माॊरीशस के दल ने आज सुबह किये श्रीकृष्ण जन्मभूमि के दर्शन,

  आगरा। भारत भ्रमण पर आए मॉरीशस के 40 सदस्यीय दल ने आज सुबह आगरा से मथुरा के लिए प्रस्थान किया। मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर दर्शन किए। इसके बाद यह दिल्ली के लिए प्रस्थान कर गया। बीते कल आगरा पहुंचा यह दल अपने साथ बहुत सारी यादें भी ले गया है।

Dec 2, 2024 - 10:43
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माॊरीशस के दल ने आज सुबह किये श्रीकृष्ण जन्मभूमि के दर्शन,
भारत भ्रमण के तहत आगरा में पहुंचे मारीशस के लोग वृद्धजन सम्मान समिति के सदस्यों के साथ।

-राधे-राधे के संबोधन संग भारतीय संस्कृति में डूबे दिखे मॉरीशसवासी

- आगरा में वृद्धजन सम्मान समिति ने किया था इस दल का स्वागत 

 

आगरा प्रवास में इस दल ने अपनी संस्कृति पर गर्व का अनुभव करते हुए सनातन और उसके मूल में स्थित आस्था पर भी संवाद किया। इनका कहना था कि हम लोग भले ही मॉरीशस से आए हैं पर हमारे दिल में आज भी भारत और यहां की संस्कृति विद्यमान है। भारत हमें दूसरा घर जैसा लगता है।

 

मॉरीशस का 40 सदस्यों का प्रतिनिधिमंडल  अयोध्या और लखनऊ होता हुआ आज ताज नगरी पहुंचा। प्रतिनिधिमंडल का स्वागत वृद्ध जन सम्मान समिति (अंतर्राष्ट्रीय), रिस्पेक्ट एज इंटरनेशनल के सह संस्थापक एवं मुख्य संरक्षक  डॉक्टर गिरीश सी गुप्ता, उपाध्यक्ष कर्नल एम नायडू, निदेशक दीपक प्रहलाद अग्रवाल, सदस्य वीके दुबे,  लता नायडू आदि ने अंग वस्त्र पहनाकर किया |

 

अतिथियों के स्वागत सत्कार के पश्चात संवाद कार्यक्रम हुआ। प्रतिनिधिमंडल में शामिल जयेलाल मटुरा, सादेद सुभास, किशना चाडी, श्रुति सीबालुक आदि ने अपने विचार व्यक्त किए समिति के सदस्यों द्वारा स्वागत से भाव विभोर हुए अतिथियों ने भारत राष्ट्र को अपने राष्ट्र की जननी की संज्ञा भी दी।

उन्होंने बताया कि कुछ पीढ़ियों पूर्व उनके पूर्वज भारत से ही मॉरीशस जाकर बस गए थे, इस कारण उनके हृदय में आज भी भारत और उसकी संस्कृति विद्यमान है। वह भारतीय मूल के निवासियों से अत्यंत प्रभावित रहते हैं और समिति के द्वारा गत दो दशकों  से अधिक संबंधों को और सुदृढ़ बनाने हेतु परस्पर प्रयासरत हैं। उन्होंने समिति को शीघ्र ही भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ मॉरीशस यात्रा हेतु आमंत्रित किया |

 

श्रीमती नायडू ने अपने विचार व्यक्त करते हुए मातृशक्ति का समाज संरचना में महत्व एवं अहम भूमिका पर चर्चा की| अधिकांश अतिथि राधे-राधे के संबोधन से अत्यंत भाव विभोर हो रहे थे तथा संवाद के बीच-बीच में राधे-राधे का उद्बोधन करते आनंदित हो रहे थे।

उन्होंने बताया कि मॉरीशस के शिक्षा पाठ्यक्रम में कक्षा छह तक हिंदी विषय को अनिवार्य है। जिस कारण अधिकांश वासी हिंदी बोलने में अथवा समझने में सक्षम हैं | केंद्रीय हिंदी संस्थान में उच्च शिक्षा एवं अध्ययन हेतु प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने अपनी रुचि व्यक्त की।

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SP_Singh AURGURU Editor