विवि ने येन केन प्रकारेण ए प्लस दर्जा हासिल कर ही लिया

अंततः तमाम कोशिशों मान मुनव्वल तथा सिफारिशी प्रयासों के चलते डा. भीमराव अंबेडकर विवि को नैक ने ए प्लस श्रेणी प्रदान कर दी है। हालांकि विवि की स्थित ए श्रेणी भी हासिल करने की नहीं है। किसी भी विवि का मुख्य काम प्रवेश, परीक्षा और परिणाम समय से जारी करना होता है। यह काम यह विवि कई सालों से समय पर नहीं कर पा रहा।

Nov 9, 2024 - 13:58
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विवि ने येन केन प्रकारेण ए प्लस दर्जा हासिल कर ही लिया


आगरा। डा. भीमराव अंबेडकर विवि को नैक ने ए प्लस का दर्जा दिया है। हालांकि विवि की कोशिश येन केन प्रकारेण ए डबल प्लस का दर्जा प्राप्त करने की थी। 

बता दें कि प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन भी दीक्षांत समारोह से एक दिन पहले नैक की तैयारियों की जायजा लेने के लिए आगरा आ गई थीं तथा नैक को पेश किए जाने वाले प्रेजेंटेशन उन्होंने स्वयं देखे थे। उन्होंने स्वयं कहा था कि विवि को ए डबल प्लस पाने की कोशिश करनी चाहिए। 

हालांकि विवि ने अपनी कोशिश में कोई कमी नहीं छोड़ी थी। कुछ अतिरिक्त लाभ पाने तथा नैक की टीम पर दबाव बनाने के उद्देश्य से नैक के चेयरमेन को विवि ने दीक्षांत समारोह में अतिथि के रूप में आमंत्रित किया था ताकि नैक की टीम पर कुछ अतिरिक्त दबाव पड़ सके। लेकिन इन तमाम कोशिशों के बावजूद विवि केवल ए प्लस ही पा सका है। 

सही मायनों में देखा जाए तो विवि ए श्रेणी का भी हकदार नहीं है। किसी भी विवि का मुख्य काम प्रवेश, परीक्षा समय पर कराना और परिणाम समय पर देना होता है। पिछले कई सालों से विवि अपना यह मूल काम ही समय से नहीं कर पा रहा है। परिणाम निकलने के बाद अंकतालिकाओं में गलतियां बेशुमार पायी जाती हैं।

जिनको सही कराने के लिए विद्यार्थी  महीनों विवि के चक्कर लगाते रहते हैं। 90 के दशक में विवि की अंकतालिका और डिग्री अपने आप डाक से विद्यार्थी के घर समय से पहुंचा करती थी। आज डिग्री के लिए  महीनों तक विद्यार्थियों को भटकना पड़ता है। डिग्री समय से न मिलने के चक्कर में कुछ विद्यार्थियों को तो कहीं अन्य विवि में प्रवेश लेने अथवा नौकरी का आवेदन करने में भी दिक्कत आती है। 

विवि का एक भी संस्थान ऐसा नहीं है जिसका प्रदेश में भी प्रथम दस संस्थानों में नंबर आता हो। सभी संस्थानों में स्थायी शिक्षकों की भारी कमी है तथा इन संस्थानों की शिक्षण व्यवस्था संविदा पर काम करने वाले शिक्षकों के हवाले है।

विवि परीक्षा की तैयारी कर रहा है जबकि सितंबर माह तक विवि में प्रवेश प्रक्रिया चलती रही है। सेमिस्टर परीक्षा से पहले 90 दिन की कक्षाएं चलना अनिवार्य माना जाता है। ऐसे विवि को ए प्लस श्रेणी मिलना नैक के ग्रेडिंग सिस्टम पर भी सवालिया निशान खड़े करता है।  

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SP_Singh AURGURU Editor