चौरंगा इंद्रधनुष में मैत्री भाव का अलौकिक संदेश
आगरा। मित्र वही जो हर क्षण महके इत्र समान, मित्र वही जिसमें हो अपनापन का ज्ञान। मित्रता पर इस तरह का काव्य पाठ डॉ. अनुज कुमार की पुस्तक चौरंगा इंद्रधनुष के विमोचन एवं साहित्य समागम समारोह में सुनने को मिला।
-डॉ अनुज कुमार की पुस्तक चौरंगा इंद्रधनुष के विमोचन एवं साहित्य समागम में हुआ काव्य पाठ
ओल्ड विजय नगर कॉलोनी में डॉ. अनुज के निवास पर आयोजित चौरंगा इंद्रधनुष उपन्यास विमोचन एवं साहित्य समागम समारोह के दौरान साहित्य जगत के लोगों ने पुस्तक की सराहना की। शहर के वरिष्ठ माइक्रोसर्जन डॉ. अनुज कुमार ने चिकित्सा के माध्यम से मानव सेवा करते हुए अपनी साहित्यिक रुचि को आगे बढ़ते हुए चौरंगा इंद्रधनुष उपन्यास के माध्यम से चार घनिष्ठ मित्रों की कहानी को इस तरीके से शब्दों में प्रयोग है कि इंद्रधनुष के सात रंग मित्रता के चार रंग की तरह मिलकर परस्पर मधुर संबंध जिंदगी भर निभाते हैं।
पुस्तक के विमोचन समारोह के अवसर पर आयोजित काव्य पाठ में शहर की लता मंगेशकर के नाम से पहचान रखने वाली डॉ निशि राज ने सरस्वती वंदना प्रस्तुत की। साहित्यकार व विश्लेषक डॉक्टर आरएस तिवारी शिखरेश ने अपने काव्य पाठ में मित्रता के संबंधों को प्रस्तुत किया। डॉ. कुसुम चतुर्वेदी, डॉ राजेंद्र मिलन, नीलम भटनागर, डॉ अनुज कुमार एवं कार्यक्रम का संचालन कर रहीं शशि गुप्ता ने मित्रता भाव पर काव्य पाठ के माध्यम से पुस्तक के विषय में अपने विचार रखे।
अनुभव तूलिका का शब्द समागम है चौरंगा इंद्रधनुष
वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. अनुज कुमार की पुस्तक चौरंगा इंद्रधनुष के विमोचन समारोह में साहित्यकारों ने एक स्वर में कहा यह पुस्तक चार मित्रों की ऐसी अनूठी कहानी है जिसमें परस्पर मधुर संबंध बनाते हुए चारों मित्र जीवन भर संबंधों को निभाते हैं। पुस्तक के लेखक डॉ अनुज ने बताया कि इंद्रधनुष और मित्रता दोनों ही विविधता और सुंदरता का अटूट संबंध और समानता है जिसे शब्दों के माध्यम से प्रस्तुत करने का प्रयास किया है। जिसमें इंद्रधनुष के सात रंगों को मैत्री भाव के चार रंगों में पिरोया गया है।
समारोह कुमार ललित, प्रकाश गुप्ता वेबाक, नीलम भटनागर, राकेश निर्मल, सहित बड़ी संख्या में साहित्य जगत से जुड़े लोग मौजूद रहे।
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