तबला वादक पद्म विभूषण जाकिर हुसैन का निधन, आगरा भी कई बार आए थे

सैन फ्रांसिस्को। मशहूर तबला वादक पद्म विभूषण जाकिर हुसैन का 73 साल की उम्र में निधन हो गया । सैन फ्रांसिस्को के एक हॉस्पिटल में उन्होंने आखिरी सांस ली। जाकिर हुसैन चार दशक पहले अमेरिका में जा बसे थे। अपने जीवन काल में जाकिर हुसैन कई बार आगरा भी आए थे।

Dec 15, 2024 - 23:12
Dec 16, 2024 - 11:01
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तबला वादक पद्म विभूषण जाकिर हुसैन का निधन, आगरा भी कई बार आए  थे

आगरा भी कई बार आ चुके हैं जाकिर हुसैन

ताज चाय के मशहूर विज्ञापन वाह ताज! से इस ब्रांड को घर-घर लोकप्रिय बनाने वाले जाकिर हुसैन ने अपने जीवन काल में कई बार आगरा की यात्रा भी की थी। आगरा के मुगल शेरेटन में होने वाले आईटीसी संगीत सम्मेलन में वे प्रायः आते रहे। 

दिल की बीमारी से जूझ रहे जाकिर हुसैन

कल शाम एक करीबी सूत्र ने बताया था कि जाकिर हुसैन गंभीर‌ रूप से बीमार हैं और उनका इलाज अमेरिका में चल रहा है। इसके कुछ समय बाद ही उनके निधन की खबर आई, लेकिन उस समय जाकिर हुसैन के भतीजे निधन की खबर को गलत बताते हुए लोगों से अपील की थी कि वे उनके लिए दुआएं करें। भतीजे का कहना था कि उनकी हालत गंभीर है, लेकिन निधन नहीं हुआ है। इसके बाद देर रात उनकी मृत्यु की पुष्टि कर दी गई। पिछले कुछ सालों से हार्ट से रिलेटेड बीमारी से जूझ रहे थे। करीब 2 साल पहले उन्हें हार्ट में ब्लॉकेज की वजह से स्टेंट भी लगाया गया था।

 

कम उम्र में ही जाकिर हुसैन ने सीखा था तबला

जाकिर हुसैन के पिता दिवगंत मशहूर तबला वादक अल्लारक्खा खां थे। उन्होंने कई देसी और विदेशी फिल्मों में भी संगीत दिया और फिल्मों के लिए तबला वादन किया। जाकिर हुसैन ने बेहद कम उम्र में ही तबला सीखना शुरू किया था। उन्होंने इसकी प्रैक्टिस 7 साल की उम्र में की थी और 12 साल की उम्र से ही उन्होंने देश भर में परफॉर्मेंस देनी शुरू कर दी थी।

 

4 दशक पहले अमेरिका में जा बसे थे जाकिर हुसैन

लगभग चार दशक पहले उस्ताद जाकिर हुसैन पूरी फैमिली के साथ अमेरिका के सैन फ्रांसिस्कों में जा बसे थे। जाकिर हुसैन को कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के पुरस्कारों से नवाजा गया। उनकी ख्याति देश के बाहर विदेशों में भी फैली हुई थी।

 

 भारत सरकार ने उन्हें 1988 में पद्मश्री दिया था। इसके बाद साल 2002 में उन्हें पद्मभूषण भी दिया गया। साल 2023 में उन्हें भारत के पद्म विभूषण जैसे पुरस्कार से उन्हें नवाजा गया था। जाकिर हुसैन को साल 1990 में संगीत का सर्वोच्च सम्मान यानी 'संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार' भी मिला था।

 

जाकिर हुसैन ने 4 बार हासिल किया ग्रैमी पुरस्कार

जाकिर हुसैन को सिर्फ देश में ही नहीं, विदेश के भी बड़े पुरस्कारों से नवाजा गया। कंटेम्पररी वर्ल्ड म्यूजिक एलबम कैटगरी में सामूहिक संगीतमय परियोजना/प्रयास के रूप में मशहूर हुए एलबम 'ग्लोबल ड्रम प्रोजेक्ट' के लिए उन्हें 2009 में 51वें ग्रैमी अवॉर्ड्स से नवाजा गया था। उस्ताज जाकिर हुसैन को सात बार ग्रैमी अवॉर्ड के लिए नॉमिनेट किया गया और कमाल की बात ये है कि इनमें से उन्होंने इस अवॉर्ड को चार बार अपना बनाया था।

 

 

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SP_Singh AURGURU Editor