वह वाकया जो 99 साल पहले चौधरी चरण सिंह के साथ आगरा कॊलेज के हॊस्टल में घटा
आगरा। देश ने आज (23 दिसंबर) किसानों के मसीहा, पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न चौधरी चरण सिंह की 122वीं जयंती पर उनका भावपूर्ण स्मरण किया। चौधरी चरण सिंह, एक ऐसा नाम जिन्होंने राजनीति में रहते अपने पूरे जीवन किसानों, मजदूरों और गरीबों के उत्थान के लिए काम किया। उन्हीं चौधरी चरण सिंह के छात्र जीवन की एक ऐसी घटना भी है जो आगरा से जुड़ी हुई है। बहुत कम लोगों को मालूम होगा कि आगरा में छात्र जीवन दौरान चौधरी चरण सिंह का आगरा कॊलेज के हॊस्टल के मेस में खाना-पीना बंद कर दिया गया था।
चौधरी चरण सिंह आगरा कॊलेज के छात्र रहे हैं। ऒगरा कॊलेज से उन्होंने लॊ ग्रेजुएट की डिग्री हासिल की थी। चौधरी साहब जब आगरा कॊलेज के विधि छात्र हुआ करते थे, तब आगरा कॊलेज के हॊस्टल छती कोठी (अब जेपी हॊस्टल) में रहा करते थे।
बात 1925 की है। उन दिनों स्वाधीनता आंदोलन अपने चरम पर था। इन्हीं दिनों छुआछूत को खत्म करने का अभियान चला रहे महात्मा गांधी ने दलितों के साथ सहभोज का आह्वान किया। चौधरी चरण सिंह ने इस आह्वान से प्रेरित होकर आगरा में ही दलितों के साथ सहभोज किया। जब ये बात छती कोठी (हॊस्टल) में रहने वाले उनके दूसरे सहपाठियों को पता चली तो उन्होंने चौधरी चरण सिंह के हॊस्टल में खाना खाने पर रोक लगा दी।
चौधरी चरण सिंह से नजदीकी से जुड़े रहे शिक्षाविद और कुलपति प्रो. केएस राना बताते हैं कि उस समय छुआछूत का दौर था। जिन छात्रों ने चौधरी साहब के मेस में खाने पर रोक लगाई थी, वे हरियाणा के थे। साथियों के इस फैसले से चौधरी चरण सिंह दुविधा में थे। उस संकट काल में काम आए स्वाधीनता सेनानी पंडित श्रीराम शर्मा। चौधरी चरण सिंह ने पूरे दो माह तक पंडित श्रीराम शर्मा के बल्का बस्ती स्थित घर पर ही खाना खाया था।
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