तीन केसः दुराचार, लूट और चेक डिसऒनर के आरोपी बरी
आगरा। स्थानीय न्यायालयों से शनिवार को तीन फैसले आए, जिनमें सभी को आरोपों से बरी कर दिया गया। इनमें एक मामला दुराचार के आरोप का था तो दूसरा मामला में महिला से लूट और माल की बरामदगी का था। तीसरा मामला चेक डिसऒनर का था।
घर में घुसकर दुराचार का आरोपी बरी
आगरा। घर में घुसकर दुराचार एवं अन्य धारा में आरोपित आकाश पुत्र पप्पू निवासी प्रकाश नगर, थाना एत्माउद्दौला को साक्ष्य के अभाव में अपर जिला जज-10 काशीनाथ ने बरी कर दिया।
मुकदमे की वादिनी द्वारा 13 जून 2023 को थाने पर तहरीर देकर आरोप लगाया गया कि आरोपी आकाश ने वादिनी के घर आकर पति के विषय में पूछा। वादिनी द्वारा यह कहने पर कि उसके पति घर पर नहीँ हैं, आरोपी आकाश ने वादीनी का मुंह बंदकर कट्टा तान दिया और जबरन उसके साथ दुराचार किया। उसके बाद भी डरा धमकाकर कई बार दुराचार किया।
अभियोजन की तरफ से वादिनी मुकदमा सहित पांच गवाह अदालत में पेश हुए। आरोपी कें अधिवक्ता विवेक कुमार सिंह द्वारा तर्क दिये गए की वादिनी ने घटना की रिपोर्ट 13 माह की देरी से दर्ज कराई है। मेडिकल में भी दुराचार की पुष्टि नही हुई है। वादिनी पूर्व में भी अन्य लोगों के विरुद्ध ऐसी शिकायत दर्ज करा चुकी है। अदालत ने आरोपी कें अधिवक्ता के तर्क एवं वादिनी के बयानों में गम्भीर विरोधाभास पर आरोपी को बरी करने के आदेश दिये।
राजीनामे के आधार पर चेक डिसऑनर का आरोपी बरी
मामले के अनुसार वादी मुकदमा मयंक शर्मा ने वर्ष 2020 में आरोपी मुकेश के विरुद्ध चेक डिसऑनर के आरोप में अदालत में मुकदमा दायर किया था। वादी एवं आरोपी द्वारा अदालत के बाहर राजीनामा कर अपने अधिवक्ताओं अंकित गोयल एवं पीयूष सागर के माध्यम से अदालत में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर कथन किया कि आरोपी ने वादी को पूर्ण भुगतान कर दिया है। दोनों के मध्य अब कोई विवाद नहीं है। अदालत ने प्रार्थना पत्र स्वीकृत कर आरोपी को बरी करने के आदेश दिये।
लूट एवं बरामदगी आरोपी बरी
थाना बाह में दर्ज मामले के अनुसार वादी मुकदमा अनिल कुमार यादव ने 17 दिसम्बर 2013 को थाने पर तहरीर देकर आरोप लगाया कि उसकी माताजी श्रीमती सावनश्री अपनी नातिन कुमारी गुलशन के साथ स्टेट बैंक से दस हजार रुपये निकालकर अपने गांव वापस आ रहीं थीं। पीछे से आये अपाचे मोटरसाइकिल सवार बदमाशों नें धक्का मारकर माताजी को नीचे गिरा दिया और उनका बैग लूट लिया। उसी दौरान मौके पर आए गांव के युवक को घटना की जानकारी होने पर उसने फोन से गांव वालों को सूचित किया। गांव वालों ने घेराबन्दी कर दोनों आरोपियों को मोटरसाइकिल सहित दबोच उनके कब्जे से लूटा गया बैग बरामद कर उन्हें पुलिस के हवाले कर दिया।
उक्त मामले में आरोपी विपिन का ही विचारण हुआ। वादी मुकदमा, उसकी मां एवं मौके पर आये युवक द्वारा घटना का समर्थन नहीं करने एवं आरोपी की पहचान नहीं करने पर साक्ष्य के अभाव एवं आरोपी के अधिवक्ता अरविंद पुष्कर के तर्क पर अदालत ने आरोपी को बरी करने के आदेश दिये।
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