गवाहों के बयान विरोधाभासी थे, दुराचार का आरोपी ठेकेदार बरी, चोटें पहुंचाने में तीन को तीन साल की सजा
महिला श्रमिक से दुराचार का एक आरोपी अदालत ने इसीलिए बरी कर दिया क्योंकि गवाहों के बयान विरोधाभासी थे। एक अन्य मामले में घातक चोटें पहुंचाने के आरोप में न्यायालय ने तीन लोगों को तीन वर्ष कैद की सजा सुनाई है।
आगरा। प्लास्टिक गोदाम में कार्यरत महिला श्रमिक के साथ दुराचार एवं धमकी देने के मामले में आरोपित ठेकेदार अजय राठौर पुत्र महेश राठौर निवासी बल्देव नगर, गोबर चौकी, थाना ताजगंज को पर्याप्त सबूत के अभाव में एडीजे-10 काशीनाथ ने बरी कर दिया।
थाना ताजगंज में दर्ज मामले के अनुसार वादी मुकदमा ने थाने पर तहरीर देकर आरोप लगाया कि उसकी बहन पल्स रिसोर्ट मैरिज होम के पीछे राहुल प्लास्टिक के गोदाम में कार्य करती थी। वहां आरोपी अजय राठौर ठेकेदार था। 11 नवम्बर 2021 की शाम पीड़िता गोदाम पर अकेली थी। उसी दौरान आरोपी ठेकेदार अजय राठौर ने वादी की बहन से दुराचार किया और किसी से शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी।
अभियोजन की तरफ से वादी मुकदमा, पीड़िता सहित छह गवाह अदालत में पेश किये गये। गवाहों के बयानों में गम्भीर विरोधाभास, घटना की रिपोर्ट तीन दिन की देरी से दर्ज कराने, स्वतंत्र गवाह के अभाव, विधि विज्ञान प्रयोगशाला की रिपोर्ट एवं आरोपी ठेकेदार के अधिवक्ता नीरज पाठक के तर्क पर एडीजे-10 काशीनाथ ने आरोपी को संदेह का लाभ प्रदान कर बरी करने के आदेश दिये। अदालत ने आदेश में नजीर का हवाला देकर कहा कि फौजदारी मामले में संदेह चाहें जितना प्रबल हो, सबूत का स्थान नहीं लें सकता। यदि मामले के तथ्य एवं परिस्थिति ऐसी मांग करती हो तो संदेह का लाभ अभियुक्त को दिया जाना चाहिये।
आगरा। लकड़ी की टाल में घुसकर लाठी-डंडे और धारदार हथियार से घातक चोटें पहुंचाने के मामले में आरोपित शाहरुख व बबलू पुत्रगण रफीक उर्फ शरीफ एवं छोटे पुत्र मुन्ना निवासी राहुल नगर, नई आबादी, थाना जगदीशपुरा को दोषी पाते हुये एडीजे-21 विराट कुमार श्रीवास्तव ने तीन वर्ष की कैद एवं साठ हजार रुपये के अर्थदंड से दंडित किया है।
थाना जगदीशपुरा में दर्ज मामले के अनुसार वादी मुकदमा इरफान सैफी ने थाने पर मुकदमा दर्ज कराकर आरोप लगाया कि 18 मई 2024 की रात्रि 11 बजे वादी का भाई फरमान सैफी राहुल नगर स्थित अपनी लकड़ी की टाल पर बैठा हुआ था। उसी दौरान आरोपी शाहरुख, बबलू, छोटे एवं अन्य ने लाठी-डंडे, धारदार हथियारों से उस पर हमला किया और घातक चोटें पहुंचाईं।
अभियोजन की तरफ से उक्त मामलें में वादी मुकदमा, चुटैल सहित पांच गवाह अदालत में पेश किये गए। एडीजे-21 विराट कुमार श्रीवास्तव ने पत्रावली पर उपलब्ध सबूत एवं एडीजीसी योगेश बघेल के तर्क पर आरोपियों को दोषी पाते हुये उन्हें तीन वर्ष कैद एवं 60 हजार रुपये के अर्थदण्ड से दंडित किया।
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