शहर के दो साहित्यसेवियों की रार और बढ़ी, भावना ने राष्ट्रीय महिला आयोग का दरवाजा खटखटाया
आगरा। शहर के दो साहित्यसेवियों के बीच की रार चर्चा का विषय बन चुकी है। मामला थाने तक जा पहुंचा है। साहित्यकार भावना वरदान शर्मा ने कवि पवन आगरी के खिलाफ धमकाने का मुकदमा दर्ज कराए जाने के बाद यह मामला अब नया मोड़ ले चुका है। भावना वरदान शर्मा इस मामले को राष्ट्रीय महिला आयोग तक भी ले गई हैं।
-मैं और मेरा परिवार मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित- भावना वरदान शर्मा
-पवन आगरी बोले- सत्य पराजित हो सकता है परेशान नहीं
इन दोनों साहित्यसेवियों के बीच विवाद तब पैदा हुआ जब कवि पवन आगरी ने ताज लिटरेचर फेस्ट के नाम से एक साहित्यिक कार्यक्रम आयोजित किए जाने की घोषणा की। पवन आगरी ने इसकी घोषणा एक व्हाटसएप ग्रुप पर की। भावना वरदान शर्मा ने ताज लिटरेचर फेस्ट को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दी। नाम चुराने का आरोप लगाते हुए पवन आगरी को नसीहत दे डाली कि करना है तो कुछ नया करो। पहले से ही आयोजित हो रहे कार्यक्रम के नाम की जगह कोई दूसरा नाम रखते।
दरअसल भावना वरदान शर्मा पिछले एक दशक से ताज लिटरेचर क्लब के नाम से एक संस्था चला रही हैं जो हर साल एक लिटरेचर फिस्टिवल भी करती है। पवन आगरी ने भावना वरदान शर्मा की प्रतिक्रिया का यह कहकर जवाब दिया कि उनकी संस्था का नाम ताज लिटरेचर क्लब है जबकि हमारे कार्यक्रम का नाम ताज लिटरेचर फेस्ट है। इसी दौरान पवन आगरी ने अपने कार्यक्रम का नाम ताज लिटरेचर फेस्ट से बदलकर आगरा साहित्य उत्सव यह कहते हुए कर दिया कि वे विवाद को विराम देना चाहते हैं।
दोनों साहित्यसेवियों के बीच यह विवाद अभी व्हाट्सएप ग्रुप तक ही सीमित था। इस बीच भावना वरदान शर्मा ने फेसबुक पर एक पोस्ट डाली कि पवन आगरी उनकी संस्था के नाम से चंदा कर रहे हैं। भावना वरदान शर्मा की इस पोस्ट पर पवन आगरी ने उन्हें कानूनी नोटिस भेजकर कहा कि वे उनकी मानहानि कर रही हैं। पवन आगरी ने इस नोटिस में यह भी कहा कि वे जो आगरा साहित्य उत्सव आयोजित कर रहे हैं, वह गोयनका साहित्य अकादमी संस्था करा रही है, इसलिए चंदे जैसी तो कोई बात ही नहीं उठती। नोटिस में आगरी ने यह भी कहा कि अगर चंदे के कोई सबूत हों तो उपलब्ध कराएं।
पवन आगरी के कानूनी नोटिस के बाद दोनों साहित्यसेवियों के विवाद ने एक नया मोड़ ले लिया। भावना वरदान शर्मा ने थाना छत्ता में एक तहरीर देकर आरोप लगाया कि पवन आगरी उन्हें दूसरे लोगों से फोन कराकर धमकी दिला रहे हैं। पुलिस ने पवन आगरी को बुलाकर पूछताछ की। बीते कल भावना वरदान शर्मा की तहरीर पर पुलिस ने पवन आगरी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया।
मैं और मेरा परिवार मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित-भावना
पवन आगरी के खिलाफ पुलिस में मुकदमा दर्ज होने के बाद साहित्यकार और समाजसेविका भावना वरदान शर्मा ने कहा है कि मुझे न्यायपालिका और देश के कानून पर पूरा भरोसा है। यह केवल मेरे लिए ही नहीं, पूरे शहर के लिए आशा की किरण है।
