दामाद-ससुर की मुकदमेबाजी दिल्ली से शुरू होकर आगरा तक आ पहुंची
आगरा। एक ही आदेश के विरुद्ध प्रतिद्वंद्वी दामाद एवं ससुर द्वारा सत्र न्यायालय में रिवीजन करने पर एडीजें परवेज अख्तर ने दामाद का रिवीजन खारिज करने के साथ ही ससुर का रिवीजन स्वीकृत कर लिया।
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-दामाद ने ससुर व अन्य पर आगरा में लगाया था हमले का आरोप
-सत्र न्यायालय ने दामाद की रिवीजन खारिज कर ससुर को दी राहत
इसी क्रम में तरुण मलिक ने 21 सितम्बर 2019 की घटना में स्वयं के ऊपर दिल्ली से पीछा करने एवं हमला करने का आरोप लगाते हुए अपने ससुर एवं अन्य के विरुद्ध आगरा के न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में परिवाद प्रस्तुत किया था। तरुण का आरोप था कि जब वह अपने इलाज हेतु आगरा आया तो ससुर एवं अन्य ने स्कोडा कार से पीछा कर आगरा आकर उस पर हमला किया।
अपने कथन के समर्थन में दामाद ने अपने दो मामा भी गवाह के रूप में अदालत में पेश किए। अदालत ने उक्त परिवाद पर संज्ञान लेकर ससुर मुकेश गुप्ता एवं अन्य को 24 अगस्त 2023 को भादसं की धारा 323,324 एवं 506 में मुकदमे के विचारण हेतु तलब करने के आदेश दिये थे।
इस पर दामाद ने इस आधार पर सत्र न्यायालय में रिवीजन किया कि अधीनस्थ न्यायालय ने आरोपियों को भादसं की धारा 307 में तलब नहीँ कर विधिक त्रुटि कर हल्की धारा में तलब किया है। वहीँ ससुर ने स्वयं एवं कथित घटना कारित करने वालों की घटना वाले दिन दिल्ली में ही होने के साक्ष्य देकर सत्र न्यायालय में रिवीजन किया। दोनों रिवीजन की एक ही अदालत में सुनवाई हुई।
एडीजे परवेज अख्तर ने ससुर के वरिष्ठ अधिवक्ता राम प्रकाश शर्मा एवं मुनेंद्र प्रकाश यादव के तर्क पर दामाद का रिवीजन खारिज कर जहां अधीनस्थ न्यायालय द्वारा पारित आदेश को सही ठहराया, वहीँ अधीनस्थ न्यायालय द्वारा ससुर एवं अन्य को तलब करने के बाबत प्रस्तुत आदेश को निरस्त करने के भी आदेश दिये।