दलित उत्पीड़न के दो मामले, एक में मुकदमे का आदेश, दूसरे में कोर्ट में तलब
आगरा। दलित उत्पीड़न, मारपीट के आरोप में आरोपित पारस गुप्ता, राज ठाकुर, अभिषेक एवं दो अज्ञात के विरुद्ध विशेष न्यायाधीश एससी एससी एक्ट राजेंद्र प्रसाद ने थानाध्यक्ष छत्ता को मुकदमा दर्ज कर विवेचना के आदेश दिए हैं। एक अन्य मामले मे पीएसी कर्मी और उसके पुत्र को कोर्ट में तलब किया गया है।
मामले के अनुसार रेलवे विभाग में कार्यरत वादी मुकदमा पंकज कुमार ने अधिवक्ता सुधीर गर्ग एवं नमिता गर्ग के माध्यम से अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर आरोप लगाया कि दीपावली की रात 31 अक्टूबर 2024 को पूजा कर घर कें बाहर अपनी मां के साथ गाय को प्रसाद खिला रहे थे।
घर के बाहर खड़े पारस गुप्ता, राज ठाकुर, अभिषेक एवं दो अन्य युवकों को टोकने पर उन्होनें गाली-गलौज शुरू कर दी। विरोध पर वादी एवं उसकी मां के साथ मारपीट एवं जातिसूचक शब्द कहे। वादी के अधिवक्तायों के तर्क पर अदालत ने आरोपियों के विरुद्ध मुक़दमा दर्ज कर विवेचना कें आदेश थानाध्यक्ष छत्ता को पारित किये।
दलित उत्पीड़न में पीएसीकर्मी पुत्र सहित कोर्ट में तलब
मामले के अनुसार वादिनी मुकदमा श्रीमती ललिता पत्नी कन्हैया लाल निवासिनी राम नगर, थाना जगदीशपुरा ने अपने अधिवक्ता प्रेमवीर सिंह यादव के माध्यम से अदालत में परिवाद प्रस्तुत कर आरोप लगाया कि उसके पति से विपक्षी अभिषेक ने 6 लाख 50 हजार रुपये में जमीन खरीदी। आधे पैसे बैनामे के दौरान दे दिए। शेष घर से देने को कहा। 20 अप्रैल 2021 को पैसे मांगने पर अभिषेक वादिनी के पति को पीएसी में कार्यरत अपने पिता तेज नरायन राय के कार्यालय ले गया। वहां उसके पिता ने गालीगलौज एवं जातिसूचक शब्द कहते हुये पैसे मांगने पर झूंठे मुकदमे में फंसाकर जेल भिजवाने की धमकी दी।
विशेष न्यायाधीश एससीएसटी एक्ट राजेंद्र प्रसाद ने वादिनी के अधिवक्ता प्रेमवीर सिंह यादव के तर्क पर पीएसी कर्मी तेज नरायन राय एवं उसके पुत्र अभिषेक निवासीगण नई आबादी, बीच का उखर्रा, थाना सदर को मुकदमे के विचारण हेतु अदालत में तलब करने के आदेश दिये।
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