पीएम आवास में दो साल पहले बने 3640 घर निष्प्रयोज्य घोषित
आगरा। आगरा विकास प्राधिकरण द्वारा नरायच में पीएम आवास योजना (शहरी) के अंतर्गत बनवाए गए 3640 आवास मात्र दो साल के भीतर इतने जर्जर हो गए हैं कि आईआईटी रुड़की ने इन्हें निष्प्रयोज्य घोषित कर दिया है।
-दिशा की बैठक में सामने आया यह मामला, बिल्डर और एडीए की भूमिका की जांच के लिए शासन को लिखने का निर्देश
-सांसद राज कुमार चाहर की अध्यक्षता में दिशा की मैराथन बैठक में एक-एक विभाग और योजना की समीक्षा की गई
इसका खुलासा आज विकास भवन में सांसद राजकुमार चाहर की अध्यक्षता में हुई जिला विकास समन्वय एवं अनुश्रवण समिति (दिशा) की बैठक में हुआ। इस बैठक में विशेष आमंत्रित के रूप में केंद्रीय मंत्री प्रो. एसपी सिंह बघेल भी मौजूद थे।
दिशा के अध्यक्ष एवं सांसद राज कुमार चाहर ने इस स्थिति पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की तथा कहा कि आईएएस अधिकारी की अध्यक्षता में टेक्निकल टीम से इसकी उच्चस्तरीय जांच कराने के लिए शासन को पत्र भेजा जाए। उन्होंने कहा कि कार्यदायी संस्था के साथ ही तदसमय रहे एडीए के अधिकारियों की भूमिका तथा प्रक्रिया की जांच कराई जाए और जिम्मेदारों पर कड़ी कार्यवाही की जाए।
प्राथमिक शिक्षा विभाग की समीक्षा में आरटीई के अंतर्गत प्रवेश न देने वाले स्कूलों के विरुद्ध उनकी मान्यता समाप्त करने तथा आदेश का अनुपालन न किए जाने पर एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए गए। शहर तथा उसके आसपास के ब्लॉकों के विद्यालयों में बच्चों से अधिक शिक्षक अनुपात होने पर उनके समायोजन को निर्देशित किया गया।
बैठक में दिशा अध्यक्ष राज कुमार चाहर ने पिछली बैठक की अनुपालन आख्या तलब की, जिसमें बताया गया कि दिए सभी निर्देशों का अनुपालन किया गया है। मनरेगा योजना की समीक्षा की गई। बताया गया कि 600 प्रकरणों में से 353 में पैमाइश कराकर चक मार्गों पर कार्य किया गया है। सांसद ने सभी लेखपालों तथा राजस्व निरीक्षकों से उनके क्षेत्रों में सरकारी भूमि अतिक्रमण संबंधी रिपोर्ट मांगने को कहा।
बैठक में जनपद में वन विभाग की समस्त भूमि का चिन्हांकन कर अतिक्रमण मुक्त कराने के निर्देश दिए गए। पीएम आवास योजना ग्रामीण, पंचायतराज विभाग, प्राथमिक शिक्षा विभाग, समाज कल्याण विभाग, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, पीएम सड़क योजना, पीएम सूर्यघर योजना, आगरा पेयजल आपूर्ति योजना, उद्योग, बाल विकास, उद्यान, कृषि, खाद्य रसद, सिंचाई समेत कई अन्य विभागों के कार्यों और योजनाओं की समीक्षा की गई।
डीवीवीएनएल तथा टोरेंट पॉवर द्वारा 2010 से पूर्व के बिल नोटिस देने पर कड़ी नाराजगी व्यक्त की गई। डीवीवीएनएल से टोरेंट को हस्तांतरण के समय जो बकाया बिल थे, उससे अलग बिल न देने के निर्देश दिए। संबंधित एसडीएम, डीवीवीएनएल तथा टोरेंट पॉवर के सक्षम अधिकारी से जांच करने को भी कहा गया। बैठक में मौजूद सभी जनप्रतिनिधियों ने शासन स्तर पर इस हेतु बात करने तथा पूर्व के बिलों का समुचित निस्तारण कराए जाने की बात रखी।
बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. मंजू भदौरिया, महापौर हेमलता दिवाकर कुशवाह, विधायकगण पुरुषोत्तम खंडेलवाल, डॉ. धर्मपाल सिंह, चौधरी बाबूलाल, छोटे लाल वर्मा, भगवान सिंह कुशवाह, जनपद के सभी ब्लॉक प्रमुख, नगरीय निकायों के चेयरमैन, जिलाधिकारी अरविंद मल्लप्पा बंगारी, नगरायुक्त अंकित खंडेलवाल, मुख्य विकास अधिकारी प्रतिभा सिंह, आगरा विकास प्राधिकरण की उपाध्यक्ष एम. अरूणमोली सहित सभी संबंधित विभागों के अधिकारीगण उपस्थिति रहे।