तिरुपति लड्डू विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा- कम से कम भगवान को तो राजनीति से दूर रखें
नई दिल्ली। तिरुपति मंदिर के लड्डुओं में जानवरों की चर्बी मिलाए जाने के मामले पर आज सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की बेंच चार याचिकाओं पर सुनवाई कर रही है। याचिकाओं में लड्डू की जांच कोर्ट की निगरानी में करने की मांग की गई है।
याचिकाकर्ताओं में डॉ. सुब्रमण्यम स्वामी, वाई.वी. सुब्बा रेड्डी, विक्रम संपत और दुष्यंत श्रीधर शामिल हैं। सुरेश चव्हाणके की ओर से सीनियर एडवोकेट सोनिया माथुर दलीलें रख रही हैं। सिद्धार्थ लूथरा और मुकुल रोहतगी आंध्र प्रदेश सरकार की तरफ से है। वहीं केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता मौजूद हैं। सुब्रमण्यम स्वामी की ओर से वरिष्ठ वकील राजशेखर राव ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि मैं एक श्रद्धालु के तौर पर कोर्ट में पेश हुआ हूं। प्रसाद में मिलावट पर जो बयान मीडिया में दिया गया है, उसका प्रभाव बहुत बड़ा हो सकता है। इससे कई मुद्दे उठेंगे और सांप्रदायिक सौहार्द्र बिगड़ सकता है। यह चिंता का विषय है। अगर भगवान के प्रसाद पर कोई प्रश्न चिह्न है, तो इसकी जांच होनी चाहिए। इस पर कोर्ट ने कहा कि जब प्रसाद में पशु चर्बी होने की जांच खुद सीएम ने एसआईटी को दी है। तब उन्हें पहले ही मीडिया में जाने की क्या जरूरत थी। कम से कम भगवान को तो राजनीति से दूर रखें।
वहां एक प्रक्रिया है जिसके तहत शुद्ध सामान ही अंदर जाता है वो भी बिना इजाजत नहीं। माननीय मुख्यमंत्री का बयान इससे इनकार करता है। टीटीडी के अधिकारियों ने कहा था कि घी सौ फीसदी नहीं था। क्या उसकी सैंपलिंग हुई थी? क्या सैंपल रिजेक्टेड सैंपल से लिए गए थे? सप्लायर कौन था? क्या किसी राजनीतिक दखल को इजाजत दी जानी चाहिए?
बिहार के दरभंगा में कोसी पर बना बांध टूटा, एक लाख लोग प्रभावित
पटना। नेपाल में हुई भारी बारिश की वजह से बिहार के 12 जिलों में बाढ़ का खतरा है। दरभंगा में देर रात कोसी नदी का बांध टूट गया। इससे एक लाख लोग प्रभावित हुए हैं। इसके अलावा सीतामढ़ी, शिवहर और बगहा जिले में भी बागमती नदी के छह तटबंध टूटे हैं।
प्रशासन ने पश्चिम चंपारण जिले में आठ प्रखंडों के 58 स्कूलों को दो अक्टूबर तक बंद कर दिया है। बाढ़ का सबसे ज्यादा असर सुपौल और पश्चिमी चंपारण के इलाके में पड़ा है। अररिया में भी बारिश और बाढ़ के कारण रेलवे ट्रैक पर पानी आ गया। अगले 24 घंटे में बाढ़ का दायरा बढ़ेगा।
मिर्जापुर में पुलिस कप्तान ने अचानक पूरी चौकी को क्यों निलंबित कर दिया?
मिर्जापुर। उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के रामबाग कुरैश नगर मोहल्ले में संरक्षित पशुओं के साथ क्रूरता का मामला सामने आने के बाद पुलिस ने बड़ी कार्रवाई की है। सोशल मीडिया पर इस क्रूरता का वीडियो वायरल होने और स्थानीय लोगों की शिकायत पर पुलिस टीम ने इलाके में छापेमारी की। इस कार्रवाई में अस्पताल चौकी के प्रभारी हरिशंकर यादव समेत 10 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है। साथ ही शहर कोतवाल बालमुकुंद मिश्रा के खिलाफ भी जांच के आदेश दिए गए हैं।
वीडियो में संरक्षित पशुओं के साथ क्रूरता दिखाई गई थी, जिससे स्थानीय लोगों में रोष फैल गया था। मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस अधीक्षक अभिनंदन ने तुरंत एएसपी सिटी नितेश सिंह के नेतृत्व में एक टीम गठित की। इस टीम ने रामबाग कुरैश नगर मोहल्ले में कई घरों की तलाशी ली, जहां से पुलिस को तीन घरों में पशुओं के अवशेष मिले। फोरेंसिक टीम ने अवशेषों को अपने कब्जे में लेकर जांच के लिए भेज दिया है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद यह स्पष्ट होगा कि ये अवशेष किस प्रकार के पशुओं के हैं।
जांच के दौरान पुलिस ने तीन महिलाओं समेत आठ लोगों को हिरासत में लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है। इसके अलावा मोहल्ले के स्लॉटर हाउसों के लाइसेंस की भी जांच की जा रही है। पुलिस और नगर पालिका अधिकारियों के मुताबिक, यह स्लॉटर हाउस कई वर्षों से चल रहे हैं। कई स्थानों पर लाइसेंस पाए गए हैं, जिनकी वैधता की जांच की जा रही है। नगर पालिका अध्यक्ष श्याम सुंदर केसरी ने बताया कि 2017 के बाद से नगर पालिका की ओर से कोई नया लाइसेंस जारी नहीं किया गया है।
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