बुलडोजर एक्शन पर रोक जारी, अवमानना करने वालों से वसूलेंगे मुआवजा
नई दिल्ली। बुलडोजर एक्शन के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने आज फैसला सुरक्षित रख लिया। सुनवाई के दौरान जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि फैसला आने तक देशभर में बुलडोजर एक्शन पर रोक जारी रहेगी। बेंच ने यह भी कहा कि कोर्ट के आदेश की अवमानना करने वालों पर एक्शन होगा। साथ ही पीड़ितों की संपत्ति वापस की जाएगी, जिसका मुआवजा भी दोषी अधिकारियों से वसूला जाएगा।
सुनवाई सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने उत्तर प्रदेश, मध्यप्रदेश और राजस्थान सरकार का पक्ष रखा। साथ ही कहा कि एक समुदाय विशेष के खिलाफ बुलडोजर एक्शन किए जाने के आरोप लगे हैं। इस पर जस्टिस गवई ने कहा कि हम एक धर्मनिरपेक्ष देश हैं। हम जो भी निर्धारित कर रहे हैं वह पूरे देश के लिए होगा। चाहे वह मंदिर हो या दरगाह, उसे हटाना ही सही होगा, क्योंकि सार्वजनिक सुरक्षा सबसे पहले है।
इस पर मेहता ने कहा कि बिल्कुल, यही होता है। इसके बाद जस्टिस विश्वनाथन ने कहा कि अगर दो अवैध ढांचे हैं और आप किसी अपराध के आरोप को आधार बना कर उनमें से सिर्फ एक को गिराते हैं, तो सवाल उठेंगे ही। इस दौरान जस्टिस गवई ने कहा कि मैं जब मुंबई में जज था तो खुद भी फुटपाथ से अवैध निर्माण हटाने का आदेश दिया था, लेकिन हमें यह समझना होगा कि अपराध का आरोपी या दोषी होना मकान गिराने का आधार नहीं हो सकता। इसे बुलडोजर जस्टिस कहा जा रहा है। तुषार मेहता ने कहा कि मेरा सुझाव है कि रजिस्टर्ड डाक से नोटिस भेजने की व्यवस्था होनी चाहिए। 10 दिन का समय देना चाहिए। मैं कुछ तथ्य रखना चाहता हूं। यहां ऐसी छवि बनाई जा रही है, जैसे एक समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।
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