सपा ने आयोग से कहा, वोटिंग के समय बुर्का हटाने पर न दें जोर
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की नौ सीटों पर बुधवार को वोटिंग होने जा रही है। इससे पहले समाजवादी पार्टी ने चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिखी है। सपा ने वोटिंग के दौरान मुस्लिम महिलाओं का बुर्का हटाकर पहचान नहीं करने की मांग की है, जिसे लेकर अब भारतीय जनता पार्टी ने चौतरफा हमला बोल दिया है। बीजेपी ने सपा की इस मांग पर सवाल उठाए और कहा कि सपा हार की संभावना को देखते हुए पेशबंदी पर उतर आई है।
यूपी के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सपा की चिट्ठी को लेकर हमला बोलते हुए कहा कि ये भ्रमित हैं। सांविधानिक संस्थाओं पर आरोप लगाना उनकी पुरानी आदत है। हम सब नियम कानून से चलेंगे जो निर्वाचन आयोग का नियमों के तहत मतदान में हिस्सा लेंगे। ब्रजेश पाठक ने दावा किया कि बीजेपी मतदान के लिए पूरी तरह से तैयार है। हम यूपी की सभी नौ सीटों पर चुनाव जीतने जा रहे हैं।
यूपी बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने भी सपा की मांग पर जबरदस्त पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि सपा अपनी संभावित हार को देखते हुए पेशबंदी पर उतर आई है। सपा ये जान रही है कि इस उपचुनाव में जीतना मुश्किल है, इसलिए ठीकरा कैसे फोड़ा जा सके, कारण कैसे गिनाए जा सकें इसके लिए वो पहले से प्रयास कर रही है।
उन्होंने कहा कि बुर्के में किसी का वोट कराना निश्चित तौर पर गैर कानूनी है। मतदाता पहचान पत्र से पहचान होना आवश्यक है। ये निर्वाचन की पवित्रता और पारदर्शिता के लिए भी जरूरी है लेकिन, सपा जानबूझकर पोलिंग पार्टी पर कैसे दबाव बनाया जा सके, कैसे निर्वाचन से जुड़े कर्मियों पर अनावश्यक दबाव बन सके उसके लिए ये माँग कर रही है। जो भी आवश्यक नियमावली है उसका अनुपालन होना चाहिए। हर मतदाता की पहचान सुनिश्चित करके ही उसका वोट पड़ना चाहिए।
इस पूरे विवाद पर कांग्रेस पार्टी ने भी प्रतिक्रिया दी है। कांग्रेस प्रवक्ता अंशू अवस्थी ने सपा की मांग का समर्थन करते हुए कहा कि इंडिया गठबंधन समाजवादी पार्टी की तरफ से लिखे गए चुनाव आयोग को पत्र को समर्थन देता है। किसी के परिचय पत्र और बुर्के को उठाने का पुलिस को कोई नैतिक अधिकार नहीं, पीठासीन अधिकारी करें परिचय पत्र और बुर्का उठाकर पहचान, पुलिस भाजपा सरकार की एजेंट बनकर काम कर रही है पारदर्शी चुनाव कराना संविधान के मुताबिक चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है।
दरअसल सपा यूपी ईकाई के प्रदेश अध्यक्ष श्याम लाल पाल ने चुनाव आयोग को एक चिट्ठी लिखी है जिसमें उन्होंने लोकसभा चुनाव 2024 का हवाला देते हुए कहा है कि 20 नवंबर को होने वाले राज्य उपचुनाव में वोटिंग के दौरान सुरक्षाकर्मी मुस्लिम महिलाओं का बुर्का हटाकर चेकिंग न करें। लोकसभा चुनाव में पुलिसकर्मियों ने मुस्लिम महिलाओं को चेकिंग के बहाने भयभीत किया था, जिससे बड़ी संख्या में महिला वोटर डरकर अपने मताधिकार का प्रयोग किए बिना ही लौट गई और इससे चुनाव में सपा के वोटिंग पर्सेंट पर भी असर देखने को मिला था।
What's Your Reaction?