आज गोपाष्टमी पर गायों की सेवा का दिन है, सुबह से पूजन कर रहे लोग
आगरा। सनातन धर्मावलंबी आज गोपाष्टमी पर सुबह से ही गौमाता के पूजन और सेवा में जुटे हुए हैं। गोपाष्टमी के दिन लोग गौशालाओं में जाकर गायों को खाना और पानी तो देते ही हैं, साथ ही भगवान श्रीकृष्ण की पूजा भी करते हैं और उनकी भक्ति के गीत गाते हैं।
ज्योतिषाचार्य डॉक्टर अरविंद मिश्र ने बताया कि कार्तिक शुक्ल पक्ष में अष्टमी को ही "गोपाष्टमी" नाम से पुकारा जाता है। इस दिन गायों को स्नान कराकर बछड़े सहित उनकी विधिवत पूजा करनी चाहिए। जल, अक्षत, रोली गुण, पुष्प, जलेबी और वस्त्र अर्पित कर पूजन करें।
उन्होंने बताया कि पूजन के पश्चात धूप दीप से आरती उतारकर परिक्रमा करनी चाहिए। इसके पश्चात भोजन करना चाहिए। सायं काल जब गाय चरकर घर लौटें, तब दंडवत प्रणाम कर और पूजन कर उनकी चरण रज का तिलक लगाना चाहिए। ऐसा करने से चिर सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
गोपाष्टमी हमें भगवान कृष्ण के गौ पालन की गतिविधियों की भी याद दिलाती है। गोपाष्टमी के महत्व को इन बिंदुओं से भी समझा जा सकता है-
गौ पालन की महत्ता
गोपाष्टमी गौ पालन की महत्ता को दर्शाती है, जो हिंदू धर्म में एक पवित्र गतिविधि मानी जाती है।
भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति
गोपाष्टमी भगवान श्रीकृष्ण की भक्ति को बढ़ावा देती है, जो स्वयं भी गौ पालन और गौ सेवा के माध्यम से गायों के प्रति अपनी आस्था को प्रकट करते थे।
प्राकृतिक संरक्षण
गोपाष्टमी प्राकृतिक संरक्षण की महत्ता को भी दर्शाती है, जो गौ पालन के माध्यम से पर्यावरण की रक्षा को बढ़ावा देती है।
सामाजिक समरसता
गोपाष्टमी सामाजिक समरसता का भी संदेश देती है, जो गौ पालन के माध्यम से समाज में एकता और सहयोग को बढ़ावा देती है।