राजा खान को उठाने की असल वजह आ गई सामने

आगरा। रामबाग चौराहे से शनिवार को दिनदहाड़े एक युवक को गाड़ी में उठा ले जाने की घटना के बाद कुछ नई जानकारियां सामने आई हैं। रामबाग चौराहे पर यह विवाद उस समय शुरू हुआ जब राजा खान ने जाबर नाम के युवक पर कुछ ऐसी टिप्पणी कि दोनों के बीच झगड़ा हो गया।

Sep 29, 2024 - 20:40
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राजा खान को उठाने की असल वजह आ गई सामने

जाबर बजरंग दल लिखी गाड़ी में रामबाग पहुंचे युवाओं के साथ ही था। ये लोग आगरा में एक कार्यक्रम में भाग लेकर टूंडला लौटते समय रामबाग पर रुके थे। इसी दरम्यान राजा खान ने इन युवाओं में से एक जाबर नामक युवक से उसकी पत्नी को लेकर कमेंट किया, जिससे बात बिगड़ गई।

दरअसल कुछ माह पहले जाबर की पत्नी को राजा खान टूंडला से भगा लाया था। जाबर टूंडला तो राजा खान आगरा के टेढ़ी बगिया में रहता है। जाबर ने थाना टूंडला के अलावा फिरोजाबाद के एसएसपी से भी इसकी शिकायत की थी। बताते हैं कि यह मामला कोर्ट तक भी गया, जहां जाबर की पत्नी ने राजा खान के साथ ही रहने की बात कही थी। तभी से वह राजा खान के साथ ही रह रही है। 

बता दें कि जाबर टूंडला में रहता जरूर है लेकिन वह मूल रूप से कुबेरपुर के पास किसी गांव का निवासी है। जाबर की पत्नी तीन बच्चों की मां है और वह अपने तीनों बच्चों को पति के पास ही छोड़ गई है। कल रामबाग पर राजा खान ने पत्नी को लेकर ही जाबर से कुछ ऐसा कमेंट किया था कि दोनों में झगड़ा हो गया था। उसके साथ चौराहे पर पहले से मौजूद टूंडला के बजरंग दल के कथित कार्यकर्ता आ गए और वह राजा खान को गाड़ी में डालकर टूंडला ले गए। इसके बाद पुलिस एक्टिव हुई और इस मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।

इस वारदात में शामिल टूंडला के युवाओं के बारे में कुछ नए खुलासे हुए हैं। इन युवाओं का एक ग्रुप है, जिसमें हर कोई खुद को किसी न किसी हिंदूवादी संगठन से जुड़ा बताता है। ग्रुप लीडर मयंक ठाकुर खुद को बजरंग दल की टूंडला नगर इकाई का संयोजक बताता है जबकि बजरंग दल के प्रांत संयोजक दिग्विजय नाथ तिवारी की मानें तो मयंक ठाकुर को आठ साल पहले ही संदिग्ध गतिविधियों के चलते बजरंग दल से निष्कासित से किया जा चुका है। तो क्या मयंक ठाकुर बजरंग दल से निष्कासित किए जाने के बावजूद खुद को बजरंग दल का नगर संयोजक बताकर लोगों को गुमराह कर रहा था।

इधर टूंडला के लोगों का कहना है कि मयंक ठाकुर बजरंग दल में ही एक्टिव है और वह बजरंग दल की हर गतिविधि में भी शामिल होता है। अगर यह सच है तो फिर प्रांत संयोजक के कथन पर भी सवाल उठते हैं।

ज्ञातव्य है कि जिस गाड़ी से राजा खान नामक युवक को किडनैप किया गया था, उस पर बजरंग दल लिखा हुआ था। गाड़ी के पिछले शीशे पर संयोजक बजरंग दल भी अंकित था। 

युवाओं के इस ग्रुप ने दो दिन पहले टूंडला के एक होटल में छापा मारकर एक मुस्लिम युवक को एक लड़की के साथ पकड़ कर पुलिस को सौंपा था। उसकी भी पिटाई के बाद यह समूह चर्चा में आया था।

विहिप ने लगा रखी है यह पाबंदी

बजरंग दल के प्रांत संयोजक दिग्विजय नाथ तिवारी ने मयंक ठाकुर के बजरंग दल से किसी प्रकार का नाता न होने की बात कही। साथ यह भी बताया कि विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के किसी भी पदाधिकारी की गाड़ी पर ना तो किसी ना तो झंडा होगा और न नाम या पदनाम लिखा होगा। विश्व हिंदू परिषद नेतृत्व ने इस पर सख्ती से रोक लगा रखी है। यहां तक कि बजरंग दल के प्रांत संगठन मंत्री भी अपनी गाड़ी से पद नाम हटवा चुके हैं। 

मयंक ठाकुर का अगर बजरंग दल से जुड़ाव होता तो उसकी गाड़ी पर बजरंग दल लिखा हुआ न होता। तिवारी ने यह भी बताया कि बजरंग दल के पदाधिकारी ऐसी गाड़ियों को निरंतर तलाशते रहते हैं, जिन पर लोग फर्जी तरीके से विश्व हिंदू परिषद या बजरंग दल लिखवाकर उल्टे सीधे कामों में लिप्त रहते हैं। उनकी जानकारी में हाल ही में चार ऐसी गाड़ियां आई हैं जिनके बारे में हम पता लगा रहे हैं।

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SP_Singh AURGURU Editor