ऑनलाइन के सामान की हेराफेरी में छोटे से लेकर बड़े सभी की मिलीभगत, पुलिस चाहती तो बड़ा मामला खुलता
आगरा। ऑनलाइन शॉपिंग वाले पैकेट्स में सामान की हेरफेर करने के गोरखधंधे में पुलिस गहराई से जांच करे तो धोखाधड़ी करने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश हो सकता है। यह काम अकेले पिकअप बॉयज का न होकर, इस चेन से जुड़े ऊपर बैठे लोगों की मिलीभगत के बगैर संभव ही नहीं है।
रोहिल पॉलीमर्स और आर्यमन फुटवियर के प्रोडक्ट के साथ पिकअप बॉयज द्वारा अपने प्राइवेट गोदाम में की जाने वाली छेड़छाड़ का दो दिन पहले पुलिस द्वारा सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र में की गई छापेमारी में खुलासा हो चुका है।
मौके से पकड़े गए दस अभियुक्तों में से पुलिस ने सात को छोड़ दिया था और 2200 जोड़ी जूते में से 260 जोड़ी जूते की बबरामदगी ही दिखाई थी। 1940 जोड़ी जूते गायब होने की बात खुद रोहिल पॉलीमर्स की संचालक रोहिल अग्रवाल कह चुके हैं। यही नहीं, इन अभियुक्तों ने यह भी बताया था कि उन्होंने आगरा से 10000 जोड़ी जूते छापे से आधा घंटे पहले ही अलीगढ़ भेजे थे।
इन सूचनाओं को आधार बनाकर अगर सिकंदरा पुलिस ने अलीगढ़ में इन अभियुक्तों के गोदाम पर छापा मारा होता 10000 जोड़ी जूते और बरामद हो सकते थे। लेकिन यहां तो पुलिस ने एक बड़े गुड वर्क पर लगभग लीपापोती ही कर दी। दस में से सात अभियुक्ति छोड़ दिए और 2200 जोड़ी में से 260 जोड़ी जूते की बरामदगी दिखाई।
रोहिल पॉलीमर्स के स्वामी रोहिल अग्रवाल की मानें तो सिकंदरा गोदाम से पकड़े गए दस लोगों में मुख्य आरोपी विशाल है, जो सीधे तौर पर फ्लिपकार्ट से जुड़ा हुआ है। मिंत्रा और फ्लिपकार्ट एक अन्य व्यक्ति भी पकड़ा गया था।
रोहिल अग्रवाल का कहना है कि जब उनकी फैक्ट्री में मिंत्रा और फ्लिपकार्ट के आर्डर पिकअप करने के लिए गाड़ी आती थी तो 15 मिनट गाड़ी खड़ी रह जाने पर ही हब इंचार्ज का फोन आ जाया करता था कि वहां गाड़ी इतनी देर से क्यों खड़ी है। मेरी और मेरी जैसी अन्य फैक्ट्रियों से ऑर्डर के पैकेट्स पिकअप करने के बाद घंटों तक ये गाड़ियां हब पर नहीं पहुंचती थीं। ये गाड़ियां अज्ञात लोकेशन पर घंटों रहतीं थीं तो क्या हब इंचार्ज को इसकी जानकारी नहीं होती होगी। अवश्य होती होगी क्योंकि हर पिकअप गाड़ी में जीपीएस लगा हुआ है।
रोहिल को आशंका है कि अज्ञात लोकेशन के दौरान ये गाड़ियां सिकंदरा औद्योगिक क्षेत्र में आरोपियों द्वारा बनाए अवैध गोदाम पर होती थीं जहां पैकेट्स को खोलकर उनकी कंपनी के जूते निकालकर उपयोग किए हुए अथवा घटिया क्वालिटी के जूते रखकर हेराफेरी की जाती थी।
बकौल रोहिल, मौके से मिले दस लोगों में से एक राज यादव की पांच गाड़ियां पिकअप के काम में लगी हुई हैं। क्या इसे साबित नहीं होता कि हेराफेरी और धोखाधड़ी के इस खेल में पिकअप बॉयज से लेकर ऊपर तक के सभी लोग शामिल हैं।
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