वाह री, ट्रांस यमुना पुलिस! पीड़ित का ही कर दिया शांति भंग में चालान
आगरा। ट्रांस यमुना थाना प्रभारी और थाना पुलिस की कार्यप्रणाली से तंग आकर एक पीड़ित ने कोर्ट में न्याय की गुहार लगाई है। पीड़ित का कहना है उसके मकान पर एक व्यक्ति ने कब्जा कर लिया है। जब उसने मुख्यमंत्री पोर्टल और पुलिस कमिश्नर से शिकायत की तो थाना पुलिस ने उसको ही शांति भंग में पाबंद कर दिया। पुलिस दूसरे पक्ष का पूरी तरीके से साथ दे रही है। प्रार्थना पत्र में उन्होंने इंस्पेक्टर भानु प्रताप यादव पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
- पुलिस से परेशान होकर पीड़ित ने न्यायालय में दिया कार्रवाई के लिए प्रार्थना पत्र
इस संबंध में पीड़ित ने मुख्यमंत्री पोर्टल और पुलिस कमिश्नर से शिकायत की। शिकायत करने पर उसे ही शांति भंग में पाबंद कर दिया गया। इस बात की शिकायत भी उसने अधिकारियों से की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। आरोपित कहता है कि उसकी पुलिस से सेटिंग है, उसका पीड़ित कुछ नहीं कर सकता है।
पीड़ित ने प्रार्थना पत्र में यह भी कहा है कि थाना प्रभारी भानु प्रताप यादव को वहां से हटाया जाए। पीड़ित ने अपनी याचिका में यह भी कहा है कि जिस व्यक्ति ने उसके मकान पर कब्जा किया है, वह अपराधी किस्म का है। उसके द्वारा वर्ष 2014 में तत्कालीन थानाध्यक्ष एत्माउद्दौला शैलेंद्र सिंह को हत्या की धमकी दी गयी थी।
इसके अलावा एक अस्पताल से चौथ वसूली के संबंध में फायरिंग की थी। हैरानी की बात है कि थाना ट्रांस यमुना प्रभारी और थाना पुलिस ऐसे व्यक्ति की मदद कर रही है। मुख्यमंत्री के निर्देश हैं अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की जाए, लेकिन ऐसे पुलिसकर्मी अपराधी के साथ मिलकर मुख्यमंत्री के आदेश को पलीता लगा रहे हैं। कोर्ट से गुहार लगाई है कि उसके प्रार्थनापत्र पर मुकदमा कायम कराया जाए।