भावना वरदान शर्मा ने कहा कि आगरा के साहित्य जगत में इतने बड़े पैमाने पर आज तक किसी का विरोध नहीं हुआ है। आगरा ही नहीं, देश के वरिष्ठ कवि, साहित्यकार एवं सामाजिक संगठन मेरे समर्थन में उतर आए हैं। पवन आगरी के विरुद्ध सत्य और घटिया मानसिकता व अभद्रता के बीच जन आंदोलन चल पड़ा है। अगर एक वरिष्ठ लेखिका के साथ इस तरह का मानसिक शोषण हो सकता है तो अपने सपनों को पंख देने के लिए जो नवोदित लेखिकाएं साहित्य जगत में उतर रही हैं, उनके साथ क्या होता होगा, यही सोच कर बस मैं आगे बढ़ी।
उन्होंने कहा कि मेरी साहित्यिक संस्था ताज लिटरेचर क्लब है जो कि मेरे द्वारा कई वर्षों से संचालित है। आगरा निवासी पवन आगरी के द्वारा मेरी संस्था ताज लिटरेचर क्लब से मिलते-जुलते नाम ताज लिटरेचर फेस्ट के आयोजन की घोषणा की गई, जिसका संज्ञान मुझे कई व्हाट्सएप ग्रुप और शहर के बुद्धिजीवियों के द्वारा कराया गया।
देर रात मैसेज और कॊल कर मुझे प्रताड़ित किया गया
जब मैने व्हाट्सएप ग्रुप आगरा मीडिया क्लब में संस्था के नाम को लेकर आपत्ति जताई तो मुझे पवन आगरी के द्वारा ग्रुप में ही धमकाया गया कि अपने काम से काम रखो। नोटिस देने की धमकी दी गई। मेरे से अभद्र भाषा का उपयोग किया गया। लगातार देर रात्रि में व्हाट्सएप मैसेज और कॉल किए गए। मेरा नंबर वायरल कर के निजिता का हनन किया गया और कई अन्य लोगों से पवन आगरी के द्वारा फोन कराकर धमकवाया गया।
मेरे से ट्वीट हटाने तक की धमकी दी गई। लगातार मुझे मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। सोशल मीडिया और व्हाट्सएप कॉल के माध्यम से भी मुझे धमकाया गया। मेरी निजता का हनन किया गया। मेरे से अभद्र व्यवहार किया गया। मेरे समर्थन व बचाव में आये शहर के प्रबुद्धजनों के प्रति अभद्र भाषा लिखी और नोटिस तक भेज दिए।
बकौल भावना वरदान शर्मा, अत्यधिक पीड़ित होने पर मैंने राष्ट्रीय महिला आयोग एवं पुलिस एवं प्रशासन से अपील की कि एक महिला के मान सम्मान स्वाभिमान की रक्षा करते हुए ऐसे व्यक्ति के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही कर मेरी सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। इस दौरान मैं और मेरा परिवार लगातार दहशत में रहे। मानसिक अवसाद में हैं। मेरे बच्चों की परीक्षा बड़ी मुश्किल से हुई।
भावना ने कहा कि जो व्यक्ति सोशल मीडिया पर मेरे एक पंक्ति लिखने पर धमकियां, अभद्र भाषा का प्रयोग और मानहानि नोटिस भेज सकता है, वह अपने विरुद्ध मुकदमा दर्ज किए जाने पर क्या करेगा, यह सोचकर मेरा परिवार मेरी सुरक्षा को लेकर चिंतित है। पिछले 15 दिनों से मैं और मेरा परिवार लगातार मेरी सुरक्षा को लेकर हर पल तनाव और आशंका के साए में जीने को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि पवन आगरी हमेशा ही प्रभावशाली एवं रसूखदार लोगों के साथ अपने कांटेक्ट बताकर प्रभावित करने का प्रयास करते हैं। अपने वीडियो में भी इन्होंने कहा है कि मेरी कमिश्नर आगरा समेत अन्य पुलिस अधिकारियों से भेंट हुई है और उन्होंने जांच के उपरांत इस मामले का पटाक्षेप कर दिया है। यह कहकर इन्होंने पुलिस की कार्यप्रणाली एवं पुलिस विभाग के नाम का लेकर दुष्प्रचार किया है।
समझौते और केस वापसी के लिए दबाव
