कतर शाही परिवार के दो सदस्य हीरे को लेकर कोर्ट पहुंचे
लंदन। कतर के शाही परिवार के दो सदस्य एक दूसरे के खिलाफ हो गए हैं। लाखों डॉलर के हीरे के विवाद में दोनों लंदन के हाई कोर्ट पहुंचे। अब इस विवाद का फैसला कोर्ट करेगा। दोनों ही पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं।
दरअसल, कतर के शासक शेख तमीम बिन हमद अल थानी के चचेरे भाई शेख हमद बिन अब्दुल्ला अल थानी ने पूर्व संस्कृति मंत्री शेख सऊद बिन मोहम्मद अल थानी के रिश्तेदारों के खिलाफ मुकदमा दायर किया है। हमद बिन अब्दुल्ला की एक कंपनी 70 कैरेट रत्न खरीदने के अपने कथित अधिकार को लागू करने की कोशिश कर रही है।
शेख हमद बिन अब्दुल्ला अल थानी की कंपनी क्यूपिको के पास 'आइडल्स आई' नाम का हीरा है। इसकी कीमत लाखों डॉलर में बताई जाती है। उन्हें यह हीरा शेख सऊद ने उधार दिया था। शेख सऊद 1997 और 2005 के बीच कतर के संस्कृति मंत्री थे। उन्होंने 2000 के दशक की शुरुआत में आइडल्स आई हीरा खरीदा था। 2014 में उनकी मौत हो गई। मरने से कुछ समय पहले उन्होंने शेख हमद बिन अब्दुल्ला की कंपनी क्यूआईपीसीओ (क्यूपिको) को यह हीरा उधार दिया था। इस दौरान उन्होंने एक कॉन्ट्रेक्ट भी किया था, जिसमें क्यूपिको को एलेनस होल्डिंग्स की सहमति से हीरा खरीदने का ऑप्शन दिया गया था, जो अंततः शेख सऊद के रिश्तेदारों से जुड़ी कंपनी थी।
शेख सऊद की कंपनी एलेनस होल्डिंग्स ने यह हीरा क्यूपिको को दिया था। अब एलेनस होल्डिंग्स का स्वामित्व लिकटेंस्टीन स्थित अल थानी फाउंडेशन के पास है, जिसके लाभार्थी शेख सऊद की विधवा और तीन बच्चे हैं। एलेनस का तर्क है कि वह लेटर गलती से भेजा गया था। एलेनस के वकील साद हुसैन ने अदालती दाखिलों में कहा कि शेख सऊद के बेटे शेख हमद बिन सऊद अल थानी ने केवल सही कीमत पर बिक्री की संभावना तलाशने की मांग की थी, लेकिन फाउंडेशन के अन्य लाभार्थियों के साथ परामर्श नहीं किया था।
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