत्र नियमित करने के लिए ओएमआर शीट के माध्यम से परीक्षा कराना चाहता है।
औटा के अध्यक्ष डा. पुष्पेंद्र सिंह ने बताया कि शासन ने कोविड के दिनों में ओएमआर शीट पर परीक्षा कराने की अनुमति दी थी। शासन का आदेश है कि लिखित परीक्षा आयोजित की जाए।अपनी कमाई तथा सेल्फ फाइनेंस कालेज को धांधली का मौका देने के लिए विवि ओएमआर शीट पर परीक्षा कराना चाहता है।
सेल्फ फाइनेंस कालेज में खुलकर नकल होती है। आब्जेक्टिव प्रश्नपत्र 15 मिनट में ही उनके शिक्षक हल करा देंगे। इसकी मोटी कीमत वे कालेज छात्रों से वसूलते हैं। फुफुक्टा के अध्यक्ष डा. वीरेंद्र सिंह चौहान का कहना है कि विवि शिक्षा की गुणवत्ता चौपट करने पर तुला है। छात्र जब लिखित में परीक्षा नहीं देंगे तो उनकी लिखने की आदत ही छूट जाएगी।
डा. चौहान ने कुलाधिपति और कुलपति पर आरोप लगाते हुए कहा कि मंशा केवल कमाई करने की है। रिजल्ट बनाने वाली एजेंसियां मोटा पैसा वसूलती है। जिसका कमीशन विवि के अधिकारियों से लेकर ऊपर तक जाता है। परीक्षा में होने वाले व्यय का कोई आडिट नहीं होता
अतः इस मद में घालमेल किया जाता है। एक अन्य कारण सेल्फ फाइनेंस कालेज मे नकल माफिया को बढ़ावा देना है। उत्तर पुस्तिका लिखने में तीन घंटे लगते हैं जबकि ओएमआर शीट को 25 मिनट में बोलकर भरवाया जा सकता है।
विवि के कार्यवाहक कुलसचिव प्रो. पीके सिंह इन आरोपों को गलत ठहराते हैं। उनका कहना है कि सत्र नियमित करने के लिए ओएमआर पर परीक्षा कराना जरूरी है। इससे परीक्षा परिणाम जल्दी निकलेगा।
प्रश्नपत्र की कोडिंग, सेटिंग तथा उत्तर पुस्तिका के मूल्यांकन में महीनों लग जाते हैं। उन्होंने औटा को चुनौती देते हुए कहा कि औटा के पदाधिकारी एफिडेविट दें कि 15 दिन में 15 लाख उत्तरपुस्तकाओं का मूल्यांकन कर देंगे। एक बार सत्र नियमित हो जाए फिर तीन घंटे की लिखित परीक्षा का सिस्टम लागू किया जाएगा।
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