जीआईसी ग्राउंड की भीड़ संघ की शक्ति और जनाक्रोश का संगम था, बंटेंगे तो कटेंगे की गूंज होती रही

आगरा। आगरा के जीआईसी ग्राउंड पर बुधवार को एक जंगी प्रदर्शन हुआ। सनातन चेतना मंच नामक उस संगठन के बैनर तले, जिसका जन्म मात्र तीन दिन पहले ही हुआ था। मुद्दा था बांग्लादेश में हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्चाचार का विरोध। जीआईसी ग्राउंड पर बांग्लादेश की घटनाओं को लेकर आक्रोशित लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा था।

Dec 4, 2024 - 21:27
Dec 4, 2024 - 22:10
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जीआईसी ग्राउंड की भीड़ संघ की शक्ति और जनाक्रोश का संगम था, बंटेंगे तो कटेंगे की गूंज होती रही
सनातन एकता मंच द्वारा बुधवार को जीआईसी ग्राउंड पर आयोजित विरोध प्रदर्शन की कुछतस्वीरें। दूसरे चित्र में रैली में समर्भाथकों संग रैली में भाग लेने जाते एमएलसी विजय शिवहरे।

-बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचारों के ख़िलाफ़ आगरा से उठी बड़ी आवाज, भारत सरकार हस्तक्षेप करे

 

-तीन दिन पहले बने सनातन चेतना मंच की रैली में धर्माचार्यों और हिंदू नेताओं ने यूएनओ पर उठाए सवाल

 बैनर जरूर सनातन एकता मंच का था, लेकिन इसके पीछे असल ताकत आरएसएस की थी। संघ कितने शॊर्ट नोटिस पर कितना बड़ा विरोध प्रदर्शन कर सकता है, आज यह दिख गया। आज के विरोध प्रदर्शन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा आगरा में ही दिया गया वह नारा हर जुबान पर था, जिसमें उन्होंने कहा था, बंटेंगे तो कटेंगे। सीएम का यह नारा भी बांग्लादेश की घटनाओं को लेकर ही था।

 

मैदान में आने वाली टोलियों में बांग्लादेश की घटनाओं को लेकर आक्रोश साफ झलक रहा था। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में ग्रामीण क्षेत्र से भी लोग शामिल हुए। मंच से सभी धर्माचार्यों और हिंदूवादी संगठनों के नेताओं ने भारत सरकार से इस मामले में हस्तक्षेप करने की मांग की और यूएनओ की भूमिका पर सवाल उठाए। बाद में राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन अपर जिलाधिकारी को सौंपा।

 

तीन दिन पहले ही सनातन चेतना मंच ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अहे अत्याचार के खिलाफ प्रदर्शन की योजना बनाई। तीन दिन के अंदर ही इतनी बड़ी संख्या में लोगों का जुटना बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार के ख़िलाफ़ लोगों नाराज़गी प्रकट करा रही थी। मंच से वक्ताओं के भाषण चल रहे थे, नीचे से बीच- बीच में लोग बंटोगो तो कटोगो, हम सब हिंदू एक हैं, जय श्रीराम, वंदेमातरम् और बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार बंद करो-बंद करो के नारे लगाते रहे।

 

वक्ताओं ने यूएनओ की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि विश्व में कहीं पर भी मानवाधिकार का हनन रोकने के लिए यूएनओ बना हुआ है। उसे गाजा और फ़लस्तीन तो दिख रहा है पर बांग्लादेश में हिंदुओं का नरसंहार नहीं दिख रहा। सवाल अमेरिका और चीन की भूमिका पर भी उठाए गए।

 

बांग्लादेश समाप्ति के कगार पर

 

गौ सेवक अजित महापात्रा ने कहा कि बांग्लादेश में अल्पंसख्यक के साथ जो घटना हो रही है। हमें ऐसा लग रहा हैं कि बांग्लादेश खत्म होकर अखंड भारत होने वाला है। उन्होंने सभी सनातनी हिन्दुओं को बांग्लादेश में ढाकेश्वरी मंदिर जाकर वहां के हिन्दुओं का हौंसला बढ़ाना चाहिए। यही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। अजीत महापात्रा ने कहा कि सम्पूर्ण भारत ही नही बल्कि भारत के बाहर विश्व भर में रहने वाले हिन्दुओं को भी बांग्लादेश नरसंहार पर एकजुट होकर आंदोलन करना चाहिए।

 

विभाजन के समय बांग्लादेश में 36 प्रतिशत हिन्दू थे, जो घटकर 8 प्रतिशत रह गए हैं, जबकि संधि के समय अल्पसंख्यक हिन्दुओं को सुरक्षा की बात तय हुई थी। उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार पर इस्कान  के चिन्मय प्रभु ने आवाज उठाई, लेकिन बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन के बाद से नरसंहार का दौर चल रहा है। चिन्मय प्रभु ने आवाज उठाई, तो उन्हें देशद्रोही कहकर बंदी बना लिया गया। सरकार इस मामले का जल्द ही हल निकाल लेगी।

