लेह में बनेगा अंतरिक्ष जैसा वातावरण, प्रशिक्षण लेंगे अंतरिक्ष यात्री
अंतरिक्ष में मानव को ले जाने की तैयारी भारत ने तेज कर दी है। इसके लिए इसरो ने एनालाग मिशन शुरू किया है। इसके तहत लेह में किसी स्थान पर स्पेस जैसा वातावरण , मौसम , परिस्थिति तैयार की जाएगी। जहां अंतरिक्ष में जाने से पहले अंतरिक्ष मे सामने आने वाली परेशानी पर विजय प्राप्त करने का प्रशिक्षण लेंगे।
लेह। अब अंतरिक्ष में जाने वाले भारतीय यात्रियों को ट्रेनिंग के लिए अमेरिका या रूस नहीं जाना पड़ेगा। इसरो ने लेह में एनालाग स्पेस मिशन शुरू किया है। इस मिशन का उद्देश्य पृथ्वी पर ही स्पेस जैसा माहौल, वातावरण , मौसम आदि को क्रिएट करना है। जिससे अंतरिक्ष यात्री स्पेस जैसा जीवन पृथ्वी पर ही महसूस कर सकेंगे और इसमें रहकर खुद को स्पेस यात्रा के अनुसार ढाल सकेंगे।
अंतरिक्ष में क्या -क्या चुनौतियां यात्रियों को झेलनी होंगी, वह चुनौतियां एनालाग मिशन में भी उनके सामने आएंगी, जिनको उन्हें पार करना होगा। इस मिशन के लिए लेह का चयन इसलिए किया गया है क्योंकि लेह की धरती की सतह चंद्रमा या मंगल की सतह से मिलती जुलती है।
यह मिशन केवल यात्रियों को प्रशिक्षित ही नहीं करेगा वरन वैज्ञानिकों को भी यह पता चल सकेगा कि उनकी कौन सी तकनीक सही काम कर रही है तथा किस में सुधार की आवश्यकता है।
अंतरिक्ष जैसे वातावरण का निर्माण करके अंतरिक्ष यात्रा के दौरान होने वाली परेशानियों को पहले से समझा जा सकेगा तथा उसका निदान निकाला जा सकेगा।
प्रशिक्षण के दौरान यात्री कठिन सतह पर चलने, सीमित साधनों का प्रयोग तथा सीमित संचार सुविधाओँ का बेहतर प्रयोग करना सीखेंगे। इसरो के अलावा इस मिशन में ह्यूमन स्पेस फ्लाइट सेंटर, एएकेए स्पेस स्टूडियो, लद्दाख विश्वविद्यालय, आईआईटी मुंबई तथा लद्दाख स्वायत्त पहाड़ी विकास परिषद सहयोग कर रहे हैं। इस मिशन से भारत के स्पेस प्रोग्राम को गति मिलेगी तथा भविष्य में स्पेस रिसर्च के क्षेत्र में भारत की अग्रणी भूमिका रहेगी।
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