देश की जलवायु, मिट्टी खाद्य तेलों के लिए श्रेष्ठ, दुनिया के सामने लाएं- बिरला
आगरा। भारत की मिट्टी में वह विशेषता है जिससे यहां के बीजों की गुणवत्ता सर्वश्रेष्ठ होती है। यहां की मिट्टी में उगने वाली सभी तिलहन फसलों से बनने वाले खाद्य तेल दुनिया में सर्वश्रेष्ठ स्थान रखते हैं। चाहें बात स्वाद की हो या फिर स्वास्थ्य की। विश्व मंच पर भारत के खाद्य तेलों की इस विशेषता को सामने लाने के लिए एकजुट होकर प्रयास किसान और उद्यमी करें। सरकार आपका पूरा सहयोग करेगी।

सेमिनार का शुभारंभ मुख्य अतिथि लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल, सांसद राजकुमार चाहर, मेयर हेमलता दिवाकर, एमएलसी विजय शिवहरे, राष्ट्रीय संयोजक दिनेश राठौर, कुईट अध्यक्ष सुरेश नागपाल, महेश राठौड़, यूपीओमा अध्यक्ष अजय गुप्ता, मोपा अध्यक्ष बाबू लाल डाटा, यश अग्रवाल, भरत भगत, कुमार कृष्ण गोयल ने दीप जलाकर किया।
मुख्य अतिथि ओम बिरला ने कहा कि जितनी उपभोक्ताओं की आवश्यकता है, उसके मुकाबले हमारे देश में खाद्य तेल का उत्पादन कम होता है, इसलिए हमें तेल का आयात करना पड़ता है। किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए पीएम मोदी प्रयासरत हैं। दलहन व तिलहन में आत्मनिर्भरता के लिए सरकारी प्रयासों के बाद भी हमें खाद्य तेल आयात करने पड़ते हैं। यह हमारे लिए सबसे बड़ी चुनौती है और इसका समाधान भी निकलेगा।
श्री बिरला ने कहा कि हमारा खाद्य तेल सबसे सर्वश्रेष्ठ तेल है। हमारी मिट्टी में पैदा होता है। भारत की जलवायु, भारत की मिट्टी, भारत का पानी खाद्य तेलों के लिए सर्वश्रेष्ठ है। आवश्यकता है तो इसे वैश्विक स्तर पर प्रचारित करने की। इसके लिए हमें रिसर्च करनी होंगी, उनको दुनिया के सामने लाना होगा। इससे हमारा बाजार बढ़ेगा।
लोकसभा अध्यक्ष ने कहा कि आजकल मार्केटिंग करने का जमाना है। अधिकांश चिकित्सक मानते हैं कि खाद्य तेलों से बीमारियों नहीं होतीं। इम्यूनिटी बढ़ती है। यदि सरसों तेल की गुणवत्ता पर शोध पत्र कृषि वैज्ञानिक तैयार करें और ऑयल इंडस्ट्री मिलकर उसका प्रचार प्रसार करे तो हमारे खाद्य तेल को कोई चुनौती नहीं दे सकता।
उन्होंने कहा कि संगठित होकर प्लान तैयार करें, सरकार भरपूर सहयोग करेगी। हमें इतनी उत्पादन बढ़ा देना चाहिए कि दुनिया से हमें तेल मंगाना न पड़े, बल्कि हमें कोशिश ये करनी चाहिए, कि हम दूसरे देशों को तेल भेज सकें। लोकसभा अध्यक्ष ने शहीद दिवस पर देश के शहीदों को श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
बेखौफ होकर जोत बढ़ाएं: प्रो एसपी सिंह बघेल
सेमिनार को संबोधित करते हुए केंद्रीय राज्य मंत्री प्रो एसपी सिंह बघेल ने कहा कि ये विडंबना है कि जिस भारत को पूरी दुनिया में अन्नदाता के रूप में जाना जाता है, वहां खाद्य तेल का आयात किया जाता है। उन्होंने कहा कि तेल उद्यमियों के सेमिनार के मंथन में निश्चित रूप से समाधान का अमृत निकलेगा। 23.25 मिलियन मैट्रिक टन हमारी खपत है। इसलिए जोत बढ़ाने में खतरा नहीं है। सरसों तेल स्वास्थ की दृष्टि से वरदान है। इसकी शरीर पर मालिश के फायदे चिकित्सक बताते हैं।
सरसों का एमएसपी तय हो, ताकि किसानों को सही मूल्य मिल सके: चाहर
सांसद और भाजपा किसान मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजकुमार चाहर ने किसानों की समस्या को सेमिनार में उठाया। बोले कि सरसों का एमएसपी तय होना चाहिए, जिससे किसानों को सरसों का सही मूल्य मिल सके।
प्रारंभ में यूपीओमा अध्यक्ष अजय गुप्ता ने स्वागत उद्बोधन देते हुए कार्यक्रम की प्रस्तावना रखी। राष्ट्रीय संयोजक दिनेश राठौर ने सरसों तेल उत्पादन एवं उद्योग की चुनौतियों की ओर मंच का ध्यान आकर्षित किया। मंच का संचालन करते हुए लघु उद्योग भारती के प्रदेश सचिव मनीष अग्रवाल ने किया।
सिने अभिनेत्री अमीषा पटेल ने किया उद्यमियों को सम्मानित
सेमिनार का समापन सम्मान समारोह के साथ हुआ। सिने अभिनेत्री अमीषा पटेल ने देश भर से आए उद्यमियों एवं व्यापारियों को सम्मानित किया। इस दौरान उन्होंने मंच से कहा कि शुद्ध भोजन स्वस्थ जीवन देता है और देशी उत्पाद से बेहतर कुछ और नहीं है। सरसों तेल इसी शुद्धता पर खरा उतरता है।
मांग और आपूर्ति के साथ क्रॉप एस्टीमेट पर चिंतन
सेमिनार के दूसरे सत्र में मांग और आपूर्ति के साथ क्रॉप एस्टीमेट पर चिंतन और विमर्श किया गया।
रबी कालीन तिलहन फसलों, विशेषकर सरसों की नई फसल की जोरदार कटाई-तैयारी एवं मंडियों में आवक शुरू होने पर देश में 111 लाख 25 हजार टन पैदावार होने का आंकलन लगाया गया, जिसमें उत्तर प्रदेश में 15 लाख टन फसल की घोषणा की गई। इस सत्र में घोषणा की गई कि संगठन एकजुट होकर एक संदेश के साथ बिना किसी नाम के सरसों तेल का प्रचार करेगा।
इन सत्रों में डॉ ममता बंसल, अंशु मलिक, प्रीतीश रोहन, संजीव अस्थाना, सीए आरके जैन, एसके सिंह, ऋषि अग्रवाल, अजय झुनझुनवाला, दीपक डाटा, पियूष, संजीव अग्रवाल, महेश राठौड़, डॉ बीबी मेहता, शैलेश बलदेव, नागराज मेडा, मनीष अग्रवाल रावी मंचासीन रहे।
ये रहे उपस्थित
सेमिनार में विनोद राजपूत, अनिल छतर, अजय झुनझुनवाला, गजेंद्र झा, महेश गोयल, सुनील गोयल, एसके जैन, दीपक गुप्ता, महेश राठौड़, राकेश गुप्ता, मधुकर गुप्ता, वासु पंजवानी, नरेश करीरा, रमन जैन, जयराम, रामप्रकाश राठौड़, जोनू गुप्ता, राघव गुप्ता, संजोग गुप्ता, राजीव गुप्ता आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का प्रबंधन संदीप उपाध्याय एवं सागर तोमर ने किया।