ताज साहित्योत्सवः भारत की भाषाई विविधता और किताबों पर चर्चा  

आगरा। ताज साहित्य उत्सव के दूसरे दिन का तीसरा सत्र भाषा की विविधता को दर्शाने वाला उत्सव था। गुलिस्तां सर्वभाषा नाम के इस सत्र में भारत की भाषाई विविधता को खूबसूरती के साथ प्रस्तुत किया गया। इसके साथ ही किताबें बोलती हैं, सत्र में कविताओं पर चर्चा की गई। 

Jan 12, 2025 - 18:00
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ताज साहित्योत्सवः भारत की भाषाई विविधता और किताबों पर चर्चा   
ताज साहित्य उत्सव के तीसरे सत्र में प्रतिभाग करते कवि, साहित्यकार और अधिकारी।  

तीसरे सत्र की शुरुआत कवयित्री रुचि चतुर्वेदी ने ब्रज भाषा में भक्ति मे सराबोर अपनी कविता से की। ममता सिकरवार ने बुंदेलखंडी भाषा में वहां की मिट्टी और जीवन से जुड़ा एक गीत प्रस्तुत किया। इस गीत को वहां मौजूद हर किसी ने अपने जीवन से जुड़ा हुआ पाया।

अन्य कवियों ने भाषाओं की समृद्धि और विविधता को खूबसूरती से प्रस्तुत किया। प्रसिद्ध अभिनेत्री बलजीत कौर ने पंजाबी भाषा कुछ पंक्तियां प्रस्तुत कीं, जिससे श्रोता भावविभोर हो गए। बलजीत कौर ने कहा कि वो अमिताभ बच्चन के ऊर्जावान व्यक्तित्व से बहुत प्रभावित हैं।

सपना सोनी ने राजस्थानी भाषा में राजस्थान की विशेषताएं एक गीत के जरिए प्रस्तुत कीं। चांदनी पांडे ने प्रेम से जुड़ी कविता प्रस्तुत की, जिसे श्रोताओं ने बहुत सराहा। सरला मिश्रा ने हिन्दी में एक भावनात्मक कविता प्रस्तुत कर सबको भाव विभोर कर दिया। इस सत्र ने भारत की सांस्कृतिक विविधता और भाषाई एकता को खूबसूरती से उजागर किया। मंच का संचालन पंकज शर्मा ने किया ।

किताबें बोलती हैं: साहित्य का महत्व

किताबें बोलती हैं, नामक सत्र में आईपीएस अधिकारी डॉ. राजश्री सिंह, सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी प्रदीप भटनागर, डॉ. संगीता भटनागर और साहित्यकार रामेन्द्र मोहन त्रिपाठी ने परिचर्चा में हिस्सा लिया। मंच का संचालन पीयूष पांडे ने किया।

डॉ. राजश्री सिंह ने पुलिस विभाग की चुनौतियों पर बात करते हुए कहा कि पुलिस का काम कठिन है, जहां कभी प्रशंसा मिलती है तो कभी सही कार्य पर भी आलोचना झेलनी पड़ती है। उन्होंने कहा कि  प्रशंसा मिले या आलोचना, पुलिस अपनी जिम्मेदारी के प्रति तत्पर रहती है।

डॉ. संगीता भटनागर ने विलुप्त होती पाक कलाओं और मथुरा की सांस्कृतिक विरासत पर लिखी अपनी पुस्तकों का उल्लेख किया, जो नई पीढ़ी को पुरानी परंपराओं से परिचित कराती हैं।

रामेन्द्र मोहन त्रिपाठी ने जीवन से जुड़ी गहरी बातों को कविता के माध्यम से प्रस्तुत किया। प्रदीप भटनागर ने अपने प्रशासनिक कार्यकाल के महत्वपूर्ण अनुभव साझा किए।

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SP_Singh AURGURU Editor