महोत्सव से भारत और नेपाल की साझा संस्कृति होगी अमिट: हेमा मालिनी

वृंदावन। सांसद व अभिनेत्री हेमा मालिनी के उदबोधन के साथ ही तीन दिवसीय भारत-नेपाल साहित्य एवं सांस्कृतिक महोत्सव-2025 का समापन हो गया।

Mar 23, 2025 - 21:07
Mar 23, 2025 - 22:33
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महोत्सव से भारत और नेपाल की साझा संस्कृति होगी अमिट: हेमा मालिनी
वृंदावन में आयोजित भारत-नेपाल साहित्य एवं सांस्कृतिक महोत्सव के कुछ चित्र।

-लेखिका डा अनीता चौधरी, विदुषी मोहिनी, सत्य प्रकाश, मजिस्ट्रेट प्रतिभा समेत कई विशिष्टजन ब्रज शिरोमणि उपाधि से विभूषित

-साझा विरासत, परंपरा और सामाजिक समरसता को बढावा मिलेगा: डॊ. विजय पंडित 

तीन दिवसीय समारोह में साहित्य, समाजसेवा व लेखन समेत अन्य विशिष्ट कार्य करने पर साहित्यकार सत्य प्रकाश शर्मा, मजिस्ट्रेट सुश्री प्रतिभा शर्मा, भागतताचार्य विदुषी मोहिनी कृष्ण दासी, कृष्णा कुटीर की संचालिका शिल्पा मुरगई, साहित्यकार डॊ. अनीता चौधरी, खजानी वुमेन इंस्टीट्यूट की एमडी शिप्रा राठी व शिक्षाविद् संध्या मिश्रा आदि को ब्रज शिरोमणि को उपाधि प्रदान कर सम्मानित किया गया। लेखक सत्य प्रकाश समेत दो दर्जन साहित्यकारों की पुस्तकों का विमोचन भी हुआ।

सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि भारत और नेपाल की एक समान संस्कृति है। दोनों देशों के मध्य ऐतिहासिक निकटता रही है। यही संस्कृति सदियों से दोनों देशों को आत्मीय संबंधों में बांधती चली आ रही है। दोनों देशों के मध्य संबंधों को और अधिक सशक्त बनाने के लिए वृंदावन के गीता शोध संस्थान एवंसाझा विरासत, परंपराओं और सामाजिक समरसता को रासलीला अकादमी में चल रहा ये तीन दिवसीय आयोजन एक महत्वपूर्ण पहल है। 

सांसद हेमा मालिनी ने कहा कि इस महोत्सव में नेपाल व भारत से इतनी बडी संख्या में महिलाओं की भागीदारी काफी महत्व रखती है। मुझे खुशी है कि साहित्य, कला, संगीत और संस्कृति के क्षेत्र में दोनों देशों की महिलाओं का अमूल्य योगदान है।

उन्होंने कहा कि महोत्सव में महिला व पुरुष साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से दोनों देशों की साझा विरासत, परंपराओं और सामाजिक समरसता को आगे बढ़ाया है। सांसद ने सफल आयोजन के लिए ब्रज संस्कृति विशेषज्ञ डा उमेश चंद्र शर्मा, गीता शोध संस्थान के समन्वयक चंद्र प्रताप सिंह सिकरवार, डॉ. हरेन्द्र हर्ष, डा विजय पंडित को बधाई देते हुए कहा कि ये महोत्सव दोनों देशों की साझा सांस्कृतिक विरासत को निश्चित ही ऊंचाइयों पर ले जायेगा।

महोत्सव के अंतिम दिन दोनों देशों के साहित्यकार, लेखक, कलाकारों ने अपनी कविताओं, कहानियों व अन्य रचनाओं की अभिव्यक्ति मंच पर प्रस्तुत की।

आयोजक डा विजय पंडित और डा हरेन्द्र हर्ष ने कहा कि महोत्सव में आये नेपाल और भारत के साहित्यकार, लेखकों आदि ने अपनी कविता, कथा, नाटक और निबंधों के जरिए सांस्कृतिक संवाद को मजबूत किया है।

क्रांतिधरा साहित्य अकादमी मेरठ और चारू साहित्य प्रतिष्ठान नेपाल के साहित्यिक संस्था द्वारा गीता शोध संस्थान वृंदावन के सहयोग से आयोजित कार्यक्रम में चेन्नई से डॉ पद्मिनी, कोयंबटूर से डॉ देवी, आगरा से आयी सुखदा पांडे ने दोनों देशों के साहित्य पर चर्चा की। पूर्व कुलपति डॉ रविंद्र शर्मा ने इस सत्र की अध्यक्षता की।दिल्ली यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ पुष्पा शर्मा ने रचना प्रस्तुत की।

एक अन्य सत्र भारत व नेपाल के लघु कथाकार बहुभाषी गजल, चारू, कवि सम्मेलन हुआ। बहुभाषी कवि सम्मेलन सत्र का संचालन नेपाल के डा देवी पंथी और इंदौर की शीतल देवयानी ने संयुक्त रूप से किया।