कक्षा शिक्षण में भावनात्मक बुद्धिमत्ता विषयक कार्यशाला में शिक्षकों ने बहुत कुछ सीखा
आगरा। अप्सा (एसोसिएशन ऑफ़ प्रोगेसिव स्कूल्स ऑफ़ आगरा) द्वारा शिक्षकों की गुणवत्ता में वृद्धि के उद्देश्य से कक्षा शिक्षण में भावनात्मक बुद्धिमत्ता विषय पर आयोजित कार्यशाला में वृहद मंथन किया गया। यह कार्यशाला प्रिल्यूड पब्लिक स्कूल में अप्सा से संबद्ध लगभग 33 विद्यालयों से 104 पीजीटी शिक्षकों के लिए आयोजित की गई।
प्रशिक्षण सत्र की प्रशिक्षु वक्ता डॉ. कोमल प्रीत कौर (दिल्ली), जो एक विख्यात मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट व इंस्टीट्यूट ऑफ़ प्रोगेसिव साइकोमेट्रिक एसेसमेंट एंड काउंसलिंग की चेयरपर्सन हैं, ने बताया कि आज के तकनीकी युग में मनुष्य इतना अधिक व्यस्त तथा तनावग्रस्त हो गया है कि वह प्रसन्नता से बहुत दूर हो गया है और इसका दुष्प्रभाव उसकी कार्य कुशलता तथा आसपास के लोगों पर भी पड़ता है।
उन्होंने बताया कि छात्रों को चुनौतियों को दुर्गम बाधाओं के रूप में नहीं, बल्कि विकास और आत्म सुधार के अवसरों के रूप में देखना चाहिए क्योंकि वास्तविक जीवन के अनुभवों को अपनाने और उनसे सीखने से व्यक्ति में लचीलापन और सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित होता है। भावनात्मक बुद्धिमत्ता को सुदृढ़ करने से छात्र की सीखने की प्रक्रिया सुगम हो जाती है।
शिक्षकों को प्रेरित करते हुए उन्होंने आत्म जागरूकता, आत्म नियमन, आत्म प्रेरणा, दूसरों की भावनाओं के प्रति जागरूकता, रिश्तों को संभालना आदि कौशलों को अपनाने पर बल दिया, जिसके माध्यम से वे छात्रों को एक सुरक्षित, संतोषजनक और प्रभावी वातावरण प्रदान कर सकें।
विभिन्न नवीन रोचक गतिविधियों के द्वारा शिक्षकों में संचार समस्या-समाधान, नेतृत्व कौशल, सशक्तिकरण की भावना विकसित हुई। अंत में सभी प्रतिभागियों को प्रतिभागिता प्रमाण पत्र प्रदान किए गए।
कार्यशाला में अप्सा के डॉ. सुशील गुप्ता (अध्यक्ष), डॉ. जीएस राना (उपाध्यक्ष) डॉ. गिरधर शर्मा (सचिव), डॉ. त्रिलोक सिंह राणा (उपसचिव), डॉ. प्रद्युम्न चतुर्वेदी (कोषाध्यक्ष) तथा प्रिल्यूड विद्यालय के प्राचार्य अरविंद श्रीवास्तव की उपस्थिति खास रही। कार्यक्रम का संचालन शिक्षिका रूपाली शर्मा ने किया।
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