 

उन्होंने बांग्लादेश में हिंदू अत्याचार पर अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को फटकार लगाते हुए कहा कि बांग्लादेश में हिन्दुओं पर अत्याचार पर आयोग के लोग बांग्लादेश में जाकर क्यों नही बैठते हैं। उन पर कोई कार्रवाई क्यों नही कर रहे हैं। यह उनकी शिथिलता को दर्शा रहा है। उन्होंने भारत के सभी राजनैतिक दलों को बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे अत्याचार पर एकजुट होने का आवाहन किया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस को नखरेबाजी बंद कर सनातनी होने के नाते एक साथ खड़े होकर भारत के साथ जय जयकार करनी चाहिए और बांग्लादेशी हिन्दुओं की दुर्दशा को दूर करने पर विचार करना चाहिए।

 

वृदांवन के पीठाधीश्वर यदुनन्दन आचार्य ने कहा कि भारत से टुकड़ा कटने के बाद से ही बांग्लादेश में अल्पसंख्यक हिन्दुओं को प्रताडना झेलनी पड रही है। बांग्लादेश की युनूस सरकार में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की बेटियों को घर से खींचकर उनके साथ दुर्व्यवहार किया जा रहा है। वहां हिन्दू सहमें बैठै हैं। इस मामले में विश्व के सभी संगठनों को एकजुट होकर बांग्लादेशी हिन्दुओं की रक्षा करनी चाहिए।

इस्कान के अरविंद प्रभु ने कहा कि बांग्लादेश में वर्तमान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं के साथ विषम परिस्थितियां हैं। चैतन्य महाप्रभु ने असहयोग आंदोलन किया था। जिसे यमन और मुगलों ने रोकने की कोशिश की थी, लेकिन आंदोलन की हवा देखकर काजी घबरा गया था और सनातनी बन गया था। उन्होंने कहा बांग्लादेश की सरकार ने 60 बांग्लादेशी भक्तों को बॉर्डर पर रोककर भारत आने से रोका। ऐसे हालात चिंतनीय हैं, जिसको देखकर सनातन चेतना मंच ने विश्व भर के सनातनी हिन्दुओं को जागृत करने का आवाहन किया है। उन्होंने कहा बांग्लादेश हिंसा को शस्त्र और शास्त्र से रोका जा सकता है।

 

पं. उप्र हिन्दु दुर्गा वाहिनी अध्यक्ष रीना शर्मा ने कहा बांग्लादेश में हमेशा से ही ऐसी स्थिति है। विश्व पटल पर बांग्लादेश में हिन्दुओं की दुर्दशा सामने आई है। बांग्लादेश में महिलाओं के लिए नारकीय स्थिति बनी हुई है। वहां के हिन्दुओं ने संगठित होकर अत्याचार का विरोध करना शुरू कर दिया है। जिसका हमें भी समर्थन करना है और बांग्लादेश की हिंदू बहन-बेटियों की सुरक्षा करनी है।

 

इस अवसर पर सनातन चेतना मंच संयोजक पंकज खंडेलवाल, कार्यक्रम अध्यक्ष किशोर गुप्ता, सोमनाथ धाम महंत जहाज नाथ योगी, मनःकामेश्वर महंत योगेश पुरी, निर्मल गिरी, ग्रंथी बड़ा गुरूद्वारा सरदार तीरथ सिंह, बौद्धधर्म गुरूभंत अशोक रतन, आर्य समाज के प्रतिनिधि विजय चौहानपंजाबी विरासत के कार्यवाहक अध्यक्ष अनिल वर्मा एडवोकेट,डॉ. देवाशीष भट्टाचार्य, कवियत्री रूचि चतुर्वेदी, मंच के सहसंयोजक दिग्विजय नाथ तिवारी और अशोक पिप्पल, विभाग प्रचारक आनंद, विभाग कार्यवाह सुनील कुमार, रामवीर, उपेंद्र सिंह लवली, हेमलता दिवाकर, रामप्रताप सिंह चौहान,  विजय शिवहरे, भानू महाजन, पुरूषोत्तम खंडेलवाल, धर्मपाल, डॉ. मंजू भदौरिया, रजत​ सिंहल, नितेश शिवहरे, गौरव राजावत, राजकुमार गुप्ता, विनीत शर्मा, शौकी कपूर एवम् विभाग प्रचार प्रमुख मन मोहन निरंकारी, उत्तर प्रदेश लघु उद्योग निगम के चेयरमैन राकेश गर्ग, पूर्व विधायक महेश गोयल, भवेंद्र शर्मा, संदेश जैनस संजय गोयल और लोकेश सोनी आदि उपस्थित रहे।

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SP_Singh AURGURU Editor