महफ़िल ए आदाब़ में खूब जमी महफिल
आगरा। साहित्यिक एवं सांस्कृतिक संस्था देवनागरी के तत्वावधान में कन्हैया लाल अग्रवाल आदाब़ के आवास पर नौलक्खा में आयोजित महफिल ए आदाब में पेश की गई गजलों ने महफिल की रौनक बढ़ा दी।
राष्ट्रीय गीतकार राज बहादुर राज ने दीप प्रज्जलन कर महफिल की शुरुआत की। मुख्य अतिथि डॉ..राजेन्द्र मिलन ने अपने आतिथ्य उद्बोधन में कहा कि महफ़िल सजना-सजाना आज की नहीं, प्राचीन काल से परंपरा चली आ रही है। सूफ़ीयाने अंदाज में महफि़लें सजा करतीं थीं। पुन: उसी जीवंतता को बनाने का प्रयास आज की सजी महफ़िल स्वयं साक्षी है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए वरिष्ठ कवयित्री डॉ.शैलबाला अग्रवाल ने कहा कि भारतीय परिवेश में ग़ज़लों की महफ़िलें सजना आगरा का एक हुनर भी रहा है। गालिब़ के इस शहर में आदाब़ जी के सम्मान में महफिल सजना बड़े गर्व की बात है।
कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ.शशि गुप्ता ने तरन्नुम अंदाज़ में अपनी नज्मों से सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया। विशिष्ट अतिथि ब्रज कवि रामवीर शर्मा ‘रवि' ने ब्रज भाषा में लिखी ग़ज़ल से महफिल की रौनक बढ़ा दी।
इस अवसर पर गंगाशरणम् मासिक पत्रिका वर्तमान वर्ष के अंतमाह के अंक का विमोचन भी किया गया।
महफिल में उपस्थित आमंत्रित शायर-ग़ज़लगो में सर्वश्री चन्द्र शेखर शर्मा, विनय बंसल, संगीता शर्मा सरगम, पूजा प्रियल, पदमावती पदम, रेनू यशोयश ने अपनी-अपनी गजल-नज्मों के रूहानी मिजाज़ से महफिल की शान में कसीदों में जड़े वो मिसरे पढ़े कि मानो गालिब की जीती जागती महफिल सजी हो।
कार्यक्रम का संचालन कवि डॉ.यशोयश ने किया और धन्यवाद ज्ञापित आज की महफ़िल के सिरमौर वरिष्ठ शायर कन्हैया लाल अग्रवाल आदाब ने किया।
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