यह रिपोर्ट 14 दिन पहले भी तो लिखी जा सकती थी, पुलिस कमिश्नर के दखल की नौबत क्यों आई
आगरा। पुलिस कमिश्नरेट बनने के बाद हालांकि पुलिस की कार्यशैली में काफी परिवर्तन आया है पर कुछ मामले पुलिस की छवि पर बट्टा लगा देते हैं। ऐसा ही एक मामला थाना जगदीशपुरा क्षेत्र का सामने आया है। पीड़ित की थाना स्तर जब रिपोर्ट नहीं लिखी गई तो उसे पुलिस कमिश्नर की शरण लेनी पड़ी। उनके आदेश पर थाना पुलिस को 14 दिन बाद मुक़दमा दर्ज करना पड़ा है।
थाना जगदीशपुरा क्षेत्र के आवास विकास सेक्टर एक में आतिशबाजी छुड़ाने को लेकर शशिभूषण समाधिया की पड़ोस में रहने वाले दीपक से कहासुनी हो गई। दीपक के परिवार वाले आवाज़ सुनकर बाहर आ गए। उनके साथ दो अन्य लोग भी थे।
आते ही उन्होंने दीपक के साथ मारपीट शुरू कर दी। मारपीट की घटना की रिपोर्ट लिखाने के दीपक थाने पहुंचा। पुलिस ने उसे वहां टरका दिया। पीड़ित ने पुलिस कमिश्नर के यहां गुहार लगाई उन्होंने रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई के निर्देश दिए।
कमिश्नर के आदेश के बाद थाना पुलिस ने 14 दिन बाद रिपोर्ट दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है।
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