कबाड़ से ऐसी जुगाड़ बन जाएगी किसी ने सोचा नहीं था, नगर निगम का 'RRR' फॉर्मूला काम कर गया, वेस्ट टू वंडर का बेहतरीन उदाहरण बना आगरा
आगरा में कम ही देखने को मिला है कि नगर निगम की कोई योजना फुल प्रूव काम कर जाए। इस बार की तो वेस्ट टू वंडर का उदाहरण बन गई।
आगरा नगर निगम का (रिड्यूस, रीयूज, रीसाइकिल) RRR फॉर्मूला इन दिनों चर्चा में है। इस फार्मूले के तहत ताजगंज, आईएसबीटी समेत अलग अलग जगहों पर RRR सेंटर बनाए गए थे। घरों से निकलने वाले वेस्ट मैटेरियल के साथ इन सेंटर पर लैदर, पुराने कपड़े, प्लास्टिक, रबर, टायर, बर्तन, कांच, किताबें, खिलौने, कागज आदि इकट्ठा होने लगे। सबसे अच्छी बात है कि इन सेंटर्स पर बहुत अच्छी स्थिति में आने वाला सामान जैसे किताबें, खिलौने आदि बच्चों के काम आ जाते हैं। जबकि थोड़ा भी खराब या टूटा हुआ सामान रीसाइकिल किया जा रहा है।
G20 समिट से हुआ शुरू
गौरतलब है कि आगरा में वेस्ट मैनेजमेंट का यह नवाचार साल 2023 में G20 समिट से शुरू हुआ था। तब यहां वेस्ट टू वंडर पार्क यानि कबाड़ से सुंदर कलाकृतियां बनाई गईं। मगर अब यह काम जोर पकड़ चुका है।
कहीं पेंसिल चौराहा तो कहीं योग की आकर्षक मुद्राएं बढ़ा रहीं शोभा, कहां क्या बनाया
कबाड़ से जुगाड़ अभियान के तहत शहर में कई प्रमुख चौराहे अब खूबसूरत दिखने लगे हैं। हरिपर्वत पर पेंसिल और बटरफ्लाई की आकर्षक आकृति बनाई गई है तो वहीं सेंट जॉन्स कॉलेज पर योग की विभिन्न मुद्राएं शोभा बढ़ा रही हैं। नगर निगम के बाहर निगम की सेवाओं, संसाधनों से जुड़े कई स्टेच्यू बनाए गए हैं। फतेहाबाद रोड पर टायर से गांधी जी के बंदर, घोड़ा मगरमच्छ के लिए सीट बनाई गई हैं। इसी तरह शहर के विभिन्न इलाकों में कई आकर्षक चीजें कबाड़ से बनाई गई हैं। कमलानगर, सदर सहित कई जगह पर स्ट्रीट लाइट के कवर से मोर पंख, सारस, खराब टायर और पोल से डॉग, कैट, बिच्छू, डस्टबिन, कौकरोच, बुल, मगरमच्छ, कबूतर आदि बनाए गए हैं।
चलकर जाने की भी जरूरत नहीं, बस कॉल करें
अगर आपके घर में भी कोई कबाड़ सामान है जो आपके किसी काम का नही तो वह या तो किसी जरूरतमंद के काम आ सकता है या इस शहर की सुंदरता बढ़ा सकता है। खास बात ये है कि इसके लिए आपको चलकर जाने की जरूरत भी नहीं है। आप टोल फ्री नंबर पर कॉल करेंगे। सामान को रिसीव करने कोई वाहन आपके घर पहुंच जाएगा।
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