जैसा कि पवन आगरी ने वीडियो में कहा है कि मैंने राज्य महिला आयोग अध्यक्ष से भेंट की है और उन्होंने भी मामले को लेकर मुझे आश्वासन दिया है। यह कहकर संवैधानिक संस्थाओं की गरिमा को प्रभावित करने का प्रयास किया है। यह जांच को प्रभावित करने का प्रयास है। लगातार समझौते व केस वापस लेने का दबाव बनाया जा रहा है।
मुझे पीड़ा व वेदना है कि शहर के किसी भी कार्यक्रम का आयोजन व संरक्षक उक्त कार्यक्रम का ही नहीं बल्कि शहर का भी हितैषी और संरक्षक होता है। जब शहर की बेटी बहू पर कोई बात आती है तो आयोजक व संरक्षक को उसे भी अपना परिवार समझकर उसकी मदद करनी चाहिए। दुखद है कि ऐसे लोग चुप्पी साधे हुए हैं।
पवन आगरी ने कार्यक्रम को प्रतिष्ठा का प्रश्न बना लिया है। मुकदमा दर्ज होने के बाद वो किसी भी हद तक जा सकते हैं। भावना वरदान शर्मा ने कहा कि कार्यक्रम का नाम बदलना स्वतः बताता है कि उनकी मंशा क्या थी और वो कितने गलत थे। पार्टी द्वारा भी किसी भी वजह से लिया गया एक्शन उनकी कलई खोलता है। उनके द्वारा मेरे प्रति ही नहीं, शहर के अन्य लोगो के लिए लिखे बोले गए शब्द सोशल मीडिया पर हैं।
सत्य परेशान हो सकता है, पराजित नहीं- पवन आगरी
पवन आगरी का कहना है कि उत्पीड़न तो मेरा हो रहा है। इस बारे में 21 दिसंबर को मैंने पुलिस कमिश्नर, आगरा और राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष से मुलाकात की थी। उन्हें प्रार्थना पत्र देकर उनसे अनुरोध किया था कि भावना वरदान शर्मा और उनके साथियों द्वारा सोशल मीडिया पर की जा रही मेरी बदनामी और निरंतर मेरे मानसिक उत्पीड़न से मुझे मुक्ति दिलाई जाए। उन्होंने भी मुझे इस मामले में त्वरित न्याय दिलाने के लिए पूर्णतः आश्वस्त किया था। इनको मानहानि का नोटिस देने के अलावा अन्य कोई भी कार्य मेरे द्वारा नहीं किया गया।
पुलिस को सब कुछ सौंप चुका हूं
पवन आगरी का कहना है कि भावना वरदान शर्मा द्वारा थाना छत्ता में की गई शिकायत से संदर्भित अपना पक्ष रखते हुए मैंने समस्त प्रपत्र पुलिस को सौंप दिए थे, जिनमें अखबारों में प्रकाशित हमारे द्वारा ताज लिटरेचर फेस्ट का परिवर्तित नाम संबंधी खबरें भी थीं। ताज साहित्य उत्सव का पूर्णतया उल्लेख भी उसमें शामिल था, जिस पर उनके द्वारा ये कहा जा रहा था कि ताज और लिटरेचर शब्द उनकी संस्था के नाम से मिलते जुलते लिए गए थे।
बकौल पवन आगरी, मुझ पर भावना वरदान शर्मा द्वारा जिन नंबरों से धमकी देने का आरोप लगाया गया था, उस संदर्भ में मैने स्वयं अपना मोबाइल थाना छत्ता के आईओ के हाथ में देकर कहा था कि वो खुद उन नंबरों को मेरे मोबाइल पर डालकर देख लें। आईओ ने ऐसा किया भी। न तो वो नंबर मेरे मोबाइल में फीड निकले और न ही जीवन में मेरी इन नंबर धारी लोगों से उनकी कभी कोई बात हुई थी।
मैं तो खुद चाहता हूं फोन करने वाले उजागर हों
पवन आगरी ने कहा कि पुलिस ने मेरे सामने ही उस नंबर पर कॉल किया तो वो किसी अमित चौधरी का निकला। मैंने पुलिस से कहा कि इसकी कॉल डिटेल्स निकलवा लें कि मुझे बदनाम करने के लिए कौन लोग इनके संपर्क में हैं। आज मेरे उत्पीड़न के आरोप का सारा सच उजागर होने के बावजूद मेरे ही खिलाफ मुकदमा दर्ज हो जाने पर मैं हैरान हूं। इस संबंध में एक बार फिर से मैं पुलिस के उच्चाधिकारियों से मिलकर इसकी निष्पक्ष जांच की मांग करूंगा। ध्यान रखिए, सच परेशान हो सकता है, पराजित नहीं।
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