मिर्जा गालिब की जयंती पर दी गई स्वरांजलि
आगरा। मिर्ज़ा ग़ालिब की 227वीं जयंती पर ग्रैंड होटल में आयोजित बज्म ए ग़ालिब में मिर्जा गालिब की लोकप्रिय गजलों को स्वर दिए गए। मिर्जा गालिब के साथ ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि भी अर्पित की गई।
इस समारोह के मुख्य अतिथि थे रक्षा संपदा अधिकारी दीपक मोहन। विशिष्ट अतिथि के रूप में एडीजे कुंदन मोहन मौजूद रहे। समारोह में सबसे पहले पूर्व प्रधानमंत्री और अर्थशास्त्र के विख्यात विद्वान मनमोहन सिंह को 2 मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
इसके बाद शुरू हुआ द्वितीय सत्र मिर्जा गालिब को समर्पित था। आयोजन का शुभारंभ मिर्ज़ा ग़ालिब की तस्वीर के सम्मुख शमां रोशन कर अरुण डंग, कुंदन मोहन, दीपक मोहन, श्रीमती ललिता, विनोद माहेश्वरी आदि ने किया।
अरुण डंग ने इस मौके पर कहा कि बेशक आगरा में शासकीय स्तर पर ग़ालिब का कोई स्मारक ना हो किंतु वह हमेशा यहां के शायरों, कवियों और गायको के स्वर में जिंदा है और जिंदा रहेंगे। उन्होंने कहा कि पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को भी शेरो शायरी से मोहब्बत थी। अपने पीएम कार्यकाल में कई शेरों को वो कोट करते थे, जिसमें से खास था- हमको उनसे वफ़ा की है उम्मीद जो नहीं जानते वफा क्या है।
उन्होंने कहा कि वे एक बहुत छोटे से गांव से थे जो आज भी गांव ही है, लेकिन अपनी मेधा और संकल्प शक्ति से वह उच्चतम पद तक पहुंचे। उनका व्यक्तित्व एक ऐसा गंभीर व्यक्तित्व था जैसा राजनीति में नहीं मिलता। वे अजातशत्रु थे।
अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त गायक सुधीर नारायण और उनके साथ कीर्तिका नारायण, श्रेया शर्मा, प्रीति, राधा तोमर,खुशी, देशदीप, अमन, रिंकू और हर्षित पाठक ने मिर्ज़ा ग़ालिब की कई लोकप्रिय गजलों को प्रस्तुत किया। इसकी शुरुआत हुई इस गजल से- हज़ारों ख्वाहिशें ऐसी कि हर ख्वाहिश पे दम निकले...। कृतिका के स्वर थे नुक्ताचीं है गमें दिल...। श्रेया ने सुनाया- ना कुछ था कुछ तो खुदा था..। फिर सभी ने समवेत स्वर में प्रस्तुत किया- कोई उम्मीद वर नहीं आती, कोई सूरत नजर नहीं आती..।
सुशील सरित ने संचालन करते हुए कहा कि एहसास ए तबस्सुम ग़ालिब है ख्वाबों का इशारा ग़ालिब है दुनिया में दूसरी दुनिया का भरपूर नज़ारा ग़ालिब है।
इस अवसर पर हरीश अग्रवाल, हरीश भदौरिया, डॉक्टर रमेश आनंद, कर्नल शिव कुंजरू, ज्योति खंडेलवाल, अनिल शर्मा, ओपी सरीन, मीरा सरीन, विशाल रियाज, हेमा शर्मा, देव, राम कुमार अग्रवाल, नीरज जैन, दिनेश श्रीवास्तव, अमीर अहमद, महेश धाकड़, अनिल शर्मा, विक्रम शुक्ला, अमीर अहमद, अनिल डंग और आरिफ तैमूरी आदि मौजूद रहे। सुधीर नारायण ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
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