मास्टर प्लान में सिविल एन्क्लेव के ग्रीन एरिया से छेड़छाड़ न हो
आगरा। महानगर योजना 2031 में जो भी बदलाव शासन को करना हो जरूर करे, किंतु प्रस्तावित हरित क्षेत्र में कमी करने जैसा कोई बदलाव नहीं होना चाहिये। खासकर सिविल एन्क्लेव से संबंधित क्षेत्र में। सिविल सोसाइटी ऒफ आगरा को आशंका है कि इस प्रकार का बदलाव होते ही सिविल एन्क्लेव प्रोजेक्ट को मिली क्लीयरेंस को फिर से लेने की प्रक्रिया शुरू करनी पड सकती है। जिसके फलस्वरूप सिविल एन्क्लेव प्रोजेक्ट फिर से लटक सकता है।
-सिविल सोसाइटी ऒफ आगरा को आशंका, थोड़ा सा बदलाव भी शुरू कर सकता है क्लीयरेंस को लेने का नया सिलसिला
सिविल सोसायटी आगरा ने मुख्य नगर नियोजक टाउन एंड कंट्री प्लानिंग डिपार्टमेंट, मुख्य टाउन एंड कंट्री प्लानर लखनऊ, उपाध्यक्ष आगरा विकास प्राधिकरण सहित कई संबंधित अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को अपनी शंकाओं को आपत्ति के रूप में प्रेषित कर दिया है।
सोसायटी ने सिविल एयरपोर्ट आगरा के डायरेक्टर से भी मुलाकात कर प्रस्तावित महानगर योजना 2031 में सिविल एयरपोर्ट के पर्यावरण क्षेत्र में बदलाव से प्रस्तावित सिविल एन्क्लेव के निर्माण प्रक्रिया प्रभावित न होना सुनिश्चित करने को कहा है।
ग्रीन एरिया कम करना हित विरुद्ध
सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा ने कहा है कि नागरिक उड्डयन विभाग के लंबे प्रयासों और एयरपोर्ट अथॊरिटी के अधिकारियों के सौहार्दपूर्ण दृष्टिकोण से सिविल एनक्लेव का काम संभव होने जा रहा है। आगरा मास्टर प्लान 2031 में सिविल एन्क्लेव की कार्ययोजना (डीपीआर) के तहत चिन्हित हरित क्षेत्र को कम करने का निर्देश दिया गया है।
अगर हरित क्षेत्र के आकार में बदलाव होता है तो सिविल एन्क्लेव के चल रहे निर्माण कार्य पर प्रतिकूल असर पड़ सकता है, क्योंकि स्वीकृत डीपीआर की आधारभूत औपचारिकताओं में यह हरित क्षेत्र भी शामिल है। यह अपने आप में ताज ट्रिपेजियम जोन एवं स्थानीय पर्यावरण में प्रदूषण न्यून करने के अनुकूल भी है।
सिविल एन्क्लेव रक्षा परिसर समतुल्य
सिविल सोसाइटी का कहना है कि छावनी बोर्ड, नाविक, सैनिक व वायु सेना के किसी प्राधिकारी के प्रयोजनार्थ केन्द्रीय सरकार के स्वामित्वाधीन या उसके द्वारा अधिग्रहीत या पट्टे पर ली गयी भूमि को पृथक रखे जाने का भी उल्लेख है। अत:सिविल एन्क्लेव स्वत: ही महानगर योजना से बाहर माना जाना चाहिए और इसकी एनवायरमेंट प्लानिंग में दखल नहीं होना चाहिये।
सोसायटी का कहना है कि सिविल एन्क्लेव जिस भूमि पर बन रहा है, उसका एक छोर आगरा-जगनेर रोड की ओर है,जबकि पीछे का भाग वायुसेना परिसर की बाउंड्री से लगा हुआ है, इसलिये सिविल एन्क्लेव आगरा के परिसर के नक्शे का आकलन रक्षा प्रतिष्ठानों के लिये निर्धारित प्रावधानों के तहत किसी भी सिविल डॉक्यूमेंट में किया ही नहीं जा सकता और अगर किया जाना है तो इसके लिये वायुसेना की अनुमति अनुमति जरूरी होगी।
वैसे भी सिविल एन्क्लेव के टैक्सी ट्रैक का ही सिविल एयरक्राफ्ट इस्तेमाल करेंगे। टेकऑफ़ और लैंडिंग ऑपरेशन के लिये एयरफोर्स स्टेशन आगरा के रनवे और उसके फनफ एरिया का ही होगा। इसलिये नागरिक क्षेत्रों के लिये बनाई जा रही महानगर योजना से सिविल एन्क्लेव को बाहर रखना ही उपयुक्त होगा। आगरा महानगर से संबंधित अधिकारियों को मुख्य टाउन एंड कंट्री प्लानर लखनऊ प्लानर के समक्ष उपरोक्त तथ्य जरूर रखना चाहिये।
एयरपोर्ट अथॉरिटी का पक्ष रखें
मुलाकात में एयरपोर्ट डायरेक्टर ने कहा कि सिविल एयरपोर्ट के पहले फेस पर काम जारी है। दूसरे फेस के लिये भी अनुमति मिल गई है, जिसमें सिविल एयरक्राफ्ट के लिये टैक्सी ट्रैक बनाया जायेगा। यही नहीं, इसे बनाये जाने के बाद इसे एयरफोर्स को ही सौंप दिया जायेगा। इस प्रकार सिविल एन्क्लेव रक्षा प्रतिष्ठानों का ही भाग होगा। श्री तोमर ने कहा कि वैसे वह संबंधित सिविल अधिकारियों से भी संपर्क करेंगे।
सिविल सोसायटी ऑफ़ आगरा के सैकेट्री अनिल शर्मा, पूर्व पार्षद शिरोमणि सिंह का कहना है कि उनकी जानकारी में पहली बार हो रहा है जबकि प्रधानमंत्री के द्वारा शिलान्यास की हुई और सुप्रीम कोर्ट से एनवायरमेंट क्लीयरेंस प्राप्त किसी योजना एनवायरमेंट प्लान को प्रभावित करने वाला कार्य राज्य सरकार की किसी एजेंसी के द्वारा सुझाया गया हो। एयरपोर्ट डायरेक्टर से मुलाकात करने वालों में डॊ. शिरोमणि सिंह, अनिल शर्मा, फोटो जर्नलिस्ट असलम सलीमी और वरिष्ठ पत्रकार राजीव सक्सेना भी शामिल थे।
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