इस साल खूब बरसे बादल पर आगरा के बंधे, तालाब और जलाशय फिर भी खाली

आगरा। मानसून में इस बार सामान्य से कहीं अधिक भरपूर वर्षा हुई, लेकिन जल किल्लत से जूझते आगरा महानगर और जनपद की जल स्थिति में कोई सुधार नहीं हो सका। दशहरे पर अपर गंगा कैनाल सफाई के लिये बन्द हो जाने के बाद से दीपावली तक महानगर में जलापूर्ति की और भी विकट स्थिति से जूझना पड़ेगा।

Sep 27, 2024 - 21:24
Sep 27, 2024 - 23:22
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इस साल खूब बरसे बादल पर आगरा के बंधे, तालाब और जलाशय फिर भी खाली

जहां किसानों के प्रबंधन वाले तालाब, गड्ढे, पोखरें जहां पानी से लबालब हैं, वहीं सरकारी नियंत्रण वाली योजनाओं के तहत सृजित जल संरचनाएं जल शून्य हैं या उनमें नाम मात्र  पानी है।

जलसंचय संरचनाओं में अधिकांश ‘शोपीस’


सिविल सोसायटी का  मानना है कि आम नागरिकों खासकर जलसंचय कार्यक्रमों में रखने वालों तक को नहीं मालूम कि मानसून के जल को संचित रखने के लिये किस विकासखंड में कितनी जलसंचय सरचनाओं को मजबूती दी गई तथा कितनी नई सृजित की गयीं। सिविल  सोसायटी ने अपेक्षा की है कि सरकारी और सार्वजनिक धन से जो भी जलसंचय संरचनाये जल संचय के मूल लक्ष्य में उपयोगी रही हैं, उनकी जानकारी सार्वजनिक की जाए, जिससे उन्हें प्रेरक कार्य के रूप में प्रचारित किया जा सके।

तेरह मोरी बांध की बेहद दुर्दशा 

सबसे कष्टकारी यह है कि करौली की विंद्य पहाड़ियों से प्रस्फुटित जलधाराओं से उप्र में पहुंचने वाले पानी को सुचारू करवाने को लेकर उप्र सरकार ने अब तक कोई प्रभावी कदम नहीं उठाया है।
सिविल सोसायटी ऑफ़  आगरा की टीम ने तेरह मोरी बांध और खारी नदी का जायजा लेने पर पाया कि न तो तेरह मोरी बांध की दुर्दशा में सुधार के लिये कोई कार्य हुआ है और न ही अजान बांध पर। यह नदी डाउन में नगला पंजाबी से शुरू होकर पतसाल से आगरा जनपद में प्रवेश करती है और चार हिस्सा (फतेहपुर सीकरी का गांव) से दो पहाड़ी ढलानों के बीच से होकर गुजरती है।

मुगलों के समय इन दोनों ढलानों के बाद के मैदान के डाउन में तेरह मोरी का बंधा बनाकर जलसंचय संरचना बनाई गई। तेरहमोरी नाम से प्रचलित यह बांध लार्ड कर्जन के निर्देश पर लकड़ी के शहतीर को हटाकर गेटिड स्ट्रक्चर युक्त किया गया था।

हेरिटेज प्रॉपर्टी को सहेजें

तेरह मोरी बांध के अपस्ट्रीम चैनल और लोकल कैचमेंट एरिया का पानी हमेशा की तरह इस बार भी आया किंतु मुश्किल से दस दिन भी उसका ठहराव नहीं हुआ। सिविल सोसायटी का मानना है कि यह हेरिटेज प्रॉपर्टी है और पुरातत्व विभाग की सूची में है। इसलिये सिंचाई विभाग, पुरातत्व विभाग और जिला प्रशासन इसके सरंक्षण की योजना भारत सरकार को भेजे। खासकर इसलिये क्योंकि बांध अभी अनुरक्षण योग्य है और इसमें संचित जल के विस्तार या फैलाव का क्षेत्र चिन्हित है।

खारी नदी के अपस्ट्रीम की भी स्थिति सुधरे

सिविल सोसायटी की मांग है कि गंभीर नदी के उफान से भरतपुर के अजान बांध से शुरू होने वाले चैनल (खारी नदी) का पतसाल गांव और चार हिस्सा तक सुधार करवाया जाए। इसके अभाव में राजस्थान से आने वाला पानी भी तेरह मोरी बांध के इंटेक तक नहीं पहुंच पाता है। 


सिविल सोसाइटी का मानना है कि चिकसाना बंधे का पानी भी पनचक्की गांव के पास तेरह मोरी के डिस्चार्ज में मिलकर खारी नदी को मानसून काल में और बाद के महीनों में भरपूर जलराशि युक्त रखते थे। अगर बदइंतजामी सुधारी जाय तो खारी नदी को अब भी मानसून के बाद भी कई महीने जलयुक्त रखा जा सकता है।

सिविल सोसाइटी ने उटंगन नदी पर रेहावली गांव में बांध बनाये जाने की योजना पर काम को तेजी के साथ बढ़ाने का भी अनुरोध किया है। 

तेहरा मोरी और आसपास का मुआइना करने वाले सिविल सोसाइटी ऑफ़ आगरा के प्रतिनधिमंडल में शिरोमणि सिंह, अनिल शर्मा, राजीव सक्सेना और असलम सलीमी शामिल थे।

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